कर्मकाण्ड/ ritual 

KARMAKAND

कर्मकांड का अर्थ-:

अनुष्ठान या कर्मकांड से तात्पर्य पर ऐसे धार्मिक कृतियों से है, जो विशेष कार्यों के सफलतापूर्वक संपादन के लिए विशेष स्थान पर, विशेष विधि से, विशेष सामग्री के माध्यम से, विशिष्ट व्यक्ति द्वारा संपादित किए जाते हैं। 

उदाहरण के लिए- महामृत्युंजय यज्ञ, विभिन्न संस्कार आदि। 

कर्मकांड की विशेषताएं-:

  • कर्मकांड धर्म से संबंधित कृत्य या अनुष्ठान होते हैं। 

  • कर्मकांड किसी विशिष्ट विधि के माध्यम से संपादित किए जाते हैं। 

  • कर्मकांड का एक विशिष्ट उद्देश्य होता है। 

  • अनुष्ठान या कर्मकांड विशिष्ट अवसर पर संपादित किए जाते हैं। 

  • कर्मकांड में पवित्र सामग्री का प्रयोग होता है। 

  • कर्मकांड में नियमों की कठोरता पर बोल दिया जाता है। 

  • कर्मकांड किसी विशिष्ट व्यक्ति ( अर्थात पंडित )के माध्यम से संपन्न होते हैं। 

कर्मकांड की उपयोगिता या लाभ-:

  • व्यक्ति की पवित्रता या शुद्धता बनाए रखने में सहायक है; जैसे- संस्कार। 

  • किसी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं; जैसे- यज्ञ। 

  • ये व्यक्ति को नैतिक आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।

  • कर्मकांड से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता का विकास होता है, जैसे- पूजा-पाठ, ध्यान। 

  • कर्मकांड का एक मुख्य उद्देश्य अनिशष्टकारी शक्तियों से रक्षा करना भी होता है; जैसे– तांत्रिक साधना। 

वर्तमान में कर्मकांडो़ की स्थिति-

वर्तमान में धार्मिक कर्मकांड का महत्व घटता जा रहा है, जिसके लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार है-:

  • कर्मकांडों का अधिक खर्चीला होना। 

  • पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव। 

  • संयुक्त परिवारों का विघटन।

  • आधुनिक शिक्षा से व्यक्ति वादी प्रवृत्ति का विकास होना। 

  • वर्तमान में बढ़ता भौतिकतावाद एवं उपभोक्तावाद।

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