[कृत्रिम बुद्धिमत्ता]
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता दो शब्दों का योग है
कृत्रिम- अर्थात मानव द्वारा निर्मित।
बुद्धिमत्ता- अर्थात बौद्धिक क्षमता।
इस प्रकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता का तात्पर्य मानव द्वारा मशीनों में विकसित की गई ऐसी बौद्धिक क्षमता से है, जिसके माध्यम से मशीनें परिस्थिति के अनुसार स्वयं से ही उपयुक्त निर्णय लेने, विभिन्न अनुभवों द्वारा कार्यप्रणाली सीखने एवं नए विचार उत्पन्न करने में सक्षम होती है।
अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीन का मस्तिष्क होती है, जिसके कारण मशीनें मनुष्य की भांति व्यवहार कर पाती हैं।
पृष्ठभूमि-:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता विज्ञान की आधुनिक तकनीक है, जिसका विकास लगभग मध्य बीसवीं सदी के बाद से हुआ, क्योंकि सर्वप्रथम 1950 के दशक में हर्बर्ट साइमन ने बताया कि कंप्यूटर भी मनुष्य की तरह सोच सकते हैं उनके इसी विचार से ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का विकास प्रारंभ हुआ।
1956 में जान मैक्कार्थी नामक वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम कृत्रिम बुद्धिमत्ता शब्द को परिभाषित किया, और इसके बाद उन्होंने 1960 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की LIPS नामक प्रोग्राम लैंग्वेज विकसित की, इसलिए उन्हें कृत्रिम बुद्धिमत्ता का पिता भी कहा जाता है।
1981 में विश्व में सबसे पहले जापान देश ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास की पहल करते हुए 5th जनरेशन नामक योजना लागू की।
इसके बाद अनेकों वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अपना योगदान देकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास किया और इस विकास के चलते वर्ष 2016 में हांगकांग में सोफिया नामक प्रसिद्ध मानव सदस्य बुद्धिमान रिपोर्ट का विकास किया गया। जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
हालांकि इसके अलावा वर्ष 2014 में अमेजन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस इ
एलेक्जा नामक वॉइस असिस्टेंट का विकास किया, 2017 में सैमसंग ने बिक्सबी नामक वॉइस असिस्टेंट लांच किया, इसी तरह गूगल ने भी अपना गूगल वॉइस असिस्टेंट लॉन्च किया है जिसका अनेकों मोबाइल धारक अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर रहे हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से भविष्य में ड्राइवर विहीन ऑटोमेटिक वाहनों, रोबोट सेना जैसी संकल्पनाएं साकार होती नजर आ रही हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के घटक-:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता में निम्न घटक शामिल होते हैं-:
Data science (फील्ड किए गए डाटा को समझना, उसका अवलोकन करना और उसके आधार पर आउटपुट देना)
Machine learning, deep learning(विभिन्न अनुभवों द्वारा सीख कर स्वयं की कार्यप्रणाली में सुधार करना)
Autonomous system(परिस्थिति के अनुसार स्वयं से उपयुक्त निर्णय लेना)
Language processing(मानव की भाषा को मशीनी भाषा में मशीनी भाषा को मानव की भाषा में बदलना)
Creativity(डाटा की स्मरण शक्ति के आधार पर क्रिएटिविटी करना)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार-:
कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता
शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता
कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता-:
किसी एक विशिष्ट कार्य को करने की कृत्रिम बुद्धिमत्ता कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहलाती है जैसे-: गूगल का वॉइस सिस्टम केबल बोलने से संबंधित कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त है अन्य कर नहीं कर सकता।
शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता
वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता जो मनुष्य के मस्तिष्क की भांति अनुभव से सीखकर, कोई भी मुश्किल कार्य करने में सक्षम होती है उसे शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं।
जैसे- सोफिया रोबोट।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग-:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से मशीनें,मनुष्य की भांति स्वयं से ही अनेकों कार्य करने में सक्षम हो गई है, परिणाम स्वरूप हमारे जीवन में छोटे से लेकर बड़े से बड़े काम तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनों का उपयोग होने लगा है कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है-:
स्मार्टफोन लैपटॉप में उपयोग-:
वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सर्वाधिक उपयोग स्मार्टफोन, लैपटाप में किया जा रहा है जैसे-
गूगल वॉइस असिस्टेंट के रूप में
मोबाइल द्वारा फेस रिकॉग्निशन में।
हैंडराईटिंग रिकॉग्निशन में।
ऑटोमैटिक टैक्स करेक्शन के रूप में।
ऑटोमेटिक रूप से मोबाइल की ब्राइटनेस घटने बढ़ने में।
ऑटोमेटिक रूप से वाईफाई कनेक्ट करने में।
ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में-:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी व्यापक तौर पर होता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण ड्राइवरलेस कार है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शानदार उपयोग किया गया।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में-:
विभिन्न अस्पतालों एवं हेल्थ केयर सेंटरों के अंदर एक्स रे मशीन, एम आर आई मशीन, आईसीयू आदि में तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया ही जाता है साथ ही वर्तमान में फिटनेस बैंड में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होती है जिसके कारण वे हमें यह बताते हैं कि हमनें आज कितनी एनर्जी बर्न की, हमारी हार्ट रेट कितनी है और कितनी होनी चाहिए?
इसके अलावा भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट द्वारा शल्य चिकित्सा संभव हो सकेगी जो काफी ज्यादा एक्यूरेसी वाली होगी।
बैंकिंग सेक्टर में-:
बैंक कार्यालय में वित्तीय सलाह देने, निगरानी रखने तथा हिसाब किताब का डाटा रखने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो रहा है इस क्षेत्र में भारत का लक्ष्मी रोबोट सबसे बड़ा उदाहरण है, जो बैंकिंग सेवा उपलब्ध करवाता है।
सुरक्षा क्षेत्र में-:
आधुनिक हथियार के निर्माण में जैसे- एंटी माइंस युद्ध टैंक निर्माण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होता है।
इसके अलावा का भविष्य में मानव सेना के स्थान पर रोबोट सेना बनाने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा सकता है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में-:
अंतरिक्ष उपग्रहों की विभिन्न बुद्धिमान पैलोड़ों का निर्माण करने में।
मानव के स्थान पर अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले रोबोट का निर्माण करने में।
सोशल मीडिया में-:
यूट्यूब व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइटों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बहुत उपयोग होता है जिसके कारण ही ये सॉफ्टवेयर हमें हमारी पसंद की वीडियो या पोस्ट को रिकंबाइनेंट कर पाते हैं।
गेमिंग में-:
विभिन्न प्रकार के वीडियो गेम जैसे- पब्जी, लूडो, रेसिंग कार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ही उपयुक्त तरीके से कार्य कर पाते।
कृषि के क्षेत्र में-:
मृदा एवं फसल की जांच में
स्मार्ट खेती में यह बताने के लिए कि खेतों में कौन से बीज व कौन सी खाद की आवश्यकता है?
घरेलू कार्यों में-:
स्मार्ट होम के रूप में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आवश्यकतानुसार बंद चालू करने।
ऑटोमेटिक घर की सफाई करने वाली रोबोट में।
इसके अलावा ऐसे कार्य को करने वाली मशीन बनाने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाता है जो कार्य मनुष्य नहीं कर सकता है जैसे-:
पेट्रोल ईंधन खनिज की खुदाई के कार्यों वाली मशीनों में।
समुद्र के अंदर संसाधन को खोजने वाली मशीनों में।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे-:
यदि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को हमारी सभ्यता की सबसे बड़ी उपयोगी घटना कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे जीवन के लिए अनेकों को दृष्टि से महत्वपूर्ण है जिसका विवरण निम्नलिखित है-
खतरनाक कार्यों को करने में सक्षम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से मशीनें ऐसे कार्य कर सकती हैं जो मनुष्य के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं जैसे- अंतरिक्ष शोध का कार्य, समुद्र के अंदर संसाधन की खोज, बम डिस्फ्यूज करने का कार्य, आपदा प्रबंधन का कार्य।
कार्यों में गुणवत्ता
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से कोई भी कार्य बहुत ही सटीकता के साथ, अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनों से मानव की तुलना में कम गलतियां होती हैं।
कार्यों में तीव्रता
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से कोई भी कार्य मानव की तुलना में बहुत ही कम समय में संपन्न किया जा सकता है, क्योंकि आर्टिफिशियल युक्त मशीन बिना थकान के निरंतर रूप से तीव्र गति के साथ कार्य करती हैं।
तनाव एवं शारीरिक कष्ट से सुरक्षा
हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त यंत्रों द्वारा विभिन्न कार्य करवा कर, विभिन्न कार्य-तनाव एवं शारीरिक कष्ट से बच सकते हैं। जैसे- रोबोट द्वारा सफाई का कार्य करवाकर।
संसाधनों का समुचित प्रयोग
कृतिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से संसाधनों के समुचित उपयोग होगा, जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त स्मार्ट होम में घर के बाहर निकलने से सभी उपकरण ऑटोमेटिक बंद हो जाते हैं जिससे बिजली की बचत होती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नकारात्मक प्रभाव-:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता जहां एक और हमारे जीवन के लिए वरदान साबित हुआ है वहीं दूसरी ओर मानव जीवन के लिए खतरा भी बन गया है क्योंकि इसका हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है जिसे निम्न बिंदुओं द्वारा समझा जा सकता है-
बेरोजगारी की समस्या-:
भारत जैसे देश में वर्तमान में बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है किंतु यदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त मशीन उपयोग होने लगी तो यह बेरोजगारी की समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाएगी क्योंकि अनेक व्यक्तियों का काम अकेले एक ही मशीन कर सकती है।
मनुष्य का महत्व कम-:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनों के युग में रोबोट जैसी मशीनों का महत्व बढ़ता जा रहा है और मनुष्य का महत्व एवं मानव प्रेम कम होता जा रहा है।
मनुष्य के स्वास्थ्य में विपरीत प्रभाव-
कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनों के अधिकाधिक प्रयोग से मनुष्य आलसी एवं मशीनों पर निर्भर हो जाएगा जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
मनुष्य के अस्तित्व के लिए खतरा-:
यदि कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीनें सेन से ही सीख कर स्वयं सही निर्णय लेने में सक्षम होती हैं तो ऐसे में वे मनुष्य को अपना प्रतिद्वंदी समझकर मनुष्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं जो मनुष्य के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है।
अतः उपरोक्त सीमाओं को ध्यान में रखते हुए हमें केवल ऐसे आर्टिफिशियल यंत्रों एवं रोबोटों का निर्माण करना चाहिए जो
मनुष्य द्वारा नियंत्रित हो सके,
मनुष्य के आदेश का पालन करें
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता-:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न क्षेत्र में उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता को काफी ज्यादा बढ़ावा दिया है, इस दिशा में
वर्ष 1986 को भारत सरकार द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स केंद्र की स्थापना की गई, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है।
वर्ष 2014 में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन की स्थापना की गई, जिसका मुख्य कार्य रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा हाल ही में आईआईटी दिल्ली में स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शुरू करने का निर्णय लिया गया ताकि विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में शिक्षित-प्रशिक्षित करके इस को बढ़ावा दिया जाए।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां-:
वर्ष 2016 में लक्ष्मी नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट तैयार किया गया जो बैंकिंग सलाह देने का कार्य करता है।
गगनयान मिशन के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त ‘व्योममित्र’ रोबोट का निर्माण।
मध्यप्रदेश के इंदौर में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त रोबोट ट्रैफिक सिस्टम का प्रयोग किया गया।
सक्षम चैटबाट-: कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए Mygov द्वारा सक्षम नामक चैटबाट का निर्माण किया गया जो लोगों को संचार सेवा प्रदान करता है।
एआई पावर बुवाई ऐप-: भारत सरकार द्वारा स्थानीय फसलों की पैदावार, वर्षा तथा मौसम के मॉडल संबंधी आंकड़ों की जानकारी प्रदान करने के लिए इस एप को लांच किया गया जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त है।
स्मार्ट होम या स्मार्ट ऑफिस
स्मार्ट होम वह घर होता है जिसके सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण यहां तक की दरवाजे, पर्दे व खिड़कियां भी आपस में इंटरनेट से कनेक्ट होते है तथा सूचना का आदान प्रदान कर सकते हैं। और अपने सेंसरों की सहायता से हमारी आवश्यकता के अनुसार स्मार्ट तरीके से समय पर चालू एवं बंद हो जाते हैं।
किंतु जब स्मार्ट होम के सभी उपकरण रिमोट से कंट्रोल होते हैं तो उसे रिमोट कंट्रोल स्मार्ट हम कहते हैं इसके विपरीत जब वह ऑटोमेटिक चालू या बंद हो पाते हैं तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त स्मार्ट घर कहते हैं।
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लाभ-:
घर की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है।
ऊर्जा का सदुपयोग होने से,ऊर्जा की बचत होती है।
विभिन्न उपकरणों को चालू बंद करने के लिए शारीरिक कष्ट नहीं उठाना पड़ता है।
हानि-:
लाइट या इंटरनेट सिस्टम खराब होने पर स्मार्ट होमवर्क नहीं करता।
मशीनों पर निर्भरता बढ़ जाती है।
