अन्य प्रमुख प्राकृतिक आपदाएं

अन्य प्रमुख प्राकृतिक आपदाएं 

ओलावृष्टि -:

जब बादलों में मौजूद जलवाष्प तापमान में अधिक कमी के कारण संघनित होकर बर्फ बनती है और यह बर्फ के रूप में गिरती है, तो इसे ओलावृष्टि कहा जाता है। 

  • यह घटना अक्सर गर्मियों के समय दोपहर के बाद घटित होती है। 

  • ओलावृष्टि का प्रभाव 

    • जान माल की हानि, जीव जंतु के ऊपर ओले गिरने से। 

    • किसानों की फसलें नष्ट हो जाना।

    • भौतिक आप संरचना को नुकसान जैसे- खिड़की टूटना, कार के शीशे टूटना आदि।  

कोहरा -:

WMO केअनुसार,-: कोहरा हवा में मौजूद सूक्ष्म पानी की बूंदों का निलंबन है, जिससे निकट दृष्टता कम हो जाती है। 

  • भारत में कोहरा शीतकाल में (दिसंबर जनवरी में ) सुबह शाम पड़ता है। 

  • वर्तमान में कोहरा बढ़ाने के कारण-:

    • बढ़ता वायु प्रदूषण। 

    • ग्लोबल वार्मिंग की समस्या। 

कोहरा का प्रभाव-:

  • फसलों में पाला मार, जाने से फसलों का नुकसान होना। 

  • वायु एवं सड़क परिवहन दुष्प्रभावित होना 

  • पर्यटन उद्योग में शिथिलता आना। । 

  • स्कूल बंद रहने से स्कूली शिक्षा पर, दुष्प्रभाव पड़ता है। 

बादल फटना -:

किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र जैसे- पहाड़ों में कम समय में तीव्र वर्षा हो जाना। 

मापन-: जब किसी क्षेत्र में प्रति घंटा /10 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो। 

कारण-:

  • पर्वती क्षेत्र में दोनों ओर से चलने वाली गर्म आद्र हवाएं एक ही स्थान पर, सकेंद्रित होना। 

  • बादलों का विस्थापन एवं संकेंद्रण। 

प्रभाव-:

  • बाढ़ आ जाना (जैसे 2013 में केदारनाथ में बाढ़ आई थी) 

  • अधोसंरचना का विनाश होना; जैसे – सड़क विद्युत जल तंत्र दस प्रभावित हो जाते हैं। 

  • जैव विविधता का ह्रास होता है। 

  • भूस्खलन की घटना घटित होने की संभावना। 

  • फासले नष्ट हो जाना, आदि। 

तड़ित झंझा -:

इस आकाशीय विद्युत के नाम से भी जाना जाता है, जब तीव्र गड़गड़ाहट की आवाज के साथ आकाश से धरातल पर, बिजली गिरती है; तो इसे तड़ित झंझा कहा जाता है। 

तड़ित झंझा के कारण-:

बादलों के ऊपरी भाग में धन आवेश तथा निचले भाग में दृढ़ आवेश का संचयन होने से। 

प्रभाव-:

  • जान माल का खतरा। 

  • आग लगने का डर। 

  • जैव विविधता का है ह्रास। 

उपाय-:

  • डॉप्लर राडार द्वारा संभावना ज्ञात किया जाना। 

  • संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्रों में घर ना बनाये जाना। 

सावधानियां-:

  • किसी पेड़ के नीचे शरण ना लें। 

  • मोबाइल का प्रयोग ना करें 

  • जमीन पर उड़कू होकर बैठें 

  • कार के अंदर शरण ले सकते हैं। 

भारत के प्रमुख उष्णकटिबंधीय चक्रवात-:

चक्रवात निसर्ग-: 

  • समय – जून 2020। 

  • स्थान – अरब सागर के क्षेत्र में। 

  • प्रभावित राज्य – महाराष्ट्र। 

  • नामकरण- बांग्लादेश द्वारा। 

चक्रवात ताउते-:

  • समय – म‌ई 2021 को

  • स्थान – अरब सागर। 

  • प्रभावित राज्य – गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा। 

  • नामकरण- म्यांमार द्वारा। 

चक्रवात आसानी-:

  • समय – म‌ई 2022 में। 

  • स्थान – बंगाल की खाड़ी

  • प्रभावित राज्य – अंडमान निकोबार ,उड़ीसा ,आंध्र प्रदेश। 

  • नामकरण- श्रीलंका द्वारा। 

चक्रवात सीतारंग-: 

  • समय – अक्टूबर 2022 को। 

  • स्थान – बंगाल की खाड़ी। 

  • प्रभावित राज्य – पूर्वी तटीय मैदान क्षेत्र। 

  • नामकरण- थाईलैंड द्वारा। 

चक्रवात बिपरजाय-:

  • समय – जून 2023 को

  • स्थान – अरब सागर के क्षेत्र में

  • प्रभावित राज्य – गुजरात, महाराष्ट्र राज्य

  • नामकरण- बांग्लादेश द्वारा। 

 

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