असफलता से सीखना

असफलता से सीखना

असफलता से सीखना

नेपोलियन हिल -: “असफलता कुदरत की योजना है जो आपको बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार करती है”

हरिवंश राय बच्चन-: “असफलता एक यात्रा है जो नए कौशल सीखने के दौरान रुकावट बनाकर हमारे सामने आती है, अगर उस रुकावट को दूर करके फिर से कोशिश करते हैं तो असफलता, सफलता में बदल जाती है”

माइकल जॉर्डन-: “मैं अपने जीवन में बार-बार असफल हुआ हूं, इसलिए मैं आज सफल हूं”

असफलता से सीखना-:

असफलता जीवन का एक अहम हिस्सा होता है प्रत्येक व्यक्ति को कभी ना कभी असफलता का सामना करना पड़ता है, अतः असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना आवश्यक है। 

असफलता से हम निम्न सीख ले सकते हैं-:

  • पिछली गलतियों की सीख(असफलता में सिखाती है कि हमने पिछले प्रयास में कहां गलती की)

  • आत्म समीक्षा की सीख(असफलता हमें अपनी क्षमता तथा कमजोरी को पहचानने का मौका देती)

  • अध्ययन एवं सुधार की सीख(आप सफलता से हमें यह सीख मिलती है कि किस प्रकार के सुधार करना आवश्यक है)

  • रणनीति बदलने की सीख(हमें लक्ष्य नहीं रणनीति बदलने चाहिए यह सीख मिलती)

  • जीवन के संघर्षों की सीख(यह जीवन में सुख दुख की भांति, सफलता- असफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं यह सीख मिलती है )

असफलता को मूल्यवान अंतर्दृष्टि तथा नियंत्रण सुधार के अवसर के रूप में स्वीकार करना-:

असफलता स्थाई नहीं होती, बल्कि असफलता हमें निरंतर सुधार का अवसर प्रदान करती है 

अतः हमें इस अवसर का उपयोग कर असफलता को सफलता में बदलना चाहिए, इसके प्रमुख स्टेप निम्नलिखित है-:

  1. धैर्य रखना-:असफलता मिलने पर तुरंत घबराएं नहीं, बल्कि असफलता को एक अपना दोस्त समझें जो यह बताने आया है कि आप क्या गलती कर रहे हैं। 

  2. असफलता स्वीकार करें-: असफलता को स्वीकार करें और किसी दूसरे को असफलता का दोषी न बनाएं। 

  3. गहन विश्लेषण-: असफलता के कारणों पर गहन विचार करें, और यह जानने का प्रयास करें कि आपकी किन कारणों से आप असफल हुए 

  4. नवीन योजना निर्माण-: असफलता से सीख लेकर, नवीन प्रासंगिक योजना का निर्माण करें। 

  5. गलतियों को पुनः न दोहराएं –: जिन गलतियों से आप असफल हुए हैं उनसे दूरी बनाकर रखें। 

  6. आत्मविश्वास-: आत्मविश्वास तथा सकारात्मक सोच के साथ नवीन रणनीति का दृढ़ता पूर्वक पालन करें। 

ऐसा करने पर निश्चित ही सफलता आपके कदम चूमेगी।  

असफलता ना तो कोई बुरी चीज है और ना ही यह स्थाई होती है, बल्कि यह तो हमें और भी ज्यादा अनुभवी एवं परिपक्व बनाती है,जिससे हम सफल होने पर अपने कार्य को दक्षता पूर्ण तरीके से करने में सक्षम होते हैं। 

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