आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश
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Toggleमई 2020 को भारत में की गई आत्मनिर्भर पहल के अनुरूपी ही मध्य प्रदेश में भी नवंबर 2020 को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोड मैप जारी किया गया।
जिसका लक्षित समयकाल 2020 से 2023 तक अर्थात 3 वर्ष के लिए रखा गया।
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के आधार स्तंभ
भौतिक अधोसंरचना-:
सड़क अधो-संरचना-
फास्ट ट्रैक मोड में सड़क का विकास, जैसे – चंबल एक्सप्रेसवे, नर्मदा एक्सप्रेसवे, विंध्य एक्सप्रेस।
टोल प्लाजा का कंप्यूटरीकरण
रोड एसिड मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर द्वारा सड़कों की निगरानी।
सड़क विकास के लिए 500 करोड़ का ऑफ बजट।
पर्यटन एवं यात्रा-
बफर में सफर स्कीम-: कान्हा किसली तथा बाधवगढ़ में।
पर्यटन स्थल का वैल्यू एडिशन करना जैसे- रोप-वे, एडवेंचर स्पोर्ट आदि का विकास करके।
सात टूरिज्म सर्किटो का विकास-: नर्मदा सर्किट, ओंकारेश्वर सर्किट, अमरकंटक सर्किट, तीर्थंकर सर्किट,रामायण सर्किट,रूरल सर्किट, सर्किट ट्राइबल सर्किट।
नगरीय विकास-
समावेशी शहरी विकास-: इसके अंतर्गत शहरी क्षेत्र में भोजन के लिए राम रसोई, निवास के लिए रात्रि कालीन आश्रय केंद्रों की तथा रोजगार के लिए 07 शहरों में स्टार्टअप इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना स्थापना।
पर्यावरण हितैषी विकास-: इसके तहत शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम तथा ठोस अपशिष्ट का 75% रीसायकल की व्यवस्था की जा रही है।
परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स
एण्ड टू एंड लॉजिस्टिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास।
मल्टी लॉजिस्टिक पार्कों की स्थापना।
जलापूर्ति
निवाड़ी तथा बुरहानपुर जिले में 100% जिला पूर्ति कर करना।
2024 तक 100% ग्रामीण घरों में पेयजल की व्यवस्था।
ऊर्जा-:
खंडवा में 600 मेगा वाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट।
प्रदेश में 45000 सोलर पंप को लगाए जाने की योजना।
सुशासन-:
ई गवर्नेंस
नागरिकों की सुविधा के लिए सिंगल डाटाबेस।
सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से नागरिकों तक सरकारी सेवाओं की पहुंच।
पारदर्शिता
आवश्यक दस्तावेजों का डिजिटल सत्यापन।
सेवा शुल्क के भुगतान के लिए विभिन्न भुगतान विकल्पों की व्यवस्था।
नियमों का सरलीकरण-:
शासकीय कर्मचारियों को इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में दक्ष बनाना।
समस्त विभागों और जिला कलेक्टरों के मध्य एकीकृत डैशबोर्ड का विकास।
शिकायत निवारण प्रबंधन-:
सोशल ऑडिट तथा NGO को बढ़ावा देना
ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था।
स्वास्थ्य व शिक्षा-:
स्कूल शिक्षा
प्रखर योजना के माध्यम से स्कूलों की गुणात्मक स्थिति में सुधार
उत्कृष्ट विद्यालय में गणित और विज्ञान की नामांकन में 5 प्रतिशत वृद्धि।
उच्च शिक्षा
मध्य प्रदेश के 50 कॉलेजों को ए ग्रेड का दर्जा दिलाना।
200 महाविद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा करना।
तकनीकी शिक्षा-
आईटीआई प्लेसमेंट रेट 20% से बढ़कर 30% करना
भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क की व्यवस्था करना
चिकित्सा-
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य पर बजट का 8% हिस्सा खर्च करना
2024 तक मातृ मृत्यु दर 173 से 100 प्रति लाख करना।
अर्थव्यवस्था व रोजगार-:
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र-
मध्य प्रदेश में 75000 हेक्टेयर बंजर भूमि में फल आधार तथा औषधीय पौधों का विकास
3000 बीज-ग्रामों की स्थापना।
3000 एग्री क्लीनिक की स्थापना।
89 आदिवासी विकास करो में 50% कृषि वृद्धि
प्राकृतिक संसाधन-
ग्रीन प्लेटफार्म की स्थापना तथा GIS द्वारा संसाधन मानचित्रण।
लघु वन उपज को न्यूनतम वन मूल्य प्रदान करना।
उद्योग और कौशल विकास-
मध्य प्रदेश में 10 एमएसएमई क्लस्टर बनाना।
प्रत्येक जिले के पारंपरिक उत्पाद को पहचान कर उसका संवर्धन करना।
व्यापार और वाणिज्य
ग्लोबल मूल्य श्रृंखला में एकीकरण हेतु टास्क फोर्स का गठन।
औद्योगिक उत्पादों का मानकीकरण, सूचीकरण एवं मार्केटिंग करना; जैसे- मृगनयनी, कबीरा और विंध्यवैली के उत्पादों का ऑनलाइन विपणन।
एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम(ODOP)-:
इस कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम 2018 को उत्तर प्रदेश से की गई, इसकी मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत फरवरी 2023 को की गई,
यह कार्यक्रम खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
उद्देश्य-:
प्रत्येक जिले के उत्पाद की पहचान करके, उसके प्रसंस्करण एवं संवर्धन को बढ़ावा देना।
जिले को निर्यात हब के रूप में विकसित करना।
स्थानीय उत्पादकों की आय में बढ़ोत्तरी।
रोजगार के नए अवसरों का विकास।
क्षेत्रीय पहचान को अंतरराष्ट्रीय पहचान देना।
मध्य प्रदेश जिले एवं उनके उत्पाद-:
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एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम की चुनौतियां-:
तकनीकी विकास में कमी -: जिससे संबंधित जिले के उत्पादों का पूर्ण तरीके से प्रसंस्करण एवं संवर्धन नहीं हो पता है।
वित्तीय संसाधनों में कमी- बजट की पर्याप्त अनुपलब्धता भी इस कार्यक्रम की एक प्रमुख चुनौती है।
वर्षा की अनियमितता -: अत्यधिक बढ़ एवं अत्यधिक सुख के कारण संबंधित जिले का कृषि उत्पादन प्रभावित होता है।
पर्यावरणीय मुद्दे-कुछ उत्पादों के उत्पादन में पर्यावरणीय मुद्दे एक प्रमुख चुनौती हैं।
प्रशासनिक निर्णय में विलंबता –यह कार्यक्रम प्रशासनिक क्रियाशीलता पर निर्भर है किंतु प्रशासनिक विलंबित इसकी तीव्रता में एक प्रमुख चुनौती है।