कृषि विपरण
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Toggleकृषि विपणन का अर्थ-
उत्पादित फसल को बाजार तक लाने तथा उसकी बिक्री करने की क्रिया को कृषि विपणन कहते हैं।
कृषि विपणन में शामिल क्रियाएं
उपज को एकत्रित करना।
उपज की ग्रेडिंग करना।
अस्थाई भंडारण करना।
परिवहन की क्रिया।
विपरण अनुसंधान एवं मूल्य निर्धारण।
विक्रय करना।
कृषि विपणन की समस्याएं –
मध्यस्थों द्वारा कम मूल्य में फसल खरीदी।
उपज मंडियों की दूरी।
मंडियों का नियमित रूप से नियमबद्ध संचालन न होना।
मंडियों के अतिरिक्त शुल्क जैसे आदत शुल्क, तुलाई शुल्क।
भंडारण की सुविधा का अभाव।
परिवहन की सुविधाओं का अभाव।
मूल्य की अस्थिरता।
कृषि विपरण का समाधान-:
कृषि विपणन के प्रति कृषकों को जागरूक किया जाए, ताकि वह अपनी उपज सीधे मंडियों में उचित मूल्य पर बेंच सकें।
क्षेत्रीय स्तर पर अधिक से अधिक नियमित मंडियों का संचालन किया जाए।
ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन की व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण।
ग्रामीण क्षेत्र में भंडार गृहों की व्यवस्था।
इलेक्ट्रॉनिक वितरण को बढ़ावा दिया जाना, जैसे– ई-मंडी।
सरकारी प्रयास -:
1957 में केंद्रीय भंडार निगम की स्थापना।
कृषि उपज अधिनियम बनाया जाना।
एगमार्क की मोहर लगाए जाना।
लगभग 8000 नियमित मंडियों का संचालन।
कृषि वित्त
कृषि वित्त काअर्थ-:
कृषि से संबंधित खाद, बीज, उपकरण आदि को खरीदने हेतु आवश्यक वित्त।
कृषि वित्त के प्रकार-:
लघु समयावधि वित्त- 15 माह तक के लिए लिया जाने वाला ऋण।
मध्य समयावधि वित्त-15 माह से 5 वर्ष तक की समय अवधि के लिए लिया जाने वाला ऋण
दीर्घकालीन समयावधि वित्त- 5 वर्ष से अधिक समय अवधि के लिए लिया जाने वाला ऋण।
कृषि वित्त के स्रोत-:
संस्थागत – वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण विकास बैंक, सहकारी बैंक।
गैर संस्थागत- सहकारी, व्यापारी, रिश्तेदार।
कृषि वित्त संबंधी समस्याएं
गैर संस्थागत ऋणों की ब्याज दर अधिक होना।
बैंकों की जटिल कागजी कार्यवाही।
कृषि वित्त चुकाने का दबाव।
सरकारी प्रयास -:
1975 में ग्रामीण विकास बैंकों की स्थापना।
1982 में नाबार्ड की स्थापना।
1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना।
वर्तमान में घरेलू क्षेत्र के बैंकों को यह अनिवार्यता की गई है कि, वह अपने कुल दिए गए ऋण में से न्यूनतम 18% ऋण प्राथमिक क्षेत्र को देंगे।
कृषि स्टार्टअप -:
कृषि के क्षेत्र में नवाचारी विचारों द्वारा की गई ऐसी पहले जो, कृषि उत्पादन या कृषकों के लिए लाभदायक हों।
उदाहरण के लिए-
निंजाकार्ट-: यह कृषि विपणन मंच है जो किसानों को सीधे खुदरा विक्रेताओं से जोड़ता है।
एग्रोस्टार-: यह ऑनलाइन मंच है जो किसानों को कृषि संबंधित सलाह प्रदान करता है।
कृषि स्टार्टअप की आवश्यकता या महत्व
कृषि उत्पादन में वृद्धि तथा कृषकों की आय बढ़ेगी।
रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
उपभोक्ताओं को सीधे प्राकृतिक उत्पाद प्राप्त हो सकेंगे; ( जैसे निंजाकार्ट प्लेटफार्म)
कृषि का तकनिकीकरण होने से लागत एवं श्रम में कमी।
कृषि साख को बढ़ावा मिलेगा।
ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा।
