जलवायु घटनाएं
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Toggleएल नीनो -:
यह पेरू के तट पर, चलने वाली प्रति विषुवतीय गर्म जलधारा है।
यह लगभग तीन से चार वर्ष में एक बार घटित होती है।
एल नीनो के समय-
पेरू में निम्न दाब का क्षेत्र।
ऑस्ट्रेलिया में उच्च दाब का क्षेत्र।
मेडागास्कर में निम्न दाब का क्षेत्र बनता है।
ला नीनो -:
यह पेरू की तट पर, चलने वाली हम बोल्ड की ठंडी जलधारा है।
जब व्यापारिक पवने अधिक प्रभावी होती हैं, तो हैडली सेल एवं वार्कर सेल भी अधिक प्रभावी होता है, परिणाम स्वरुप ला-नीनों की स्थिति बनती है।
ला-नीनो के समय-
पेरू में उच्च दाब का क्षेत्र
ऑस्ट्रेलिया में निम्न दाब का क्षेत्र
मेडागास्कर में उच्च दाब का क्षेत्र बनता है।
नोट-:
हैडली सेल-: यह जलवायु सेल, मेडागास्कर तथा आस्ट्रेलिया के मध्य हिंद महासागर में चलता है।
वार्कर सेल -: यह जलवायु सेल, पेरू तथा आस्ट्रेलिया के मध्य प्रशांत महासागर में चलता है।
अल-नीनो और ला-लीनो में अंतर:-
एल नीनो पेरू के तट पर चलने वाली गरम पानी की जलधारा है जबकि ला नीनो ठंडे पानी की जलधारा है।
एल नीनो सामान्य परिस्थिति की विपरीत परिस्थिति है जबकि लानीनो परिस्थिति का बेहतर रूप है।
एल नीनो भारतीय मानसून को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जबकि ला-नीनो भारतीय मानसून को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
एल नीनो तब आता है जब व्यापारिक पवने कमजोर होती हैं ला नीनो की स्थिति में व्यापारिक पवने अधिक सक्रिय होती है।
एल नीनो की स्थिति में पेरू ,अटाकामा के क्षेत्र में अधिक वर्षा होती है जबकि ला नीनो के क्षेत्र में यह क्षेत्र सूखाग्रस्त होता है।
एल नीनो के कारण पेरू के क्षेत्र में मत्स्य उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जबकि लानुनो के कारण मत्स्य उत्पादन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दक्षिणी दोलन -:
पूर्वी प्रशांत महासागर तथा पश्चिमी प्रशांत महासागर की वायुदाब में होने वाला बदलाव दक्षिणी ढोलन कहलाता है।
दक्षिणी ढोलन के प्रकार-
सकारात्मक-पूर्वी प्रशांत महासागर में उच्च दाब तथा पश्चिमी प्रशांत महासागर में निम्न दाब की घटना।
नकारात्मक- पूरी प्रशांत महासागर में निम्न दाब तथा पश्चिमी प्रशांत महासागर में उच्च दाब की घटना।(भारतीय मानसून में कमी)
हिंद महासागर द्विध्रुव -:
पूर्वी हिंद महासागर तथा पश्चिमी हिंद महासागर के वायुदाब में होने वाला परिवर्तन।
हिंद महासागर द्विध्रुव के प्रकार-
सकारात्मक –पूर्वी हिंद महासागर में उच्च दाब तथा पश्चिमी हिंद महासागर में निम्न दाब होना।
नकारात्मक-पूर्वी हिंद महासागर में निर्णय दाब तथा पश्चिमी हिंद महासागर में उच्च दाब होना। (भारतीय मानसून में कमी)
पश्चिमी विक्षोभ-
उत्तर पश्चिम भारत में शीत ऋतु में होने वाली चक्रवाती वर्षा।
कारण-:
शीत ऋतु में सूर्य के दक्षिणायन होने पर, सभी पेटियों का खिसकाव दक्षिण की ओर हो जाता है, और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उपोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का निर्माण होता है;
फिर यह चक्रवात, भूमध्यसागर की नमी लेकर ऊपर उठते हैं, और पछुआ पवनों के सहारे पश्चिम से पूर्व की ओर गमन करते हैं और हिमालय से टकराकर उत्तर भारत में वर्षा कराते हैं।
प्रभाव-:
रबी की फसलों के लिए लाभदायक।