निर्देशन 

निर्देशन 

निर्देशन का अर्थ- 

संगठन के कर्मचारियों को कार्य संबंधी निर्देश देना, मार्गदर्शन करना व परामर्श प्रदान करना ही निर्देशन है। 

निर्देशन की परिभाषा 

अधीनस्थों के पद प्रदर्शन तथा पर्यवेक्षक का प्रबंधकीय कार्य ही निर्देशन है —— कुट्ज एण्ड ओ’ डोनेल। 

निर्देशन के तत्व 

  1. पर्यवेक्षण -: वह प्रक्रिया जिसमें पर्यवेक्षक या प्रबंधक अधीनस्थों के कार्यों की देखभाल तथा उनका मार्गदर्शन करता है। 

  2. अभिप्रेरणा-: कर्मचारियों के कार्य के प्रति मनोबल को प्रबल बनाये रखना, अभिप्रेरणा कहलाता है। 

  3. नेतृत्व-: अधीनस्थों का पद प्रदर्शन करना तथा उन्हें बताना कि किस प्रकार से कार्य करना है। 

  4. संप्रेषण-: अधीनस्थों को आपसी संप्रेषण द्वारा उपयुक्त तरीके से समझाना तथा उनके प्रश्नों का उत्तर देना।  

निर्देशन की विशेषताएं-:

  • मानवीय क्रिया-: निर्देशन में मानव यानी कि कर्मचारियों को ही निर्देशित किया जाता है, अतः यह एक मानवीय क्रिया है। 

  • सतत क्रिया -: निरंतर कार्य हेतु लगातार निर्देशन की आवश्यकता होती है। 

  • उद्देश्य पूर्ण प्रक्रिया-: निर्देशन का उद्देश्य कर्मचारियों की कार्य कुशलता बढ़ाना होता है। 

  • अधोगामी क्रिया- निर्देशन का प्रवाह ऊपर से नीचे की ओर होता है। 

  • प्रबंधकीय कार्य- यह नियोजन संगठन के बाद तीसरा सबसे महत्वपूर्ण प्रबंधकीय कार्य है। 

  • सर्वव्यापी कार्य-: यह सभी उपक्रमों के विभागों तथा उप विभागों में लागू होने वाला प्रबंधकीय कार्य है। 

निर्देशन के सिद्धांत-: 

  • अधिकतम व्यक्ति योगदान-: लक्ष्य को पूरा करने में प्रत्येक कर्मचारी का अधिकतम योगदान हो। 

  • कर्मचारी तथा संगठन के उद्देश्यों में तालमेल कासिद्धांत। 

  • आदेशों की एकता-: अधीनस्थ कर्मचारियों को एक ही श्रेष्ठतर अधिकारी से आदेश मिलने चाहिए। 

  • प्रत्यक्ष परीक्षण का सिद्धांत-: प्रबंधक को स्वयं पर्यवेक्षण करना चाहिए। 

  • प्रभावी संप्रेषण का सिद्धांत-: प्रभावी संप्रेषण करके अधीनस्थ कर्मचारियों की कर कुशलता बढ़ाना। 

निर्देशन का महत्व-:

  • संगठन के लक्ष्य को शीघ्रता से पानी में सहायक। 

  • संगठन की कार्य कुशलता में वृद्धि 

  • संगठन की अपव्यय या लागत में कमी।  

  • संगठन के सीमांत लाभ को बढ़ाने में सहायक। 

  • सीमित संसाधनों द्वारा अधिकतम लक्ष्य की प्राप्ति। 

  • व्यावसायिक समस्याओं का समाधान कर औद्योगिक शांति की स्थापना में सहायक। 

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