ब्रांडिंग/branding

ब्रांडिंग/branding

ब्रांडिंग/branding

ब्रांड -: ब्रांड कोई नाम चिह्न या लोगो हो सकता है, जिसका प्रयोग विक्रेता या विक्रेताओं का समूह अपनी पृथक पहचान के लिए करते हैं। उदाहरण के लिए- गोदरेज, अलमारी का एक ब्रांड है; लाईफबाय, साबुन का एक ब्रांड है। 

ब्रांडिंग-: विक्रेताओं द्वारा, अपने ब्रांड के प्रति ग्राहकों को वफादार बनने के लिए, उत्पाद के साथ ब्रांड का प्रचार करने की प्रक्रिया। 

ब्रांडिंग के चरण-:

  1. ब्रांड का नाम निर्धारण करना-

    एक आदर्श ब्रांड का नाम निर्धारित करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-:

    1. ब्रांड का नाम सरल एवं सूक्ष्म होना चाहिए जैसे– L.G. ,टाटा. 

    2. ब्रांड नाम का उच्चारण सरल होना चाहिए जैसे– नेशनल,दादाजी। 

    3. ब्रांड नाम आदित्य होना चाहिए, ताकि ट्रेडमार्क मिल सके। 

    4. ब्रांड नेम आकर्षक होना चाहिए , उदाहरण के लिए ‘निहार’। 

    5. ब्रांड नेम स्मरणीय होना चाहिए जैसे– ताजमहल, हिमालय। 

    6. ब्रांड नेम से संबंधित उत्पाद की विशेषता का बोध होना चाहिए; जैसे– स्वादिष्ट नमकीन। 

  2. ब्रांड का ट्रेडमार्क पंजीयन करना-एक अच्छा ब्रांड नाम रखने के बाद उसे ब्रांड नाम का पंजीयन कराया जाता है, ताकि ट्रेडमार्क प्राप्त हो सके और दूसरी कंपनी उसे कॉपी ना कर सके। 

  3. ब्रांड का प्रचार प्रसार करना-अंत में ब्रांड का प्रचार प्रसार किया जाता है, ताकि संबंधित वस्तु की मांग बढ़े। 

ब्रांडिंग की रणनीतियां-

  1. सिंगल ब्रांड रणनीति- इसके अंतर्गत कोई कंपनी अपने सभी प्रोडक्टों का एक ही ब्रांड नाम रखती है ; उदाहरण के लिए गोदरेज साबुन, गोदरेज अलमारी, गोदरेज रेफ्रिजरेटर, गोदरेज डाई। 

  2. मल्टी ब्रांड रणनीति-: इसके अंतर्गत कंपनी अपने एक ही प्रकार के प्रोडक्ट को अलग-अलग ब्रांड नाम से बेंचती है, उदाहरण के लिए- LUX, PEARSON, LIFEBOYS एक ही कंपनी के प्रोडक्ट हैं। 

ब्रांडिंग का महत्व-: 

  • ब्रांडिंग से कंपनी के उत्पादों की पृथक पहचान स्थापित हो पाती है। 

  • ब्रांडिंग से कंपनी की मांग बढ़ती है क्योंकि किसी ब्रांड का एक प्रोडक्ट अच्छा होने पर , कुछ ब्रांड के दूसरे प्रोडक्ट को भी लोग खरीद लेते हैं। 

  • मार्जिन लाभ अधिक हो जाता है, क्योंकि लोग थोड़ा-बहुत मूल्य अधिक होने पर भी ब्रांड की वस्तु खरीदने पर विश्वास रखते हैं। 

  • प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देने में भी सहायक। 

ब्रांड एवं ट्रेडमार्क में अंतर 

  1. प्रत्येक ब्रांड ट्रेडमार्क नहीं होता किंतु प्रत्येक ट्रेडमार्क ब्रांड होता है। 

  2. ब्रांड का क्षेत्र संकुचित जबकि, ट्रेडमार्क का क्षेत्र अधिक विस्तृत होता है। 

  3. ब्रांड की नकल की जा सकती है लेकिन ट्रेडमार्क की नकल करने पर कानूनी कार्रवाई होती है। 

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