[भारत में परंपरा और आधुनिकता]
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Toggleविश्व की लगभग सभी संस्कृतियों विकास के रूप में अपनी परंपरा से आधुनिकता की ओर गति करती आई हैं।
परंपरा-:
परंपरा का तात्पर्य उन सामाजिक रीति-रिवाजों या प्रथाओं से है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती हैं।
उदाहरण-
भारत में बड़ों के पैर छूने की परंपरा,
विवाह में हल्दी एवं मेहंदी की परंपरा,
इंदौर में गैर की परंपरा।
आधुनिकता -:
प्राचीन परंपराओं के स्थान पर नवीन मान्यताओं या नवीन फैशन को अपनाना आधुनिकता कहलाती है।
उदाहरण के लिए-
परंपरागत धोती कुर्ता के स्थान पर, पेंट शर्ट पहनना।
जमीन में मुद्रा आसान में बैठकर भजन भोजन करने के स्थान पर, कुर्सी-टेबल में बैठकर भोजन करना।
आधुनिकता की विशेषताएं -:
सकारात्मक विशेषता
रूढ़िवादिता के स्थान पर, तर्कवादिता को महत्व।
सामाजिक बंधन में कमी, व्यक्तिगत स्वतंत्रता में बढ़ावा।
जातिवाद, लैंगिक विभेद में कमी तथा सामानता में वृद्धि।
औद्योगीकरण से तीव्र आर्थिक विकास।
शिक्षा,संचार आदि के तीव्र विकास से विज्ञानवाद को बढ़ावा।
नकारात्मक विशेषताएं
मानवतावादी समाज का पतन भौतिकवादी तथा उपभोक्तावादी समाज को बढ़ावा।
संयुक्त परिवार का विघटन।
मानव के मध्य आपसी सहयोग में कमी(शाहदरा पूर्ण संबंध अब औपचारिक संबंध में परिवर्तित हो गए)।
नैतिक मूल्यों में गिरावट।
पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा।
आधुनिकीकरण के कारक-:
शिक्षा का प्रचार प्रसार।
संचार एवं तकनीकी के क्षेत्र में क्रांति।
औद्योगिकरण।
नगरीकरण।
पश्चात संस्कृति का प्रभाव।
परंपरा बनाम आधुनिकता
परंपरा और आधुनिकता में अंतर-:
अंतर का आधार | परंपरा | आधुनिकता |
नियमों की कठोरता | परंपरा संबंधी नियम कठोर होते हैं। | आधुनिक नियम लचीले होते हैं। |
तार्किकता तथा विज्ञान | तार्किकता तथा विवेक का अधिक महत्व नहीं है। | आधुनिक तर्क एवं विवेक पर ही आधारित होती है |
व्यक्ति की प्रवृत्ति | समष्टि वादी प्रवृत्ति होती है, व्यक्ति को एक समाज का अंश माना जाता है। | व्यक्तिवादी प्रवृत्ति होती है व्यक्ति अधिक स्वतंत्रत होता है। |
आध्यात्मिकता या भौतिकता | इसमें आध्यात्मिकता को महत्व दिया जाता है। | इसमें आध्यात्मिकता से अधिक भौतिकता को महत्व दिया जाता है। |
मानव के संबंध | मानव एक दूसरे की सहयोगी एवं परस्पर निर्भर होते हैं। | इसमें मानव मानव के मध्य औपचारिक संबंध होते हैं। |
जीवन शैली | आरामदायक एवं धीमी जीवन शैली। | भाग दौड़ वाली , तीव्र जीवन शैली। |
परिवार | परंपरागत समाज में संयुक्त परिवार देखने को मिलता है। | अधिक समाज में एकाकी या एकल परिवार। |
उदाहरण | ग्रामीण एवं कृषक समाज | नगरीय एवं पाश्चात्य समाज। |
परंपरा तथा आधुनिकता में संबंध-:
एक दूसरे के विरोधाभास के रूप में-:
डॉ एस.सी. दुबे के अनुसार- भारत में परंपरा और आधुनिकता एक दूसरे के विरोधाभास के रूप में मौजूद है।
क्योंकि परंपरा जहां प्राचीन रूढ़िवादी विचारों का प्रतिनिधित्व करती है तो आधुनिक नवीन तार्किक विचारों का।
परंपरा भारत में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधक सिद्ध हो रही है जैसे- जातिवाद, सांप्रदायिकता आदि।
उनका मानना है कि आज भारत परंपरा और आधुनिकता की दुविधा में फंस गया है उसके सामने यह द्वंद्व है कि वह किस सीमा तक परंपरा का पालन करें और किस सीमा तक आधुनिकता को अपनाए?
एक दूसरे के पूरक के रूप में -:
डॉ योगेश अटल के अनुसार- भारत में परंपरा तथा आधुनिकता साथ-साथ चल रही हैं, और एक दूसरे के पूरक हैं। जैसे-
नई शिक्षा तथा नई व्यवस्था के कारण, लोग गांव से शहरों में आकर बस गए हैं लेकिन विवाह, त्यौहार, जन्म,मृत्यु एवं छुट्टियों के अवसर पर गांव जाकर अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बताते हैं।
भले ही आज की महिला आधुनिकता के कारण चप्पल पहने खड़े होते खाना बनाती हैं, स्वयं वर का चयन करती है; किंतु वे अपनी परंपरा नहीं भूली है अभी भी सास ससुर का सम्मान करना, पुरुषों के बाद खाना-खाना, मांग में सिंदूर लगाना आदि नियमों का पालन करतीं हैं।
इसी प्रकार हजारी प्रसाद द्विवेदी ने भी कहा है कि- परंपरा तथा आधुनिकता आदमी के दो पैर हैं; एक पैर से वह खड़ा है, दूसरे पर से वह चलता है।
अतः कहा जा सकता है कि परंपरा एवं आधुनिकता दोनों साथ-साथ चलते हैं और बाद में वही आधुनिकता,परंपरा बन जाती है; तथा नए तत्व आधुनिकता बन जाते हैं।
[पश्चिमीकरण]
पश्चिमीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत हम अपनी परंपरागत संस्कृति को भूलकर, पाश्चात्य देशों की संस्कृति तथा रीति रिवाज का अनुसरण करते हैं।
उदाहरण– धोती कुर्ता पहनने के स्थान पर कोट पैंट पहनना।
सादा भोजन करने के स्थान पर बर्गर, पिज़्ज़ा आदि खाना।
पश्चिमीकरण की विशेषताएं -:
तटस्थ अवधारणा- एमएन श्रीनिवास के अनुसार, पश्चिमीकरण नैतिक रूप से तटस्थ अवधारणा है।
भौतिकतावादी तत्व –पश्चिमी संस्कृति में अधिक से अधिक सुखदाई भौतिक वस्तुओं के संग्रहण एवं उपयोग पर बोल दिया जाता है।
संयुक्त परिवार का विघटन- हमारा परंपरागत संयुक्त परिवार का विघटन हो रहा है और न्यूक्लियर फैमिली को बढ़ावा मिलता है।
मानव के मध्य आपसी सहयोग में कमी- मानव, मानव के संबंध औपचारिक रह गए हैं।
नैतिक मूल्यों में गिरावट– सहयोग ,उपकार ,परोपकार ,ईमानदारी जैसे मूल्य में कमी।
पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा- अत्यधिक औद्योगीकरण एवं नगरीकरण से पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा मिला।
पश्चिमीकरण के प्रभाव-:
सकारात्मक प्रभाव-
रूढ़िवादिता के स्थान पर, तर्कवादिता को महत्व।
सामाजिक बंधन में कमी व्यक्तिगत स्वतंत्रता में बढ़ावा।
जातिवाद, लैंगिक विभेद में कमी तथा सामानता में वृद्धि।
औद्योगीकरण से तीव्र आर्थिक विकास।
शिक्षा,संचार आदि के तीव्र विकास से विज्ञानवाद को बढ़ावा।
नकारात्मक प्रभाव-
मानवतावादी समाज का पतन भौतिकवादी तथा उपभोक्तावादी समाज को बढ़ावा।
संयुक्त परिवार का विघटन।
मानव के मध्य आपसी सहयोग में कमी(शाहदरा पूर्ण संबंध अब औपचारिक संबंध में परिवर्तित हो गए)।
नैतिक मूल्यों में गिरावट।
पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा।
सामाजिक असमानता में वृद्धि
जलवायु परिवर्तन में प्रदूषण में वृद्धि
परंपरा का संस्कृत का पतन।
आधुनिकीकरण और पश्चिमीकरण में अंतर
अंतर का आधार | आधुनिकीकरण | पश्चिमीकरण |
परिभाषा | प्राचीन परंपराओं के स्थान पर नवीन मान्यताओं या नवीन फैशन को अपनाना आधुनिकता कहलाती है। | पश्चिमीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत हम अपनी परंपरागत संस्कृति को भूलकर, पाश्चात्य देशों की संस्कृति तथा रीति रिवाज का अनुसरण करते हैं। |
अवधारणा का स्वरूप | यह व्यापक अवधारणा है विश्व के सभी समाजों में परिवर्तन के फलस्वरूप आधुनिकीकरण होता है। | यह उपेक्षाकृत संकुचित अवधारणा है इसका प्रयोग केवल पश्चिमी देशों के संदर्भ में किया जाता है। |
प्रभाव | आधुनिकीकरण का प्रभाव सामान्यतः निम्न स्तर से उच्च स्तर की ओर ले जाता है। | पश्चिमीकरण की सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों प्रभाव है। |
अंतर संबंध | यह, पश्चिमीकरण का आधार(कारण) है। | पश्चिमीकरण आधुनिकता का परिणाम है। |
उदाहरण | ठंड से बचने के लिए, आधुनिक जेकैट का उपयोग करना। | धोती कुर्ता के स्थान पर कोट पैंट पहनना। |