मध्य प्रदेश का प्रशासन
सचिवालय-:
राज्य मंत्री परिषद को, विधि निर्माण तथा प्रशासन संबंधित सलाह देने के लिए राज्य सचिवालय होता है; जिसमें मुख्य सचिव तथा विभिन्न विभागों के सचिव कार्यरत होते हैंI
मध्य प्रदेश सचिवालय-
गठन- नवंबर 1956 कोI
स्थिति- वल्लभ भवन, भोपालI
मध्य प्रदेश सचिवालय के अंतर्गत 52 विभाग हैं प्रत्येक विभाग का एक सचिव होता हैI
इसे राज्य की कार्यपालिका का मस्तिष्क तथा प्रशासन का हृदय भी कहा जाता हैI
राज्य सचिवालय की भूमिका या कार्य–
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राज्य के लिए नीति निर्माण का मसौदा तैयार करनाI
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नीतियां, कार्यक्रम, योजना की समीक्षा एवं मूल्यांकन करनाI
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विधानसभा में उठने वाले प्रश्नों के जवाब तैयार करनाI
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विभिन्न विभागों के मध्य सामंजस्य स्थापित करना तथा उनका निर्देशन करनाI
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मंत्रियों को आवश्यक प्रशासनिक सलाह देनाI
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केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के मध्य संपर्क स्थापित करनाI
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विभिन्न उच्च स्तरीय शिकायत सुनना एवं उनका समाधान करनाI
निदेशालय/ संचनालय
यह एक कार्यकारी संगठन होता है जो सचिवालय के अधीन कार्य करता हैI
इसका मुख्य कार्य-
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा बनाई गई नीतियों का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करनाI
वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुल 62 संचनालय हैं उदाहरण के लिए- जनसंपर्क संचनालय अनुसूचित जाति संरचनालय, कृषि संचनालयI
मुख्य सचिव-
यह राज्य सचिवालय का मुखिया होता है तथा प्रशासनिक दृष्टि से सर्वोच्च अधिकारी होता हैI
मुख्य सचिव के पद पर सामान्यत IAS अधिकारी को नियुक्त किया जाता है वर्तमान में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा हैI
मुख्य सचिव के कार्य एवं भूमिका-
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मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में भूमिका( मुख्यमंत्री को प्रशासनिक सलाह देनाI)I
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विभिन्न विभागों के समन्वयक के रूप में भूमिका
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लोक सेवा के प्रमुख के रूप में भूमिका( लोक सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति, पदोन्नति से संबंधित कार्यI)I
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राज्य के मुख्य प्रशासक के रूप में भूमिका( विभिन्न उच्च स्तरीय शिकायत सुनना एवं उनका समाधान करनाI)I
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राज्य प्रवक्ता के रूप में भूमिकाI
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केंद्र एवं राज्य के मध्य समन्वयक के रूप में भूमिका
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राज्य में शांति शुव्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करनाI
सचिव के कार्य एवं भूमिका-
मध्य प्रदेश में प्रत्येक विभाग का एक सचिव होता है जो एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता हैI
कार्य एवं भूमिका-
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अपने विभाग से संबंधित नीति निर्माण का मसौदा तैयार करनाI
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विभाग संबंधी नीतियां, कार्यक्रम, योजना की समीक्षा एवं मूल्यांकन करनाI
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अपने विभाग के विधानसभा में उठने वाले प्रश्नों के जवाब तैयार करनाI
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संबंधित उप-विभागों के मध्य सामंजस्य स्थापित करना तथा उनका निर्देशन करनाI
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विभागीय मंत्री को आवश्यक प्रशासनिक सलाह देनाI
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केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के मध्य संपर्क स्थापित करनाI
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अपने विभाग से संबंधित उच्च स्तरीय शिकायत सुनना एवं उनका समाधान करनाI
संभागीय आयुक्त-
प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से राज्य को कई संभागों में बांटा जाता है मध्य प्रदेश को 10 संभागों में बांटा गया हैI
इन 10 संभागों के नाम ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर हैI
और इन संभाग का प्रशासनिक दृष्टि से सर्वोच्च अधिकारी संभाग आयुक्त होता है जो एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवक अधिकारी होता है
इसके कार्य एवं भूमिकाएं-
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प्रशासनिक कार्य-
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विभिन्न नियमों अधिनियमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना तथा शांति शुव्यवस्था स्थापित करनाI
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अधीनस्थ अधिकारियों की पद स्थापना, स्थानांतरण तथा अवकाश का निर्धारण करनाI
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जन शिकायत सुना तथा उनका निवारण करनाI
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पर्यवेक्षक एवं नियंत्रण संबंधी कार्य
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अधीनस्थ अधिकारियों के कार्य का निरीक्षण करनाI
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अधीनस्थ अधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण रखनाI
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उनका मार्गदर्शन करना आदिI
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राजस्व संबंधी कार्य-
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भू राजस्व संग्रहण संबंधी कार्य
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राजस्व प्रकरणों की अपील सुनना
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राजस्व संबंधित रिपोर्ट तैयार करके सचिवालय में भेजना
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विकास संबंधी कार्य
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संभाग स्तर पर विभिन्न कल्याणकारी विकास योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना जैसे- किसान कल्याण योजना, महिला कल्याण योजनाI
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विभिन्न विकास परियोजनाओ सड़क प्रोजेक्ट पुल निर्माण आदि का क्रियान्वयन सुनिश्चित करनाI
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अन्य कार्य-
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विभिन्न जन जागरूकता या सामाजिक कार्यक्रमों का संचालनI
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अधीनस्थ अधिकारियों एवं कार्यालय के मध्य सामंजस बैठनाI
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मध्य प्रदेश में जिला प्रशासन-
मध्य प्रदेश में वर्तमान में 10 संभाग और 55 जिले हैं, और प्रत्येक जिले को प्रशासनिक दृष्टि से अनुविभाव तथा तहसील में बांटा गया हैI
जिले की प्रशासनिक संरचना को दो रूपों में देखा जा सकता है
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एक राजस्व प्रशासन-; इसके अंतर्गत जिलाधीश,उप-जिलाधीश तथा तहसीलदार शामिल हैI
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दूसरा पुलिस प्रशासन-; इसके अंतर्गत एसपी, डीएसपी, टीआई (थाना इंस्पेक्टर), सब इंस्पेक्टर, तथा हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैI
जिलाधीश की भूमिका एवं कार्य-
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प्रशासनिक कार्य-
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विभिन्न नियमों अधिनियमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना तथा
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शांति शुव्यवस्था स्थापित करना( आवश्यकता पड़ने पर धारा 144 लगाना)I
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अधीनस्थ अधिकारियों की पद स्थापना, स्थानांतरण तथा अवकाश का निर्धारण करनाI
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जन शिकायत सुना तथा उनका निवारण करनाI
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दंडाधिकारी के रूप में-
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हथियार रखने या विस्फोटक पदार्थ बनाने आदि का लाइसेंस देना या रद्द करना
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राजस्व संबंधी मुकदमों का गैरदंडनीय निर्णय करना
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पर्यवेक्षक एवं नियंत्रण संबंधी कार्य
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अधीनस्थ अधिकारियों के कार्य का निरीक्षण करनाI
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अधीनस्थ अधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण रखनाI
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उनका मार्गदर्शन करना आदिI
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राजस्व संबंधी कार्य-
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भू राजस्व संग्रहण संबंधी कार्य
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राजस्व प्रकरणों की अपील सुनना
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राजस्व संबंधित रिपोर्ट तैयार करके सचिवालय में भेजना
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विकास संबंधी कार्य
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जिला स्तर पर विभिन्न कल्याणकारी विकास योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना जैसे- किसान कल्याण योजना, महिला कल्याण योजनाI
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विभिन्न विकास परियोजनाओ सड़क प्रोजेक्ट, स्कूल निर्माण, पुल निर्माण आदि का क्रियान्वयन सुनिश्चित करनाI
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विशेष कार्य-
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चुनाव के दौरान जिला स्तर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी की भूमिका निभानाI
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जनगणना के समय जनगणना अधिकारी के रूप में कार्य करना
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आपदा या सुखा आदि की स्थिति में आपदा स्थल में जाकर निरीक्षण करना तथा मुआवजा के लिए सरकार को आवेदन देनाI
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अन्य कार्य-
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विभिन्न जन जागरूकता या सामाजिक कार्यक्रमों का संचालनI
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अधीनस्थ अधिकारियों एवं कार्यालय के मध्य सामंजस बैठनाI
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