मध्य प्रदेश का राजस्व व्यय, ऋण तथा राजकोषीय अनुशासन
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Toggle4 जुलाई 2024 को मध्य प्रदेश का नया बजट प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार मध्य प्रदेश का कुल बजट 3.65 लाख करोड़ का है।
इसमें पिछले वर्ष की तुलना में प्रचलित कीमतों पर 9.37 प्रतिशत वृद्धि हुई।
और स्थिर मूल्य पर 6.01% की वृद्धि।
मध्य प्रदेश का राजस्व-:
(उपरोक्त सभी आंकड़े बजट अनुमान 2024-25 के अनुसार हैं)
मध्य प्रदेश की कुल प्राप्तियां 3.30 लाख करोड़ है।(इसमें पिछली वर्ष की तुलना में 17% वृद्धि हुई)
राजस्व प्राप्तियां-2.63 लाख करोड़(पिछले वर्ष की तुलना में 17% वृद्धि)
राज्य करों से प्राप्त राजस्व-: लगभग 1 लाख करोड़।
केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा-: लगभग 95 हजार करोड़।
केंद्र सरकार से सहायक अनुदान-: लगभग 44हजार करोड़।
गैर कर राजस्व-: लगभग 20 हजार करोड़।
पूंजीगत प्राप्तियां– 66000 करोड़ (19% वृद्धि)
मध्य प्रदेश राज्य व्यय-:
मध्य प्रदेश का कुल व्यय (विनियोग राशि) 3.65 लाख करोड रुपए है।
राजस्व व्यय – 2.61 लाख करोड रुपए।
पूंजीगत व्यय- 64000 करोड रुपए(29% वृद्धि)
मध्य प्रदेश का राजस्व आधिक्य-: 1700 करोड़ है।
मध्य प्रदेश राज्य का राजकोषीय अनुशासन
मध्य प्रदेश का राजकोषीय घाटा लगभग 62000 करोड़ रुपए है।
जो राज्य की सकल घरेलू उत्पाद का 4.1% है।
मध्य प्रदेश में राजकोषीय अनुशासन या ऋण-:
मध्य प्रदेश में वर्ष 2005 में ऋण और जीएसडीपी का अनुपात 39.5% था,
और बजट अनुमान 2023-24 के अनुसार ऋण तथा जीडीपी का अनुपात 27.80% रह गया है।
अर्थात मध्य प्रदेश सरकार का कुल कर्ज लगभग 3.5 लाख करोड रुपए है।
(प्रति व्यक्ति लगभग 43000 रूपए का कर्ज़)