मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलें

मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलें

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मध्य प्रदेश की फसलों को निम्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है

.मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलें

खाद्यान्न फसलें-:

ऐसी फसलें जो भोजन के रूप में प्रयुक्त की जाती हैं उन्हें खाद्यान फसले कहते हैं। 

जैसे-: जहां, चावल, मक्का ,ज्वार। 

मध्यप्रदेश में खाद्यान्न फसलों का कुल उत्पादन वर्ष 2017-18 में 42136 हजार  मेट्रिक टन हुआ था। 

1.गेहूं-: 

गेहूं मध्य प्रदेश की सर्वाधिक क्षेत्र(5900) में बोई जाने वाली खाद्य फसल है। गेहूं की फसल अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती है तथा मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है। 

मध्यप्रदेश में उपजे जाने वाली गेहूं की प्रमुख किस्में निम्न है – सरबती गेहूं, लोकवन गेहूं, सुजाता गेहूं, नर्मदा चार गेहूं, राज 77गेंहूं।      

गेहूं उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं-:

वर्षा-: 50 से 75 सेंटीमीटर

तापमान-: बुवाई के समय 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तथा कटाई के समय 20 से 28 डिग्री सेल्सियस। 

मिट्टी-: गहरी एवं मध्यम दोमट मिट्टी। 

राज्य में गेहूं उत्पादन का वितरण क्षेत्र-

राज्य में सर्वाधिक गेहूं का उत्पादन मालवा क्षेत्र तथा पश्चिमी नर्मदा घाटी क्षेत्र में होता है क्योंकि इन क्षेत्रों में गेहूं उत्पादन के लिए आवश्यक भौतिक एवं पर्यावरणीय दशाएं में विद्यमान है

राज्य में सर्वाधिक गेहूं उत्पादक जिले क्रमशः निम्न हैं-: 

  • होशंगाबाद

  • विदिशा

  • सीहोर। 

 फसल क्षेत्र एवं उत्पादन

मध्यप्रदेश में वर्ष 2017-18 में गेहूं का फसल क्षेत्र 5900 हजार हेक्टेयर भूमि था तथा गेहूं का उत्पादन 20020 हजार मीट्रिक टन था। 

2.चावल

चावल मध्य प्रदेश के अधिकांश लोगों की खाद्यान्न फसल है, जो फसल क्षेत्र और उत्पादन की दृष्टि से गेहूं के बाद मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी फसल है। 

चावल एक खरीफ की फसल है जो जून-जुलाई में बोई जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती है। 

मध्यप्रदेश में चावल की प्रमुख किस्में निम्न है-: बासमती, काली मूंछ, पदमा, कावेरी, आर आई 64। 

चावल उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं-:

वर्षा-: 100 से 200 सेंटीमीटर

तापमान-: बुवाई के समय 24 डिग्री सेल्सियस तथा कटाई के समय 30डिग्री सेल्सियस। 

मिट्टी-: कछारी मिट्टी या दोमट मिट्टी। 

राज्य में चावल उत्पादन का वितरण

मध्यप्रदेश में चावल का सर्वाधिक उत्पादन पूर्वी मध्य प्रदेश क्षेत्र में होता है क्योंकि यहां पर पर्याप्त वर्षा होती है,

राज्य के सर्वाधिक चावल उत्पादक जिले क्रमशः निम्न है-: 

  • बालाघाट

  • सिवनी

  • मंडला। 

फसल क्षेत्र एवं उत्पादन-: 

मध्यप्रदेश में वर्ष 2017-18 में चावल का फसल क्षेत्र 2485 हजार हेक्टेयर भूमि था तथा चावल का उत्पादन 7305 हजार मीट्रिक टन था। 

2. मक्का

मक्का गेहूं और चावल की बाद मध्यप्रदेश की प्रमुख खाद्य फसल है, 

मक्का एक खरीफ की फसल है जो जून-जुलाई में बोई जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती है। 

मक्का उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं-:

वर्षा-: 50 से 75 सेंटीमीटर

तापमान-: बुवाई के समय 24 डिग्री सेल्सियस तथा कटाई के समय 30डिग्री सेल्सियस। 

मिट्टी-: हल्की बुल‌ई एवं पुरानी जलोढ़ मिट्टी। 

मक्का उत्पादन का वितरण

मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में मक्के का सर्वाधिक उत्पादन होता है क्योंकि यहां पर मक्का उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक एवं पर्यावरण दशाएं पाई जाती है

राज्य के सर्वाधिक मक्का उत्पादक जिले क्रमशः निम्न है-: 

  • धार

  • छिंदवाड़ा

  • बड़वानी

फसल क्षेत्र एवं उत्पादन-: 

मध्यप्रदेश में वर्ष 2017-18 में मक्के का फसल क्षेत्र 1300 हजार हेक्टेयर भूमि था तथा मक्के का उत्पादन 4680 हजार मीट्रिक टन था। 

2. ज्वार

मध्यप्रदेश में ज्वार की खेती खरीब और रबी दोनों के मौसम में की जाती है। लेकिन मुक्ता खरीफ की फसल में ही इसकी खेती की जाती है। 

ज्वार उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं-:

  • ज्वार मुख्यतः कम वर्षा वाले क्षेत्रों में

  •  हल्की दोमट मिट्टी वाले क्षेत्रों में ज्यादा होती है

राज्य में ज्वार उत्पादन का वितरण

मध्य प्रदेश के निर्माण एवं मध्य सतपुड़ा क्षेत्र में मक्के का सर्वाधिक उत्पादन होता है क्योंकि यहां पर जोर उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक एवं पर्यावरण दशाएं पाए जाते हैं जैसे वर्षा कम होना 

राज्य के सर्वाधिक ज्वार उत्पादक जिले क्रमशः निम्न है-: 

  • बड़वानी

  • खरगोन

  • खंडवा। 

फसल क्षेत्र एवं उत्पादन-: 

मध्यप्रदेश में वर्ष 2017-18 में मक्के का फसल क्षेत्र 400 हजार हेक्टेयर (4 लाख हेक्टेयर)भूमि था। 

दलहन फसलें-:

ऐसी फसलें जिनसे दाल प्राप्त होती है उन्हें दलहनी फसलें कहते हैं जैसे अरहर चना मूंग उड़द मशूर आदि। 

मध्य प्रदेश दलहन उत्पादन में देश का एक अग्रणी राज्य क्योंकि मध्यप्रदेश में देश की लगभग 23% दलहन का उत्पादन होता है।

मध्यप्रदेश में दलहन का फसल क्षेत्र लगभग 7470 हजार हेक्टेयर है । कुल उत्पादन 9500 हजार मेट्रिक टन प्रतिवर्ष है। 

मध्य प्रदेश के प्रमुख दलहन फसलें निम्न हैं-: 

1. चना

चना मध्यप्रदेश की प्रमुख दलहन फसल है, मध्य प्रदेश में देश का लगभग 40% चने का उत्पादन होता है। 

मक्का एक रबी की फसल है जो अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है। 

चना उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं-:

वर्षा-: 30 से 50 सेंटीमीटर

तापमान-: बुवाई के समय 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तथा कटाई के समय 23 – 28डिग्री सेल्सियस। 

मिट्टी-: काली मिट्टी

चना उत्पादन का वितरण

मध्य प्रदेश के मालवा के पठार एवं बुंदेलखंड के क्षेत्र में चने का सर्वाधिक उत्पादन होता है क्योंकि यहां पर मक्का उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक एवं पर्यावरण दशाएं पाई जाती है

राज्य के सर्वाधिक चना उत्पादक जिले क्रमशः निम्न है-: 

  • उज्जैन

  • सागर

  • छिंदवाड़ा। 

फसल क्षेत्र एवं उत्पादन-: 

मध्यप्रदेश में वर्ष 2017-18 में चने का फसल क्षेत्र 3590 हजार हेक्टेयर भूमि था तथा चने का उत्पादन  5400 हजार मीट्रिक टन था।

2. अरहर

  • अरहर एक खरीफ की फसल दलहन फसल है, 

  • अरहर का सर्वाधिक उत्पादन मध्यप्रदेश के दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों मैं होता है। 

  • राज्य में प्रमुख अरहर उत्पादक जिले क्रमशः 

    • छिंदवाड़ा

    • नरसिंहपुर

    • सिवनी। 

  • मध्य प्रदेश में वर्ष 2017-18 में अरहर का फसल क्षेत्र 647 हजार हेक्टेयर था, तथा अरहर का उत्पादन 839 हजार मैट्रिक टन था।

3. मूंग

  • मूंग एक खरीफ की फसल दलहन फसल है, 

  • अरहर का सर्वाधिक उत्पादन मध्यप्रदेश के पुत्री क्षेत्रों मैं होता है। 

  • राज्य में प्रमुख अरहर उत्पादक जिले क्रमशः 

    • टीकमगढ़

    • शिवपुरी

    • श्योपुर।

तिलहन फसलें-:

ऐसी फसलें जिन से तेल प्राप्त होता है उन्हें तिलहन फसल कहते हैं जैसे -:सोयाबीन, सरसों, मूंगफली तिल अलसी। 

तिलहन के उत्पादन में मध्य प्रदेश भारत का अग्रणी राज्य है क्योंकि मध्यप्रदेश में देश की लगभग 25% तिलहन का उत्पादन होता है। 

मध्यप्रदेश में तिलहन का कुल फसल क्षेत्र 6642 हजार हेक्टेयर तथा 7000 हजार हेक्टेयर है। 

1. सोयाबीन

मध्य प्रदेश सोयाबीन के उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है इसीलिए मध्य प्रदेश को सोया प्रदेश भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश में देश का लगभग 51% सोयाबीन उत्पादित होता है। 

सेबी ने खरीफ की फसल में जो जुलाई में बोई जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती है। 

सोयाबीन उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं-: 

 वर्षा-: 70से 120 सेंटीमीटर

तापमान-: बुवाई के समय 24डिग्री सेल्सियस तथा कटाई के समय 30 डिग्री सेल्सियस। 

मिट्टी-: काली दोमट मिट्टी। 

राज्य में सोयाबीन उत्पादन का वितरण-: 

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सोयाबीन का उत्पादन उत्तर पश्चिमी जिलों में होता है

क्योंकि यहां पर गहरी दोमट मिट्टी पाई जाती है एवं यहां का वर्षा का तापमान सोयाबीन की फसल के लिए उपयुक्त होता है। 

मध्य प्रदेश के सर्वाधिक सोयाबीन उत्पादक जिले क्रमशः निम्न हैं-: 

  • उज्जैन

  • शाजापुर

  • विदिशा। 

फसल क्षेत्र एवं उत्पादन-: 

मध्य प्रदेश में वर्ष दो हजार सत्रह अट्ठारह में सोयाबीन का फसल क्षेत्र 5010 हजार हेक्टेयर था ,तथा सोयाबीन का कुल उत्पादन 5321 हजार मैट्रिक टन था। 

मध्य प्रदेश में सोयाबीन क्षेत्र में वृद्धि का कारण

  • मध्य प्रदेश के अधिकांश भाग में सोयाबीन उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएं विद्यमान है, जैसे 70 से 120 डिग्री सेंटीग्रेड वर्षा होना काली दोमट मिट्टी होना। 

  • सोयाबीन उत्पादन के लिए ज्यादा सच्चाई ज्यादा कीटनाशक उर्वरक आदि की आवश्यकता नहीं होती। 

  • सोयाबीन एक नगदी एवं अधिक लाभ देने वाली फसल है रिफाइंड ऑयल सोया मिल्क सोयाबीन प्रोटीन पाउडर आदि के उत्पादन में सोयाबीन की तीव्र मांग है। 

2. सरसों

  • सरसों मध्यप्रदेश में सोयाबीन के बाद दूसरी सर्वाधिक उत्पादित होने वाली तिलहन फसल है। यह मौसम की दृष्टि से रबी की फसल है 

  •  सरसों सर्वाधिक उत्पादन मध्य प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में चंबल घाटी के पास होता है

  • मध्य प्रदेश के सर्वाधिक सरसों उत्पादक जिले क्रमशः निम्न हैं-: 

    • भिंड

    • मुरैना

    • मंदसौर  

3. मूंगफली

  • मूंगफली मध्य प्रदेश की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण तिलहन फसल है जून-जुलाई में बोई जाती है अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती।

  • मूंगफली का सर्वाधिक उत्पादन खंडवा खरगोन जिले में होता है।

4. तिल

  • तिल खरीफ की तिलहन फसल है जून जुलाई में बोई जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती है। 

  • मध्यप्रदेश में तिल का सर्वाधिक उत्पादन -:सीधी छतरपुर टीकमगढ़ पन्ना आदि के क्षेत्र में होता है।

व्यापारिक फसलें-:

ऐसी फसलें जिन का उत्पादन व्यापारिक लाभ कमाने के लिए किया जाता है उन्हें व्यापारिक फसलें कहते हैं जैसे कपास गन्ना इंस्टा सन‌ई आदि। 

1. कपास

कपास मध्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है जो जून-जुलाई के समय वही जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती है

कपास उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएं

कपास उत्पादन के लिए ऐसा क्षेत्र उपयुक्त होता है जहां पर 50 से 100 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा होती है तथा जहां की मिट्टी काली हो। 

राज्य में कपास उत्पादन का वितरण-: 

मध्य प्रदेश में कपास का सर्वाधिक उत्पादन निमाड़ क्षेत्र में होता है। 

मध्य प्रदेश के सर्वाधिक कपास उत्पादक जिले क्रमशः अग्रो लिखित हैं

  • खरगोन

  • धार

  • खंडवा। 

उत्पादन एवं फसल क्षेत्र

मध्यप्रदेश में कपास का कुल फसल क्षेत्र 600 हजार हेक्टेयर भूमि है कुल उत्पादन लगभग 3000 हजार मैट्रिक टन है। 

2. गन्ना

  • गन्ना एक नकदी फसल है जिस की फसल तैयार होने में लगभग 10 से 11 महीने लगते हैं। 

  • मध्यप्रदेश में सर्वाधिक गन्ने का उत्पादन-: 

    •  नरसिंहपुर 

    • छिंदवाड़ा 

    • औरबुरहानपुर

जिले में होता। 

3.मेस्टा 

  • मेस्टा एक रेशेदार फसल है जो जून-जुलाई में बोई जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काट ली जाती है। 

  • मध्यप्रदेश में निष्ठा का सर्वाधिक उत्पादन ,-: 

    • सतना 

    • सीधी 

    • रीवा 

जिले में होता है।

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