मध्य प्रदेश में शिक्षा एवं कौशल विकास
मध्य प्रदेश में शिक्षा तथा कौशल विकास मुख्य रूप से तीन विभागों के माध्यम से किया जाता है-
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स्कूल शिक्षा विभाग।
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उच्च शिक्षा विभाग।
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तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास तथा रोजगार विभाग।
बजट –
मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा एवं कौशल विकास में 2023-24 में लगभग 38000 करोड रुपए खर्च कर रही है।
स्थान -: प्राथमिक शिक्षा के मामले में मध्य प्रदेश का देश में पांचवा शीर्ष स्थान है।
UDISE(unified district information system for education Plus)-:
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उच्च शिक्षा की स्थिति
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राज्य में कल 84 विश्वविद्यालय है, जिसमें से
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22 राज्य के सार्वजनिक विश्वविद्यालय
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39 निजी विश्वविद्यालय
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2 केंद्रीय विश्वविद्यालय
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1मुक्त विश्वविद्यालय( भोज
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1 डीम्ड में विश्वविद्यालय( अहिल्याबाई
मध्य प्रदेश की कॉलेज में प्रवेश की ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 27.1 प्रतिशत है
मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख योजना एवं पहल-
सीएम राइस स्कूल-:
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यह योजना 2021 को शुरू की गई।
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इसका उद्देश्य प्रत्येक बस्ती की लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में एक उच्च गुणवत्तापूर्ण स्कूल प्रदान करना।
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इसके तहत प्रदेश में कुल 9200 सीएम राइस स्कूल विकसित करने की योजना है।
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वर्तमान में 370 कम राइस स्कूलों का संचालन हो चुका है।
मॉडल स्कूल योजना-:
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इस योजना की शुरुआत 2011-12 में की गई,
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इसमें 9 वीं कक्षा में एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से 100 बच्चों को एडमिशन दिया जाता है।
कस्तूरबा गांधी कन्या विद्यालय योजना
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यह योजना 2004 से लागू है
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इसके तहत अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति तथा गरीब परिवारों की बालिकाओं को छठवीं से 12वीं तक के अध्ययन के लिए निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ निशुल्क छात्रावास भी दिया जाता है।
निशुल्क साइकिल वितरण योजना(2007)-
इसके तहत माध्यमिक स्तर की छात्रों को दूरस्थ आवागमन के लिए साइकिल प्रदान की जाती है मध्य प्रदेश में वर्तमान में लगभग 100000 छात्रों को साइकिल वितरित की जा चुकी है।
सुपर 100योजना-
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इसमें दसवीं में छात्र प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की एक चयन परीक्षा कराकर, सफल विद्यार्थियों को मेडिकल, इंजीनियरिंग और C.A. की कोचिंग निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।
उच्च शिक्षा विभाग की योजनाएं
मेधावी विद्यार्थी योजना
यह 2017-18 में शुरू की गई इसके तहत अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को लैपटॉप प्रदान किया जाता है या ₹25000 की राशि दी जाती है।
गांव की बेटी योजना 2005
इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाशाली छात्राओं को स्नातक में वित्तीय सहायता दी जाती है।
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गैर तकनीकी स्नातक करने पर ₹500 प्रति माह दास माह के लिए।
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तकनीकी विषयों से स्नातक करने पर 750 रुपए प्रतिमाह है 10 माह के लिए।
प्रतिभा किरण योजना-
यह योजना भी गांव की बेटी योजना की तर्ज पर, 2009 में चलाई गई
इसके तहत शहरी क्षेत्र में गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाली मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा में आर्थिक सहायता दी जाती है।
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गैर तकनीकी स्नातक करने पर ₹500 प्रति माह दस माह के लिए।
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तकनीकी विषयों से स्नातक करने पर 750 रुपए प्रतिमाह है 10 माह के लिए।
स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना
इसका उद्देश्य शिक्षित युवाओं का मूल्यांकन करके उनको उपयुक्त करियर का मार्गदर्शन प्रदान करना है। साथी इस योजना में रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है।
मध्य प्रदेश में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास
वर्तमान मध्य प्रदेश में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए “तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग” कार्यरत है।
इस विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में मध्य प्रदेश में लगभग 1300 तकनीकी शिक्षण संस्थाएं संचालित हैं,जिनकी कुल क्षमता लगभग 2 लाख छात्र है।
इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश राज्य में 1020 आईटीआई संस्थान संचालित हैं।
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