राष्ट्रीय विकास
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राष्ट्रीय विकास एक व्यापक अवधारणा है जिसमे राष्ट्र के सभी लोगों का जीवन स्तर में सुधार के साथ-साथ सभी क्षेत्र को विकसित किया जाता है।
राष्ट्रीय विकास के स्तंभ
शिक्षा
स्वास्थ्य
पर्यावरण गुणवत्ता
सामाजिक और सांस्कृतिक सुविधा
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी।
राष्ट्रीय विकास को प्रभावित करने वाले कारक-
साक्षरता का स्तर-जहां के लोग अधिक शिक्षित होते हैं वहां का विकास उपेक्षाकृत अधिक होता।
स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता
प्राकृतिक संसाधन की उपलब्धता
कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता
बैंकिंग तथा संचार सेवाएं
राजनीतिक स्थिरता तथा राजनीतिक दृष्टिकोण।
तकनीकी विकास।
सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन
हमारे देश में लगभग हर वर्ग के विकास को ध्यान में रखकर अनेकों योजनाएं बनाई एवं संचालित की गई है; किंतु उन योजनाओं का प्रभावित किया अनुमान न होने से हितग्राहियों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया है।
अतः समुचित राष्ट्रीय विकास के लिए योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है जिसके लिए
निम्न रणनीतियां अपनाई जा सकती है-:
शोध एवं अध्ययन-: यह योजनाओं की क्रियान्वयन की पहली शर्त है, जिसने यह निर्धारित किया जाता है की योजना का लक्ष्य क्या है? क्रियान्वयन में कौन-कौन सी बधाएं आ सकती हैं? उनको दूर करने की क्या उपाय हो सकते हैं?
लाभार्थियों को समझना-: इसके अंतर्गत योजना की वास्तविक लाभार्थियों की संख्या तथा उनकी प्रवृत्तियों को समझा जाता है।
जनता से जुड़ाव-: योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जनसंपर्क महत्वपूर्ण कारक है।
सकारात्मक प्रचार-प्रसार-: मीडिया, सोशल-मीडिया तथा सार्वजनिक स्थानों में विज्ञापन आदि के माध्यम से लाभार्थियों को योजनाओं की जानकारी देना।
प्रशासनिक मजबूती-: योजनाओं क्रियान्वयन से जुड़े कर्मचारियों को व्यावहारिक शिक्षण-प्रशिक्षण देना आदि।
तकनीकी सुव्यवस्था-: योजना संबंधी डिजिटल प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन पोर्टल तथा तकनीकी संसाधनों की दुरुस्त व्यवस्था।
प्रगति की निगरानी-: योजना के क्रियान्वयन की प्रगति पर चरणबद्ध रूप से निगरानी रखना तथा उसकी समीक्षा करना।
उपरोक्त रणनीतियों के माध्यम से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन को सफल बनाया जा सकता है।
बाधाएं
प्रभावी रणनीति का अभाव।
संसाधनों का अभाव।
भ्रष्टाचार।
अनैतिक राजनीतिक दबाव।
विभागीय सामंजस्य का अभाव।
जागरूकता का अभाव।