लुप्तप्राय एवं विलुप्त प्रजातियां

लुप्तप्राय एवं विलुप्त प्रजातियां

इंटरनेशनल यूनियन का कंजर्वेशन नेचर द्वारा 1963 से रेड डाटा सूची जारी की जाती है, इस सूची में उन प्रजातियों को शामिल किया जाता है जो प्रकृति में बहुत कम मात्रा में है या जो समाप्त हो चुकी हैं।

  • लुप्तप्राय(EN)-: 

    • वे प्रजातियां, जिन्हें संरक्षित ना किया गया तो निकट भविष्य में लुप्त हो सकती हैं। 

    • इसके अंतर्गत ऐसी प्रजातियां शामिल होती हैं जिनकी संख्या में पिछले 10 वर्ष में 70% कमी देखी गई हो। 

    • उदाहरण-: 

      • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, नीलगिरी ताहड, सुनहरा लंगूर,

      • हिम तेंदुआ, गंगा डॉल्फिन, एशियाई शेर 

      • हंगुल, नामदफा उड़ने वाली गिलहरी, बंगाल टाइगर, चाइनीस पैंगोलिन। 

  • विलुप्त प्रजातियां (Ex)-: 

    • ऐसी प्रजाति है जो लुप्त हो चुकी है

    • मानक-: जो प्रजातियां पिछले 50 वर्षों से देखी ना गई हो। 

    • उदाहरण-: 

      • लाल पांडा , लाल तोता,डायनासोर। 

      • डोडो ,मेमथ ,ब्लूबक। 

बचाने के उपाय-: 

  • स्वस्थाने संरक्षण

  • बाह्य स्थाने संरक्षण। 

प्रयास -: 

  • वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972। 

  • जैव विविध संरक्षण अधिनियम 2002।

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