विचार सृजन
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Toggleविचार सृजन का अर्थ-:
विचार सृजन वह मानसिक क्रिया है जिसके द्वारा हम किसी समस्या या कठिनाई का समाधान पाने हेतु, चिंतन-मनन द्वारा उपाय सोचते हैं।
पीटर ड्रगर के अनुसार- “विचार सृजन ही नवाचार का पहला कदम है”
विचार सृजन का लक्ष्य-:
विचार सृजन का मुख्य लक्ष्य- अमूर्त विचार को मूर्ति क्रियाकलापों में परिवर्तित करके, वस्तु या सेवा का अधिकतम उत्पादन करना होता है।
विचार सृजन के चरण
विचार अंकुरण– सृजनशीलता की शुरुआत ही रचनात्मक लोगों द्वारा जिज्ञासा से शुरू होती है और इस जिज्ञासा को ही विचार अंकुरण के रूप में जाना जाता है।
विचार चिंतन– फिर उस विचार का गहन चिंतन मनन किया जाता है।
प्रदीपन– फिर संबंधित समस्याओं को या विचार को विभिन्न परिपेक्ष्य में रखकर समाधान ढूंढा जाता है।
सत्यापन-: यह अंतिम चरण होता है जिसमें प्रदीपित विचारों को परिष्कृत करके उपयोगी तथा यथार्थवादी विचारों को सत्यापित किया जाता है; और अनुपयोगी विचारों को छोड़ दिया जाता है।
एक अच्छे विचार में निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए-:
विचार ऐसा हो जो आवश्यकताओं की सटीक पूर्ति करें।
विचार ऐसा हो जो प्रतिस्पर्धा की दुनियां में खरा उतरे, अर्थात प्रतिस्पर्धात्मक लाभ दिलाए।
विचार सजन के दौरान लाभ बनाम जोखिम का ध्यान रखना चाहिए।
विचार सृजन के दौरान ग्राहक की भुगतान क्षमता का ध्यान रखना।
बाजार के आकार एवं विक्रय की संभावना के अनुरूप के विचारों का सृजन करना।
विचार सृजन के स्रोत-:
उपभोक्ता- उपभोक्ता द्वारा दिए गए फीडबैक (जैसे- शिकायत,सुझाव पर विचार करना।
मौजूद उत्पादों एवं सेवाओं की कमियां-मौजूदा उत्पादन एवं सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करने हेतु विचार करना।
प्रतिस्थापन- वर्तमान उत्पादों का विकल्प ढूंढने पर विचार करना।
सरकारी-नीतियां– सरकारी नीति के अनुरूप अपने उत्पाद को विकसित करने पर विचार करना।
शोध संस्थान के तथ्य – शोध संस्थान द्वारा बताए गए तथ्यों,आंकड़ों पर विचार करना।
अन्य देशों की पहलों पर विचार करना।
विचार सृजन की तकनीकें-:
फोकस समूह -: यह 6 से लेकर 10 व्यक्तियों का समूह होता है जो गुणात्मक अनुसंधान पद्धति द्वारा व्यक्तियों की राय, दिलचस्पी, धरना एवं चिताओं का पता लगता है।
ब्रेनस्टॉर्मिंग- यह विचार मंथन की एक विधि है, जिसमें व्यावसायिक समस्याओं के समाधान पर गहन-चिंतन मन किया जाता है।
जांच सूची- यह एक अवलोकन विधि है जिसमें विभिन्न पहलुओं की सूची बनाकर कुछ विशिष्ट पहलू चुन लिए जाते हैं।
समस्या वस्तु सूची विश्लेषण-यह समस्या से संबंधित फोकस करने की एक विधि है।
स्नेक्टिक्स-: यह समस्या समाधान पढ़ती है जिसमें अनभिज्ञ विचारों को उत्तेजित किया जाता है।
SCAMPER-: S- substitute, C- combine, A-adopt, M- modify, P- put and use, E- elimination, R- rivers. आदि का उपयोग कर विचार सृजन किया जाता है।
विचार अनुवीक्षण-:
वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत सृजित विचारों का मूल्यांकन किया जाता है।
उद्देश्य
खारिजकरना- अनुपयोगी तथा आप प्रसांगिक विचारों को।
अपनाना या चयन करना- उपयोगी तथा यथार्थवादी विचारों को।
महत्व-:
प्रतिफल अधिकतम करने में सहायक।
उत्पादन लागत में कमी।
जोखिम कम करने में महत्वपूर्ण।
उपयुक्त निर्णय में सहायक।
विचारों की कर्मियों तथा गुना की संभावना को पहचान कर संभावित दुष्परिणामों से बचने में सहायक।
ऋटियां-:
ड्रॉप ऋटि-: अच्छे विचारों या अच्छे अफसर को छोड़ना। (उदाहरण के लिए IBM company द्वारा PC के बाजार को त्यागना)
गो ऋटि-: अनुप्रयुक्त या काल्पनिक विचारों को स्वीकार करना ( उदाहरण के लिए नोकिया का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जाना, परिणाम स्वरुप कंपनी को नुकसान हुआ)