शंकरशाह एवं रघुनाथ शाह -:
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Toggleशंकर शाह-:
गोंडवाना वंश के, उतरवर्ती शासक।
रानी दुर्गावती के वंशज।
परिचय-:
जन्म- 1789ई को।
पिता- सुमेर शाह
पत्नी- फूलकुंवर देवी।
क्षेत्र- गड़ा मंडला, जबलपुर।
निर्माण कार्य -:
फूल सागर तालाब, जबलपुर
माला देवी मंदिर, जबलपुर।
18 57 की क्रांति में योगदान-:
शंकर शाह ने निम्न कारण से 1857 की क्रांति में भाग लिया था-:
डलहौजी की हड़प नीति
जबलपुर के ब्रिटिश अधिकारी क्लार्क की क्रूरता
अपने राज्य तथा देश की स्वतंत्रता हेतु।
1857 की क्रांति के दौरान इन्होंने देशभक्ति कविताओं द्वारा लोगों को प्रेरित किया और अंग्रेजो के निर्णय का विरोध किया।
किंतु 18 सितंबर 1857 को क्लार्क नामक अंग्रेज अधिकारी ने इन्हें तोप से बांधकर उड़वा दिया।
इसकेबाद- फूलकुंवर देवी तथा 52 वी रेजीमेंट ने जबलपुर से अंग्रेजों का विद्रोह जारी रखा।
रघुनाथ शाह-:
गोंडवाना वंश के राजकुमार तथा शंकर शाह के पुत्र थे,
परिचय-:
जन्म- 1825 ई को
पिता– शंकर शाह
माता– फूलकुंवर देवी
क्षेत्र- गढ़मंडला, जबलपुर।
निर्माण कार्य –
संग्राम तालाब का जीर्णोद्धार करवाया
तथा बाजना मठ का पुनर्निर्माण करवाया।
18 57 की क्रांति में रघुनाथ शाह का योगदान-:
रघुनाथ शाह ने अपने पिता शंकर शाह के साथ निम्न कारण से 1857 की क्रांति में भाग लिया था-:
डलहौजी की हड़प नीति
जबलपुर के ब्रिटिश अधिकारी क्लार्क की क्रूरता
अपने राज्य तथा देश की स्वतंत्रता हेतु।
1857 की क्रांति के दौरान इन्होंने देशभक्ति कविताओं द्वारा लोगों को प्रेरित किया और अंग्रेजो के निर्णय का विरोध किया।
किंतु 18 सितंबर 1857 को क्लार्क नामक अंग्रेज अधिकारी ने इन्हें तोप से बांधकर उड़वा दिया।
वर्तमान में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम बदलकर राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय कर दिया गया है।