समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द युग्म
This page Contents
Toggleऐसे शब्द जो लेखन एवं उच्चारण में लगभग एक समान प्रतीत होते हैं किंतु उनके अर्थ में काफी भिन्नता होती है उन्हें शब्द युग्म या समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द कहते हैं।
जैसे-: ‘अपेक्षा उपेक्षा’उच्चारण करने में लगभग एक समान प्रतीत होते हैं किंतु यहां पर अपेक्षा का अर्थ :- इच्छा या आवश्यकता से है, वही उपेक्षा का अर्थ:-निरादर से है।
उसी प्रकार ‘अभिज्ञ अनिभिज्ञ’दोनों शब्द उच्चारण में लगभग एक समान प्रतीत होते हैं किंतु यहां पर अभिज्ञ का अर्थ है :-जानने वाला और अन्य अनभिज्ञ का अर्थ है :-अनजान।
प्रमुख शब्द युग्म के शब्दार्थ:-
शब्द 1 | अर्थ | शब्द 2 | अर्थ |
अँगना | आँगन | अंगना | स्त्री |
अभिनय | नाटक | अभिनव | नवीन |
अंबर | आकाश | अंबार | ढ़ेर |
अन्न | अनाज | अन्य | दूसरा |
असन | भोजन | आसन | बैठना |
अनिल | हवा | अनल | आग |
अपेक्षा | इच्छा / तुलना में | उपेक्षा | निरादर |
अचर | न चलने वाला | अनुचर | दास, नौकर |
अगम | दुर्लभ / जहॉ पहुंचा न जा सके | आगम | अर्जन / ज्ञान प्राप्ति |
अभय | निर्भय | उभय | दोनों |
अध्ययन | पढ़ना | अध्यापन | पढ़ाना |
अरि | शत्रु | अरी | स्त्री के लिए संबोधन |
अभिज्ञ | जानकार | अनभिज्ञ | अनजान |
अवधि | समय / काल | अवधी | अवध की भाषा |
आदि | इत्यादि/बगैरा | आदी | अभ्यस्त/आदत |
आयत | समकोण चतुर्भुज | आयात | विदेश से मंगाया गया |
उपकार | भलाई | अपकार | बुराई |
कुल | वंश | कूल | किनारा |
कंगाल | गरीब | कंकाल | हड्डियों का ढांचा |
शब्द 1 | अर्थ | शब्द 2 | अर्थ |
कृपाण | कटार/तलवार | कृपण | कंजूस |
करकट | कूड़ा | कर्कट | केंकड़ा |
चिर | स्थायी | चीर | कपड़ा |
चिता | शव | चीता | बाघ |
कोष | खजाना | कोश | संग्रह ( शब्द संग्रह ) |
जलज | कमल | जलद | बादल |
डीठ | दृष्टि / नजर | ढीठ | निडर |
तड़ाक | जल्दी | तड़ाग | तलाब |
तरणि | नदी | तरणी | नाव |
द्विप | हांथी | द्वीप | टापू |
द्रव | तरल | द्रव्य | पदार्थ |
नहर | कृतिम नदी | नाहर | शेर |
निशाकर | चंद्रमा | निशाचर | राक्षस |
नारी | स्त्री | नाड़ी | नब्ज |
प्रमाण | सबूत | प्रणाम | नमस्कार |
पावन | पवित्र | पवन | वायु |
प्रतिषेध | मनाही | प्रतिशोध | बदला |
पोत | जहाज | प्रौत्र | पोता |
प्राण | जान / जीवन | प्रण | प्रतिज्ञा / निश्चय |
शब्द 1 | अर्थ | शब्द 2 | अर्थ |
बास | महक | वास | निवास |
बात | वचन / वार्तालाप | वात | हवा |
बार | दफा | वार | दिन ( रविवार ) |
भवन | महल | भुवन | संसार |
मूल | जड़ | मूल्य | कीमत |
मल | गंदा | मल्ल | पहलवान |
मांस | गोश्त / जीव – जन्तु का टुकडा | मास | महीना |
रंक | दरिद्र | रंग | वर्ण |
वस्तु | पदार्थ / चीज | वास्तु | भवन / इमारत |
शूर | वीर | सुर | देवता / लय |
सुत | बेटा | सूत | धागा |
स्वर्ग | सवोत्तम लोक | सर्ग | अध्याय |
शहर | नगर | सहर | प्रातः काल |
शाला | विशिष्ट इमारत (पाठशाला ,गौशाला ) | साला | पत्नी का भाई |
सामान | सामग्री | समान | सदृश |
श्याम | काला / कृष्ण | स्याम | थाईलैंड |
श्वेत | उजाला | स्वेद | पसीना |
संग | साध | संघ | समिति |
स्वक्ष | सुन्दर आंख | स्वच्छ | साफ |
शब्द 1 | अर्थ | शब्द 2 | अर्थ |
शुल्क | फीस | शुक्ल | उज्ज्वल / स्वच्छ |
शास्त्र | सैद्धांतिक विषय | शस्त्र | हथियार |
उदार | दानशील | उद्धार | तारना |
उत्पात | उपद्रव | उत्पाद | बनायी गयी वस्तु |
अमित | बहुत अधिक | अमीत | शत्रु |
उज्जल | धारा के विपरीत | उज्जवल | बढ़िया |
कल्पना | अमूर्त सोच | कलपना | दुख से बिलखना। |
भव | संसार | भाव | तात्पर्य |
अयोग्य | जिसके पास योग्यता ना हो | आयोग | किसी विशेष उद्देश्य गठित अधिकारियों का समूह। |
तनु | पतला | तनू | पुत्र |
प्रसाद | भोग | प्रासाद | महल/भवन |
बारिश | वर्षा | वारिस | उत्तराधिकारी |
व्याध | शिकारी | व्याधि | रोग |
प्रमुख शब्दार्थ
शब्द | अर्थ |
अभिनंदन | स्वागत करना । |
साधारण | जिसमें कोई विशिष्ट गुण न हो | |
सामान्य | जो बात अधिकांश लोगों में पाई जाए | |
प्रणाम | नमस्कार करना |
अजय | जिसे जीता न जा सके |
अभियान | किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए संगठित रूप से कार्यशील होना। |
आमिष | जो मांस खाता हो-: मांसाहारी |
इति | समाप्ति |
ईति | विघ्नबाधा |
दुम | पूंछ |
परिहार | त्याग |
बर | दूल्हा |
विपण | बाजार |
अध्यक्ष | किसी समिति या गोष्ठी का प्रधान। |
सभापति | किसी अस्थाई सभा का प्रधान। |
स्वतंत्रता | व्यक्तियों की आजादी |
स्वाधीनता | देश या राष्ट्र की आजादी |
सहानुभूति | दूसरे के दुख को अपना दुख समझना |
शब्द | अर्थ |
अस्त्र | फेंककर चलाने वाला हथियार-: बाण,बम। |
शस्त्र | हाथ में लेकर चलाने वाला हथियार -: तलवार, बंदूक। |
अनुज | छोटा भाई। |
अग्रज | बड़ा भाई। |
अगम | जहां पहुंचाना जा सके अर्थात दुर्लभ क्षेत्र। |
दुर्गम | जहां बहुत ही मुश्किल /कठिनाई से पहुंचा जा सके। |
अधर | नीचे का होंठ |
अनबन | दो लोगों के मध्य आपस में किसी बात के प्रति असहमति होना। |
अपव्यय | फिजूल का खर्च। |
अनुग्रह | किसी पर प्रसन्न होकर उस पर कृपा करना। |
अनुकंपा | किसी दुखी को देख कर उस पर दया करना। |
दया | किसी असहाय व्यक्ति की सहायता करने का भाव या संवेदना। |
अर्पण | किसी छोटे व्यक्ति या भक्तों द्वारा भगवान को कुछ भेंट देना। |
प्रदान | किसी बड़े व्यक्ति या भगवान द्वारा भक्तों को दिया जाने वाला उपहार। |
अनुराग | स्त्री एवं पुरुष का आपसी प्रेम। |
वात्सल्य | बड़ों का छोटे के प्रति प्रेम। |
अभिमान | स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठ समझना। |
अहंकार | घमंड करना। |
स्वाभिमान | किसी भी स्थिति में अपनी प्रतिष्ठा ना खोना। |
अपराध | किसी कानून का उल्लंघन करना। |
पाप | नैतिकता का उल्लंघन करना। |
शब्द | अर्थ |
अनुमति | इजाजत लेना |
आज्ञा | आदेश देना |
अनुसंधान | किसी विषय से संबंधित छानबीन करना या खोज करना |
अन्वेषण | जो खोज पहले ही हो चुकी है। |
अविष्कार | किसी ऐसी वस्तु का सृजन करना, जो पहले नहीं थी। |
अधर्म | धर्म के विरुद्ध आचरण करना। |
अन्याय | सामाजिक यह कानूनी विधि के विरुद्ध आचरण करना। |
अनुरोध | बराबर कि व्यक्ति से की गई प्रार्थना |
प्रार्थना | बड़ों से की गई याचना। |
आत्मा | प्राणी में विद्वान चेतन शक्ति |
अंतः करण | व्यक्ति की विवेक शक्ति। |
उम्र | किसी विशेष समय की अवस्था। |
आयु | जन्म से मृत्यु तक का पूरा समय। |
उद्योग | वस्तुओं का उत्पादन करने वाला संस्थान। |
उद्यमिता | कोई उद्योग स्थापित करने की क्षमता । |
आवास | रहने का कोई स्थान। |
गृह | परिवार का निवास स्थान। |
आलय | चारों तरफ से दीवारों से घिरा हुआ विशिष्ट स्थान। |
उपद्रवी | वातावरण में भय का माहौल उत्पन्न करने वाला। |
शब्द | अर्थ |
हत्या | छुपकर किसी व्यक्ति को मार डालना। |
वध | प्रकट रूप से किसी व्यक्ति को मार डालना |
सम्राट | राजाओं का राजा। |
राजा | किसी देश का स्वामी। |
अधिक | वह ज्यादा संख्या जिसकी गणना की जा सके। |
बहुत | वह ज्यादा संख्या जिसकी गणना न की जा सके। |
दोषारोपण | किसी को बदनाम करने के लिए उसे दोषी बताना। |
लांछन | किसी व्यक्ति को बदनाम करने के उद्देश्य उस पर दोष लगाना। |
अमूल्य | जिसका कोई मूल्य ना हो। |
बहुमूल्य | जिसका बहुत अधिक मूल्य को जैसे -:हीरा-मोती। |
आंधी | मिट्टी, धूल ,घास-फूस के साथ हवा का तेजी से चलना। |
झंझा | आंधी के साथ पानी बरसना |
आकार | किसी वस्तु की आकृति। |
रुप | किसी वस्तु की बाहरी स्वरूप की उसकी सुंदरता। |
अनुशंसा | अपनी योग्यता को प्रमाणित करके किसी पद या वस्तु को प्राप्त करने की मांग करना। |
ईर्ष्या | किसी की उन्नति को देखकर जलना। |
द्वेष | किसी व्यक्ति की उन्नति को देखकर, उसे नीचे गिराने का प्रयत्न करना। |
उपहास | किसी साधारण से व्यक्ति की हंसी उड़ाना। |
व्यंग/कटाक्ष | किसी व्यक्ति को चिढ़ाने या दुखी करने के उद्देश्य से अप्रत्यक्ष रूप से कोई बात कहना। जैसे किसी कम सुरीली आवाज वाली व्यक्ति को चिढ़ाने के लिए यह कहना कि:- किसी किसी की आवाज तो कौवा जैसी होती है। |
शब्द | अर्थ |
ऋषि | धर्म से संबंधित ज्ञान रखने वाला व्यक्ति। |
मुनि | मौन रहकर धर्म से संबंधित चिंतन करने वाला व्यक्ति। |
निपुण | हर कार्य को दक्षता पूर्ण तरीके से करने का गुण। |
चिंतनीय | जो विषय चिंता करने योग्य हो। |
विचारणीय | जो विचार करने योग्य हो। |
चुनाव | पसंद के आधार पर किसी व्यक्ति या वस्तु को चुनना। |
निर्वाचन | बहुमत के आधार पर किसी व्यक्ति को चुना जाना। |
झगड़ा | दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य होने वाले विवाद या मारपीट। |
संघर्ष | सामने आई कठिनाइयों का मुकाबला करते हुए अपने उद्देश्य की पूर्ति में लगे रहना। |
डर | आने वाली संभावित आपदा के कारण,भय का भाव रखना। |
त्याग | दूसरों के हित के लिए अपने किसी वस्तु या आदत को छोड़ देना। |
बलिदान | देश या किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए अपने प्राणों का निछावर कर देना। |
दिल्लगी | एक दूसरे के दिल को बहलाने के लिए की जाने वाली बातें। |
दुःख | किसी नकारात्मक परिणाम या नकारात्मक स्थिति के कारण, उत्पन्न नकारात्मक मानसिक अनुभूति। |
शोक | किसी व्यक्ति की मृत्यु या किसी गहन छति के फलस्वरुप उत्पन्न दुख। |
कष्ट | प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उत्पन्न मानसिक एवं शारीरिक थकावट। |
पीड़ा | शारीरिक आघात के कारण होने वाला कष्ट। |
खेद | किसी भूल या त्रुटि के फलस्वरुप होने वाली दु:खानुभूति। |
विषाद | इच्छाएं, अधूरी रह जाने पर मन में जो निराशा उत्पन्न होती है उसे विषाद कहते हैं |
वामा | पत्नी को बामा कहा जाता है क्योंकि पत्नी पति के बाएं पक्ष में बैठती है। |
निवेदन | विनयपूर्वक अपनी बात कहना। |
प्रार्थना | आदरणीय व्यक्ति से विनय पूर्वक की गई याचना। |
शब्द | अर्थ |
पुरस्कार | किसी अच्छे कार्य को करने पर प्राप्त होने वाले सम्मान। |
बड़ा | विस्तृत आकार वाला। |
विशाल | बहुत बड़ा। |
भारी | अधिक वजन वाला। |
महान | अधिक गुणवान। |
भाषण | किसी कार्यक्रम स्थल में व्यापक जनाधार के सामने अपने विचारों को प्रकट करना। |
प्रवचन | किसी धार्मिक या नैतिक विषयों पर दिया गया भाषण। |
व्याख्यान | किसी विषय पर किया गया सूक्ष्म विश्लेषण। |
विलाप | किसी दुख के कारण फूट फूट कर रोना। |
प्रलाप | रोते समय भी कुछ बोलना। |
संवाद | दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य होने वाला वार्तालाप। |
परिसंवाद | किसी विशेष विषय पर केंद्रित वार्तालाप को परिसंवाद कहते हैं। |
संदेह | निश्चित ना होना। |
सम्मानीय | जब कोई महापुरुष नेता ,अधिकारी, कलाकार विशेष कार्य के लिए सम्मान के पात्र होते हैं तो उन्हें सम्मानीय कहा जाता है। |
श्रद्धेय | श्रद्धा के पात्र। |
पूज्नीय | पूजा करने योग्य:- माता पिता, गुरु जन , पालक। |
शब्द | अर्थ |
सृष्टि | निर्माण |
प्रलय | विनाश |
सहचर्य | साथ -साथ |
वैमनस्य | शत्रुता की भावना । |
क्षुद्र | सूक्ष्म । |
उक्त | कथित |
उपर्युक्त | ऊपर लिखा हुआ । |
सगुण | साकार ईश्वर |
अपशकुन | बुरी घटना या बुरा संकेत |
आवेशित | जोश से भरा हुआ । |
अर्जन | प्राप्त करके संग्रहित करना । |
प्रच्छन्न | ढ़का हुआ |
प्रत्यक्ष | आँखो के सामने |
परिष्कृत | जिसे साफ कर दिया गया हो । |
स्थूलकाय | विशाल शरीर वाला |
कृशकाय | कमजोर शरीर वाला । |
सुशील | अच्छा आचरण |
कुसुम | पुष्प |
अथ | इति |
शब्द | अर्थ |
कनिष्ठ | छोटी उम्र का या छोटा |
नित्य | सदैव |
सदोष | दोष सहित |
अधिक्षेप | अपमान करना |
क्षुब्ध | अशांत / परेशान |
विनीत | सहज |
आविर्भाव | प्रकट होना |
तिरोभाव | अदृश्य होना |
प्रवर | श्रेष्ठ |
प्रशांत | शांति वृत्ति वाला |
अक्षत | बिना टूटा हुआ / सम्पूर्ण |
शब्द | अर्थ |
शब्द | अर्थ |