स्वास्थ्य योजना एवं कार्यक्रम]
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Toggleभारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में कहा गया है कि-: राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह लोगों के जीवन स्तर, पोषण आहार स्तर तथा लोक स्वास्थ्य में अभिवृद्धि करें एवं मादक पदार्थों के उपयोग पर रोक लगाए।
अर्थात भारतीय संविधान सरकार को यह निर्देश देता है कि वह लोगों के पोषण आहार स्तर तथा लोक स्वास्थ्य में अभिवृद्धि करें।
और इसी प्रावधान के तहत सरकार द्वारा लोक स्वास्थ्य में वृद्धि करने के लिए लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए अनेकों कार्यक्रम संचालित हैं।
निरोधात्मक स्वास्थ्य कार्यक्रम-:
निरोधात्मक स्वास्थ्य कार्यक्रम-:
ऐसे स्वास्थ्य कार्यक्रम जो पहले से ही, विभिन्न रोग कारकों को समाप्त करके व्यक्तियों को अस्वस्थ होने से बचाने के लिए चलाए जाते हैं
जैसे-: मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जननी सुरक्षा योजना।
केंद्र सरकार की योजना-:
एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम (1975)
समेकित बाल विकास योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 1975 को 33 सामुदायिक विकास केंद्रों से की गई किंतु वर्तमान में यह योजना पूरे भारत में संचालित है।
इस योजना का उद्देश्य-:
0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण आहार एवं स्वास्थ्य स्तर की स्थिति को बेहतर बनाना।
गर्भवती धात्री महिलाओं के पोषण आहार एवं स्वास्थ्य स्तर की स्थिति को बेहतर बनाना।
बाल मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर में कमी करना।
इस योजना की प्रमुख सेवाएं-:
पूरक पोषण आहार
6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को दूध पिलाने वाली महिलाओं की पहचान कर, बच्चों को वर्ष के न्यूनतम 300 दिन 500 कैलोरी प्रतिदिन के हिसाब से तथा महिलाओं को वर्ष के न्यूनतम 300 दिन 600 किलो डी प्रतिदिन के हिसाब से पूरक पोषण प्रदान किया जाता है।
स्वास्थ्य जांच
प्रतिक आंगनवाड़ी केंद्र में प्रत्येक माह के किसी एक दिन (सामान्यतः मंगलवार को,) एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा चयनित महिलाओं एवं बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है तथा उन्हें आवश्यक होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर किया जाता है।
टीकाकरण
प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में प्रत्येक माह के किसी एक दिन (सामान्यता मंगलवार) एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा चिन्हित महिला एवं बच्चों का टीकाकरण किया जाता है।
पल्स पोलियो अभियान-: 1995
भारत सरकार ने 1995 में विश्व स्वास्थ संगठन की पोलियो मुक्त अभियान की तर्ज पर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत भारत के 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को दिसंबर एवं जनवरी माह में पोलियो की दो खुराक वैक्सीन दवाई पिलाई जाती है।
जननी सुरक्षा योजना
यह योजना केंद्र सरकार द्वारा 2005 में लागू की गई।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी परिवारों के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना तथा मातृ मृत्यु दर को कम करना है।
इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा की ऐसी महिलाएं जो 19 वर्ष से अधिक आयु की है उन्हें पहले के दो प्रसव के समय संस्थागत प्रसव करवाने पर ग्रामीण क्षेत्र की महिला को ₹1400 और शहरी क्षेत्र की महिला को ₹1000 की राशि प्रदान की जाती है।
प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा की गई।
इस योजना का उद्देश्य लोगों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक राज्य तथा प्रमुख स्थानों में एम्स की स्थापना के लिए मंजूरी दी गई है।
राजीव गांधी राष्ट्रीय किशोरी शक्ति योजना-:
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 में इस योजना की शुरुआत की गई।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य 10 से 19 वर्ष तक की किशोरियों में पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाकर उनके पोषण स्तर में सुधार करना है।
इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन प्रीति किशोरी ₹5 का व्यय करने का प्रावधान है।
इसके अंतर्गत किशोरियों को पूरक पोषण की गोलियां जैसे आयरन की गोली प्रोटीन की गोली एवं पोषण आहार के पैकेट प्रदान किए जाते हैं। साथ ही पोषण की शिक्षा भी दी जाती है।
इंद्रधनुष मिशन (2014)
इस मिशन की शुरूआत वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा की गई।
इस मिशन का उद्देश्य टीकाकरण के माध्यम से बच्चों में विभिन्न रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना।
इस मिशन के अंतर्गत नवजात बच्चों को निम्नलिखित 7 प्रकार के टीके लगाए जाते है
डिप्थीरिया
टिटनेस
पोलियो
हेपेटाइटिस
खसरा
काली खांसी
टीवी
हालांकि बाद में विभिन्न बीमारियों के संक्रमण को देखते हुए मिशन इंद्रधनुष में 5 टीकों को और जोड़ दिया गया है इस प्रकार अब इस मिशन में टीकों की संख्या 12 हो गई है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
इस योजना की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 2017 में की गई
इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवार की महिलाओं को प्रसव के पूर्व प्रसव के बाद आहार पूर्ति एवं विश्राम हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था का पंजीयन करवाने पर , प्रसव के पूर्व जांच करवाने पर तथा उपयुक्त तरीके से टीकाकरण करवाने पर 2000- 2000 की किस्त में कुल ₹6000 प्रदान किए जाते हैं।
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2010 में की गई।
इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की स्वास्थ्य स्थल एवं पोषण स्तर में सुधार लाना है।
इस योजना के अंतर्गत 19 वर्ष से अधिक आयु की गर्भवती महिला एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रथम दो बच्चों की प्रसव पर 3-3 हजार रूपए की दो किसने प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-:
देश की सभी लोगों को किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना तथा उनके रहन-सहन एवं पोषण स्तर को ऊपर उठाने के लिए भारत सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी स्तरों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालित किया गया।
राज्य सरकार की योजनाएं-:
मंगल दिवस अभियान
इस अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2008 में की गई। इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी में महीने के प्रत्येक मंगलवार को गर्भवती महिला एवं बच्चे की सेहत सुरक्षा हेतु निम्न कार्य किए जाते हैं
प्रथम सप्ताह की मंगलवार को संबंधित ग्राम की सभी महिलाओं की गोद भराई के कार्यक्रम किया जाता है।
द्वितीय मंगलवार को बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार किया जाता है।
तृतीय मंगलवार को बच्चों का बर्थडे सेलिब्रेट किया जाता है।
चौथी मंगलवार को किशोरियों को फोलिक एसिड, एनीमिया से संबंधित गोलियां दी जाती है एवं रचनात्मक कार्य करवा जाते हैं।
लालिमा अभियान
लालिम अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2016 में की गई, इस अभियान का उद्देश्य राज्य को एनीमिया मुक्त बनाना है।
इस अभियान के तहत आंगनवाड़ी शैक्षिक संस्थान, एवं अस्पतालों आदि के माध्यम से, एनीमिया से ग्रसित महिलाओं एवं बच्चों को आयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियां प्रदान की जाती है
दस्तक अभियान
इस अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश शासन की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में की गई।
इस अभियान का उद्देश्य एएनएम आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घर घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाई जाती है एवं उन्हें आवश्यक पोषण संबंधी
किलकारी योजना
इसके तहत मोबाइल के जरिए प्रसव के पूर्व बच्चे की देखभाल की समस्त जानकारी दी जाती है।
जननी एक्सप्रेस योजना
इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2006 में की गई।
इस योजना का उद्देश्य गर्भवती माताओं को गर्भ की जांच या प्रसव के लिए 24 घंटे परिवहन की सुविधा उपलब्ध करवाना।
इस योजना के अंतर्गत प्रसव के पूर्व और प्रसव के उपरांत दोनों ही स्थितियों में गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को अस्पताल तक ले जाने के लिए निशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।
संजीवनी 108
संजीवनी 108 सेवा का संचालन वर्ष 2009 से हो रहा है।
इस योजना का उद्देश्य आपातकाल की स्थिति में शीघ्रता से चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाना है।
इसके अंतर्गत कोई भी जनसामान्य यदि किसी दुर्घटना से ग्रस्त हो जाता है या कोई हार्ट अटैक जैसी समस्या आ जाती है तो वह 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस प्राप्त कर सकता है और शीघ्रता से अस्पताल में जाकर उपचार प्राप्त कर सकता है।
अंतरा योजना
इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2017 में की गई।
इस योजना का उद्देश्य दो बच्चों के जन्म के मध्य उपयुक्त(2वर्ष) अंतराल रखने को बढ़ावा देना है।
इसी योजना के अंतर्गत एक बच्चे के प्रसव के उपरांत, संबंधित महिला को समय समय पर अस्पताल माध्यम से अंतरा नामक इंजेक्शन निशुल्क लगाया जाता है, इस इंजेक्शन के द्वारा कुछ विशेष समय (3माह)के लिए संबंधित महिला गर्भधारण से छुटकारा पा सकती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017-:
भारत में स्वास्थ्य पर निवेश को बढ़ावा देकर स्वास्थ्य सेवाओं का विकास एवं विस्तार करने के लिए 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 बनाई गई
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के लक्ष्य-:
2050 तक स्वास्थ्य पर व्यय बढ़ाकर जीडीपी का 2.5% करना।
2050 तक जीवन प्रत्याशा को 67.5 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करना।
2025 तक कुल प्रजनन दर को घटाकर 2.1 करना।
2025 तक बाल शिशु मृत्यु दर को 29 से घटाकर 23 करना।
2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ सुविधाओं के उपयोग को मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 50% अधिक करना।
2025 तक प्रसव के पूर्व देखभाल की कवरेज को 90% से ऊपर बनाए रखना।
2025 तक 90% से अधिक नवजात शिशु का पूर्ण टीकाकरण करके उन्हें प्रतिरक्षित करना।
2020 तक तमाखू के वर्तमान प्रयोग के वर्तमान स्तर को 30% कम करना।
2025 तक प्रत्येक 1000 आबादी के लिए 2 बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, वर्तमान में प्रत्येक 1000 आबादी के लिए 0.7 बिस्तर उपलब्ध है।