हिमनद के अपरदन एवं निक्षेपन से निर्मित स्थलाकृतियां-:
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ToggleU आकार की घाटी-:
पर्वतीय क्षेत्रों में हिमनद के लंबवत अपरदन से V आकार की घाटी का निर्माण होता है, और फिर वी आकार की घाटी में लगातार अपघर्षण होने से U आकार की घाटी का निर्माण होता है।
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लटकती घाटी
जब यू आकार की मुख्य एवं गहरी हिमानी घाटी में अपेक्षाकृत कम गहरी सहायक हिमानी घाटी मिलती है तो यह सहायक हिमानी घाटी, मुख्य घाटी पर लटकती हुई प्रतीत होती है इसे लटकती घाटी कहते हैं।
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सर्क
किसी स्थान में हिमनद के लगातार गिरने से जो गर्त बनता है उसे सर्क कहते हैं।
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टार्न
हिमनद के अपरदन से बने सर्क पर ,जब जल भर जाता है तो इसे टार्न कहते हैं।
एरीट
जब हिमनद के अपरदन से किसी पठारी के दोनों ओर सर्क का निर्माण हो जाता है तो बीच में नुकीला स्तंभनुमा भाग बचता है जिसे एरीट कहते हैं।
हिम सोपान
जब हिमनद के अपरदन से सीढीनुमा आकृति का निर्माण होता है तो इसे हिम सोपान कहते हैं।
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नूनाटक
जब किसी हिमा अच्छादित क्षेत्र में ऊंचे तथा टीले की आकृति के शैल दिखाई देते हैं तो इन्हें नूनाटक कहते हैं।
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भेड़सिला
जब ही कोई हिमनद किसी छोटे टीले पर तेज गति से चढ़ती है तो भीड़ के समान आकृति दिखाई देती है इसे भेढसिला कहते हैं।
हिमनद के निक्षेपण से बनने वाली आकृतियां-:
हिमोढ़-:
हिमनद द्वारा बहा कर लाए गए अवसादों के निक्षेपण से कटक नुमा आकृति बनती है उसे हिमोढ़ कहते हैं।
ड्रमलिन
हिमनद द्वारा बहा कर लाए गए अवसादो के निक्षेपण से उल्टी नाव जैसी आकृति बनती है तो उसे ड्रमलिन कहते हैं।
एस्कर
जब हिमानी द्वारा निक्षेपित किए गए हिमोढो से हिमानी के पिघलने से निर्मित जल धारा बहने लगती है तो इस स्थलाकृति को एस्कर कहते हैं।