भौगोलिक सूचना प्रणाली
This page Contents
Toggle.
भौगोलिक सूचना प्रणाली में 3 शब्दों का उपयोग हुआ है यहां पर
भौगोलिक का अर्थ- धरातल के किसी स्थान विशेष से है
सूचना का अर्थ- उस स्थान से संबंधित आंकड़ों से है।
प्रणाली का अर्थ- आंकड़ों को व्यवस्थित करने वाले तंत्र से है।
इस प्रकार किसी भौगोलिक स्थान के विभिन्न आंकड़ों(जनसंख्या वितरण, नदियों का वितरण) को विशिष्ट सॉफ्टवेयर की सहायता से प्रसंस्करित करके व्यवस्थित मानचित्र के रूप में प्रदर्शित करने की प्रणाली भौगोलिक सूचना प्रणाली कहलाती है।
किसी भौगोलिक स्थान की सूचना को व्यवस्थित रूप से दर्शाने वाला तंत्र।
एरोनोफ के अनुसार-: भौगोलिक सूचना तंत्र कंप्यूटर पर आधारित ऐसा तंत्र है जिसमें निम्न क्रियाओं का संपादन किया जाता है-
आंकड़ों को प्राप्त करना
आंकड़ों का प्रसंस्करण या प्रबंधन करना
आंकड़ों का सरल विश्लेषण प्रस्तुत करना।
भौगोलिक सूचना प्रणाली के माध्यम से हम किसी भौगोलिक स्थान की स्थिति तथा वहां के संसाधनों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भौगोलिक सूचना प्रणाली का सिद्धांत या कार्यप्रणाली-:
यह रिमोट सेंसिंग के अगले चरण की प्रक्रिया होती है क्योंकि इसके अंतर्गत रिमोट सेंसिंग प्रणाली द्वारा प्राप्त किए गए किसी क्षेत्र के आंकड़ों या सूचनाओं को कंप्यूटर के विषेश सॉफ्टवेयरों(ArcGIS,mapinfo) के माध्यम से प्रसंस्करित (व्यवस्थित) करके, आसानी से समझने योग्य मानचित्र रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
जैसे-: रिमोट सेंसिंग तकनीकी द्वारा प्राप्त किसी क्षेत्र के वन संसाधन संबंधी आंकड़ों या सूचनाओं को कंप्यूटर के विशेष gis सॉफ्टवेयर द्वारा व्यवस्थित मानचित्र के रूप में प्रदर्शित किया जाना।
मेडिकल रिपोर्टों से प्राप्त कोरोना के आंकड़ों को कंप्यूटर की सहायता से किसी भौगोलिक क्षेत्र (मध्य प्रदेश) के मानचित्र में दर्शाना।
भौगोलिक सूचना प्रणाली के घटक-:
भौगोलिक सूचना प्रणाली के अंतर्गत निम्न घटकों का प्रयोग होता है-
आंकड़े या डाटा
हार्डवेयर
सॉफ्टवेयर
प्रोसेसिंग
उपयोगकर्ता
.
आंकड़े या डाटा-
भौगोलिक सूचना प्रणाली के अंतर्गत दो प्रकार के आंकड़ों को एकीकृत करके व्यवस्थित रूप में प्रदर्शित किया जाता है-
Geospatial data(स्थान की स्थिति संबंधी आंकड़े)- किसी स्थान का मैप, भू आकृतिक इमेज
Attribute data(उस स्थान के विशेष विवरण संबंधी आंकड़े) उस स्थान की नदियों की संख्या, खनिज संसाधनों की मात्रा का वितरण। कोरोना के आंकड़े
हार्डवेयर-
भौगोलिक सूचना प्रणाली के हार्डवेयर के अंतर्गत स्कैनर, प्रिंटर एवं कंप्यूटर सिस्टम जैसे डिवाइस शामिल होते हैं।
सॉफ्टवेयर-
भौगोलिक सूचना प्रणाली के अंतर्गत दोनों प्रकार के आंकड़ों को एकत्रित करके व्यवस्थित रूप में प्रदर्शित करने के लिए gisसॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है जैसे-
ArcGIS
GEOMETRICA
Mapinfo
प्रोसेसिंग-
भौगोलिक सूचना प्रणाली के अंतर्गत कंप्यूटर द्वारा निम्न क्रियाएं संपादित होती है
आंकड़ों को प्राप्त करना
आंकड़ों का प्रसंस्करण या प्रबंधन करना
आंकड़ों का सरल विश्लेषण प्रस्तुत करना।
उपयोगकर्ता-:
भौगोलिक सूचना प्रणाली को संपादित करने के लिए एक कुशल व्यक्ति आवश्यक होता है जो
हार्डवेयर सॉफ्टवेयर का उपयुक्त तरीके से उपयोग करता है
तथा प्राप्त आउटपुट का विश्लेषण करता है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली के प्रकार-:
भौगोलिक सूचना प्रणाली आउटपुट मॉडल देने के आधार पर मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
वेक्टर जीआईएस (vector GIS)
रास्टर जीआईएस(raster GIS)
वेक्टर जीआईएस-
वह जीआईएस प्रणाली जो संबंधित क्षेत्र की भौगोलिक सूचनाओं को डॉट ,लाइन या वकृ के रूप में प्रदर्शित करती है।
रास्टर जीआईएस
वह जीआईएस प्रणाली जो भौगौलिक सूचना को ग्रिड द्वारा निर्मित शैल समूह के रूप में प्रदर्शित करती है।
यह अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता वाली जीआईएस प्रणाली।
भौगोलिक सूचना प्रणाली के अनुप्रयोग-:
भौगोलिक सूचना प्रणाली किसी भौगोलिक क्षेत्र के बिखरे हुए आंकड़ों को व्यवस्थित रूप में प्रदर्शित करता है जो उस भौगोलिक क्षेत्र की स्थिति एवं वहां के संसाधनों को बेहतर तरीके से समझने व उसका विश्लेषण करने में काफी ज्यादा सहायक है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग को निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा समझा जा सकता है
कृषि के क्षेत्र में-:
किसी भौगोलिक क्षेत्र की मृदा के वर्गीकरण का मानचित्र तैयार करने में सहायक है
संबंधित भौगोलिक क्षेत्र की अम्लीय एवं क्षारीय मृदा का वर्गीकरण करने में सहायक है
भौगोलिक क्षेत्र के फसल क्षेत्र का आकलन करने में सहायक।
यह पता लगाने में सहायक की किस क्षेत्र में, कितनी मात्रा में, कौन सी फसल बोई गई है?
वन संसाधन के क्षेत्र में-:
देश या राज्य के वनाच्छादित क्षेत्र का मानचित्र तैयार करना में उपयोगी है
जी आई एस सिस्टम के मानचित्र द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि किस क्षेत्र में कौन सी वनस्पति है।
वनाग्नि का मानचित्र प्रस्तुत करने में
किसी क्षेत्र की वन सघनता का विश्लेषण करने में उपयोगी है।
जल संसाधन के क्षेत्र में-:
यह किसी क्षेत्र विशेष में जल की उपलब्धता का मानचित्र तैयार करने में सहायक है
भौगोलिक क्षेत्र की नदी झील डेल्टा की मॉनिटरिंग करने में सहायक,
बाढ़ एवं सूखा का मानचित्र तैयार करने में उपयोगी।
भूगर्भ क्षेत्र में-:
किसी भौगोलिक क्षेत्र में उपलब्ध खनिज संसाधनों की उपलब्धता का मानचित्र तैयार करने में उपयोगी।
महासागरीय-:
महासागरों एवं महासागरों के संसाधनों का मानचित्र तैयार करने में उपयोगी।
महासागरों के चक्रवात हॉटस्पॉट केंद्रों को प्रदर्शित करने में उपयोगी।
आपदा प्रबंधन में सहायक-
किसी आपदा के संक्रमण क्षेत्र को व्यवस्थित रुप से प्रदर्शित करने में उपयोगी है जैसे- कोरोना के समय जीआईएस द्वारा मानचित्र में कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्रों को प्रदर्शित किया गया था।
किसी आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने के विभिन्न मार्गों को दर्शाने में उपयोगी।
इसके अलावा
किसी नगर की बसावट तथा उसके विस्तार क्षेत्र का मानचित्र तैयार करने में
सड़क रेल लाइन या तारों के जाल का मानचित्र तैयार करने में
किसी स्थल के उच्चावचों का मानचित्र तैयार करने में
भी उपयोगी है।
एक व्यक्ति को भौगोलिक सूचना तंत्र से क्या लाभ हो सकता है?
उसे जीआईएस मानचित्र के माध्यम से किसी भी स्थान की अवस्थिति पता तक चल सकती है, कि कौन से स्थान कहां पर स्थित है? किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी कितनी है?
उसे यह पता चल सकता कि कौन सा रोड या रेल लाइन किस ओर और कहां तक जाती है।
उसे संबंधित भौगोलिक क्षेत्र की विभिन्न अवसंरचनाओं जैसे-पर्वत, पठार, नदियां, बिल्डिंग महत्वपूर्ण स्मारकों की जानकारी प्राप्त हो सकती है।
इसके द्वारा व्यक्ति समझ सकता है कि किसी संबंधित भौगोलिक क्षेत्र में पहले की तुलना में वर्तमान में क्या-क्या परिवर्तन हुए?
भारत में भौगोलिक सूचना तंत्र
वर्तमान में भारत में भौगोलिक सूचना तंत्र का अनेकों रूप में व्यापक मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है,
सड़क मानचित्र के रूप में।
राज्य एवं जिलों का राजनीतिक मानचित्र के रूप में।
सैनिक बटालियन द्वारा रक्षा के क्षेत्र में। दुश्मन की स्थिति का अनुमान लगाने के लिए,
राज्य के खनिज संसाधन वन संसाधन व जल संसाधन को दर्शाने के लिए।
किसी शहर की व्यवस्था को जानने के लिए।