रोबोटिक तथा इसके अनुप्रयोग
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रोबोट-:
ऐसी स्वचालित मशीन, जो फील्ड किए गए प्रोग्राम के अनुसार कार्य करने के साथ-साथ, उस कार्य से संबंधित अनेकों निर्णय स्वयं से भी लेने में सक्षम होती है उसे रोबोट कहते हैं। जैसे- सफाई करने वाला वैक्यूम क्लीनर रोबोट, सर्जरी करने वाले रोबोट।
रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण ही स्वयं से संचालित हो पाते हैं।
रोबोटिक्स-:
और इंजीनियरिंग वह शाखा जिसके अंतर्गत रोबोट की डिजाइनिंग,उनकी प्रोग्रामिंग तथा रोबोट के संबंध में अनुसंधान का कार्य किया जाता है उसे रोबोटिक्स कहते हैं।
रोबोटिक्स का विकास क्रम-:
रोबोटिक्स विज्ञान की आधुनिक तकनीक है जिसका विकास बीसवीं शताब्दी में प्रारंभ हुआ , क्योंकि विश्व में सबसे पहले रोबोट शब्द का प्रयोग 1920 में कारेल कापेक नामक चेक लेखक ने किया और चेक भाषा में रोबोट का अर्थ होता है- गुलाम। अर्थात मनुष्य के आदेश पर कार्य करने वाला।
जबकि रोबोटिक्स शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिकी वैज्ञानिक आइजक आसिमोव ने किया था तथा उन्होंने 1950 में प्रकाशित अपनी पुस्तक- ‘आई रोबोट’ में रोबोटिक्स के तीन नियम बताए जो निम्न हैं-
रोबोट को मानव जाति के लिए नुकसानदेह नहीं होना चाहिए।
रोबोट मानव का आज्ञाकारी होना चाहिए। किंतु इस बात का ध्यान रखेगा कि पहले नियम का उल्लंघन ना हो।
रोबोट को अपनी सुरक्षा स्वयं करनी चाहिए, किंतु इस बात का ध्यान रखेगा की पहली और द्वितीय नियम का उल्लंघन हो।
1950 के बाद रोबोटिक्स क्षेत्र का काफी तेजी से विकास हुआ और सर्वप्रथम 1954 में जार्ज डेवोल ने पहले व्यवसायिक रोबोट का निर्माण किया इसलिए उन्हें आधुनिक रोबोटिक्स का पिता कहा जाता है।
इसके पश्चात अनेकों व्यवसाय के रोबोटों का निर्माण किया गया किंतु 1972 को वाबोट नामक रोबोट का का निर्माण किया गया जो विश्व का पहला ह्यूमनाइड रोबोट था। तथा हाल ही में वर्ष 2016 को हांगकांग द्वारा दुनिया का सबसे उन्नत एवं बुद्धिमान ह्यूमनाइड रोबोट’सोफिया’ का निर्माण किया गया।
रोबोट की प्रमुख घटक-:
किसी भी रोबोट को बनाने में मुख्यत: तीन प्रकार की विज्ञान की आवश्यकता होती है-
भौतिक विज्ञान- जो रोबोट को आकार एवं गति देने में उपयोगी होता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान- जो रोबोट में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल भेजने प्राप्त करने में उपयोगी होता है।
कंप्यूटर विज्ञान- जो प्रोग्रामिंग द्वारा रोबोट को कंट्रोल करने में उपयोगी होता है।
इन तीनों विज्ञान की सहायता से रोबोट का निर्माण किया जाता है, जिसमें निम्न घटक शामिल होते हैं-:
इफेक्टर-: इफेक्टर रोबोट का वह हिस्सा होता है जो मिलने वाली कमांड के अनुसार वास्तविक कार्य को संपन्न करता है जैसे- रोबोट का पंजा,ड्रिलिंग राड,ग्रिपर आदि रोबोट के प्रमुख इफेक्टर हैं।
मैनिपुलेटर-: रोबोट का हाथ भी कहा जाता है,जो एक ओर इफेक्टर एवं दूसरी ओर एक्चुएटर से जुड़ा होता है।
एक्चुएटर-: एक्चुएटर को रोबोट की मांसपेशियां भी कहा जाता है जो एक प्रकार की मोटर होती है जिसके माध्यम से रोबोट के मैनिपुलेटर एवं इफेक्टर गति कर पाते हैं।
सेंसर-: सेंसर रोबोट को आसपास की सूचना या वातावरण के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं जिसके आधार पर रोबोट अपना रिएक्शन देता है। जैसे- कैमरे,LIDARA आदि रोबोट के प्रमुख सेंसर हैं।
कंट्रोल सिस्टम-: कंट्रोल सिस्टम रोबोट का मस्तिष्क होता है जिसकी कमांड के अनुसार ही रोबोट कार्य करता है। और कंट्रोल सिस्टम अपनी प्रोग्रामिंग द्वारा रोबोट को कंट्रोल करता है।
लोकोमोटर-: लोको मोटर रोबोट के ऐसे पार्ट होते हैं जिसके माध्यम से रोबोट एक स्थान से दूसरे स्थान तक चल पाता है। जैसे- पहिए, पैर, पंख आदि प्रमुख लोको मोटर हैं ।
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रोबोट्स का वर्गीकरण-:
वर्तमान में अनेकों प्रकार के रोबोटों का प्रचलन है जिन्हें निम्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है
कंट्रोल सिस्टम के आधार पर-:
प्री प्रोग्राम्ड रोबोट
ऑटोनॉमस रोबोट
प्री प्रोग्राम्ड रोबोट
ऐसे रोबोट जो पहले से निर्धारित किए गए प्रोग्राम के अनुसार कार्य करते हैं। स्वयं से निर्णय लेकर जटिल कार्य नहीं कर सकते
ऑटोनॉमस रोबोट
ऐसी रोबोट जो स्वयं से संचालित होते हैं अर्थात जिनको संचालित करने के लिए कोई मानवीय कमांड देने की आवश्यकता नहीं होती है।
गति के आधार पर-:
स्थिर रोबोट
गतिमान रोबोट
स्थिर रोबोट
ऐसी रोबोट जो इस तरह कर कर करते हैं अर्थात एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं जा सकते उन्हें स्थिर रोबोट कहते हैं। जैसे- वेल्डिंग रोबोट।
गतिमान रोबोट-
ऐसे रोबोट जो अपने पहिए या पैरों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करते हुए कार्य कर सकते हैं उन्हें गतिमान रोबोट कहते हैं जैसे- वैक्यूम क्लीनर रोबोट।
उपयोगिता के आधार पर-:
औद्योगिक रोबोट
घरेलू रोबोट
मेडिकल रोबोट
सैन्य रोबोट
अंतरिक्ष रोबोट
मनोरंजन रोबोट
ह्यूमनाइड रोबोट
औद्योगिक रोबोट
ऐसे रोबोट जिनका उपयोग औद्योगिक क्षेत्र की विनिर्माण गतिविधियों जैसे- वेल्डिंग, पैकेजिंग, पेंटिंग कार्यों में होता।
घरेलू रोबोट
ऐसे रोबोट जिनका उपयोग घरेलू कार्यों में होता है जैसे- वैक्यूम क्लीनर रोबोट।
मेडिकल रोबोट
ऐसी रोबोट जिनका उपयोग अस्पतालों में चिकित्सीय कार्यों के लिए होता है जैसे- सर्जरी रोबोट।
सैन्य रोबोट
ऐसे रोबोट जिनका उपयोग सैनिक क्षेत्र में होता है जैसे- बम में डिफ्यूज करने वाले रोबोट, दुश्मन को मार गिराने वाले रोबोट।
अंतरिक्ष रोबोट
ऐसे रोबोट जिनका उपयोग अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए किया जाता है जैसे- भारत का व्योममित्र रोबोट। मार्स एक्सप्रोल रोबोट।
मनोरंजन रोबोट
ऐसे रोबोट जिनका उपयोग मनोरंजन करने के लिए किया जाता है जैसे- खिलौना रोबोट,रनिंग अलार्म रोबोट।
ह्यूमनाइड रोबोट
ऐसे रोबोट जो मनुष्य की भांति दिखते हैं तथा मनुष्य की भांति सोचने समझने व बात करने की क्षमता रखते हैं उन्हें ह्यूमनाइड रोबोट कहते हैं जैसे- सोफिया रोबोट, लक्ष्मी रोबोट, रश्मि रोबोट।
रोबोटिक्स के अनुप्रयोग-:
आजकल लगभग हर क्षेत्र में रोबोट कार्य कर रहे हैं जैसे-:
उद्योग क्षेत्र में
वर्तमान में विभिन्न प्रकार की औद्योगिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए मनुष्य के स्थान पर रोबोट का उपयोग किया जाता है जैसे-
प्रोडक्ट में निश्चित स्थान पर स्टीकर चिपकाने, वेल्डिंग व ड्रिलिंग करने के लिए।
किसी वस्तु के एक स्थान से उठा कर दूसरे स्थान पर रखने के लिए।
चिकित्सा क्षेत्र में-:
रोबोट मनुष्य की तुलना में बेहतर तरीके से गुणवत्ता के साथ कार्य कर सकते हैं जिसकी जरूरत चिकित्सा क्षेत्र में बहुत ज्यादा होती है अतः चिकित्सा के क्षेत्र में निम्न रूप में रोबोट का उपयोग किया जाता है।
कुशल तरीके से चिकित्सीय सर्जरी करने में।
अंग प्रत्यारोपण करने में।
विकलांगों के लिए कंफर्टेबल व्हीलचेयर के रूप में।
सैन्य क्षेत्र में-:
राष्ट्र की सुरक्षा करने वाला सैन्य क्षेत्र खतरों से भरा क्षेत्र होता है क्योंकि यहां एक ओर दुश्मन सैनिकों से खतरा होता है दूसरी ओर दुश्मन सैनिकों द्वारा बिछाए गए बम एवं केमिकल हथियार आदि का खतरा। अतः वर्तमान में सैन्य खतरों से निपटने के लिए सैन्य क्षेत्र में रोबोट का उपयोग किया जाने लगा है। जैसे-
दक्ष रोबोट- यह डीआरडीओ द्वारा विकसित विद्युतीय रोबोट है जो किसी क्षेत्र में दुश्मन सेना द्वारा लगाए गए विस्फोटकों को निरस्त करने तथा दुश्मन सेना के क्षेत्र में विस्फोटक लगाने का कार्य करता है।
UAV ड्रोन- इसका उपयोग आतंकवादियों की जासूसी करने में किया जाता है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में-:
अंतरिक्ष की खोजों के लिए विभिन्न प्रकार के रोबोटों का उपयोग किया जा रहा है जैसे- भारत का व्योममित्र रोबोट। नासा का “मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर” रोबोट।
कृषि क्षेत्र में-:
अमेरिका जैसे देशों में कृषि क्षेत्र में भी निम्न कार्यों के लिए रोबोटों का उपयोग किया जा रहा है। जैसे-
फसलों की कटाई के लिए फसल कटाई करने वाली रोबोट।
बीज रोपण के लिए।
क्लाउड सीडिंग के लिए।
घरेलू कार्यों में-:
रोबोट मानव के सामान्य ही कार्य करने वाली स्वचालित मशीन होती है अतः इसका उपयोग घरेलू क्षेत्रों में भी छोटे छोटे कार्यों के लिए किया जाता है जैसे-
साफ सफाई करने के लिए
घर की निगरानी करने के लिए
बच्चों का मनोरंजन करने के लिए।
रोबोटिक्स के लाभ-:
खतरनाक कार्यों को करने में सक्षम
रोबोट खतरनाक कार्य को कर सकते हैं जो मनुष्य के लिए खतरनाक साबित होते हैं जैसे- अंतरिक्ष शोध का कार्य, समुद्र के अंदर संसाधन की खोज का कार्य, बम डिफ्यूज का कार्य ,आपदा प्रबंधन का कार्य।
कार्यों में गुणवत्ता-:
रोबोट के माध्यम से कोई भी कार्य इंसानों की तुलना में बहुत अधिक सटीकता से किया जा सकता है अर्थात उसमें गलती होने की संभावना बहुत कम होती है।
कार्यों में तीव्रता-:
रोबोट बिना थके निरंतर रूप से तीव्र गति के साथ कार्य करते हैं जिससे कोई भी कार्य बहुत ही तीव्रता से हो जाता है।
उत्पादन लागत में कमी-:
मनुष्य की भांति रोबोट को वेतन आदि देने की आवश्यकता नहीं होती उसे केवल बिजली की आवश्यकता होती है और वह बिजली के माध्यम से ही बड़े-बड़े कामों को बहुत ही आसानी से कर देता जिससे उत्पादन लागत में कमी आती है।
तनाव एवं शारीरिक कष्ट दूर करने में उपयोगी-:
हम रोबोट से विभिन्न तनावपूर्ण कार्य जैसे घर की सफाई करवाने का कार्य घर की सुरक्षा का कार्य करवा सकते हैं तथा रोबोट के साथ अपने मनोरंजन भी कर सकते हैं। अतः रोबोट तनाव एवं शारीरिक कष्ट दूर करने में उपयोगी है।
रोबोटिक्स के नुकसान-:
वर्तमान जीवन में रोबोट्स काफी ज्यादा उपयोगी साबित हुए क्योंकि इन्होंने मनुष्य के जीवन को और भी ज्यादा आसान बना दिया है कि तो वहीं दूसरी और रोबोट के अनेकों नकारात्मक प्रभाव भी सामने आए हैं जैसे-
अनेकों लोगों की रोजगार छिन गए हैं बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई है।
लोगों की मशीनों पर निर्भरता बढ़ती जा रही जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
मनुष्य के अस्तित्व के लिए खतरा उभर रहा है क्योंकि रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होती है जिसके कारण वे स्वयं से सीखने की क्षमता रखते और हो सकता है दिन मनुष्य को सेम का प्रतिद्वन्दी मानकर मनुष्य को नुकसान पहुंचाने लगे।
भारत में रोबोटिक्स का विकास-:
रोबोटिक्स की विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने रोबोटिक्स को बढ़ावा देने का प्रयास किया है स्टेशन भारत सरकार के निम्नलिखित कार्य उल्लेखनीय है
वर्ष 1986 को भारत सरकार द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स केंद्र की स्थापना की गई, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है।
वर्ष 2014 में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन की स्थापना की गई, जिसका मुख्य कार्य रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
भारत में विकसित किए गए प्रमुख रोबोट-:
भारत सरकार ने अपने भारत की परिस्थिति के अनुसार उन क्षेत्रों में रोबोटिक्स के विकास को बढ़ावा देने का ज्यादा प्रयास किया है जिन क्षेत्रों में मनुष्य का हस्तक्षेप खतरनाक होता है। जैसे- आपदा प्रबंधन, गहरे उत्खनन, समुद्र संसाधन की खोज, खतरनाक ऑपरेशन आदि में। भारत के प्रमुख रोबोट निम्नलिखित हैं-
व्योममित्र-: यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त रोबोट है जिसका निर्माण गगनयान मिशन के लिए किया गया है।
लक्ष्मी रोबोट-: यह भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संयुक्त रोबोट है जिसका निर्माण वर्ष 2016 में बैंकिंग सलाह देने के लिए किया गया था।
दक्ष रोबोट- यह डीआरडीओ द्वारा विकसित विद्युतीय रिपोर्ट है जो किसी क्षेत्र में लगाए गए विस्फोटकों को निरस्त करने तथा दुश्मन सेना के क्षेत्र में विस्फोटक लगाने का कार्य करता है।
स्नेक रोबोट-: यह सांप की आकृति का मोबाइल (गतिमान) रोबोट है जिसका निर्माण आपदा के समय पाइप आदि में घुसकर निरीक्षण करने के लिए किया गया।