मध्यप्रदेश में सेवा क्षेत्र
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अर्थव्यवस्था कब है चित्र जो प्राथमिक क्षेत्र और द्वितीय क्षेत्र को सहायक सेवाएं प्रदान करता है उसे सेवा क्षेत्र कहते हैं
सेवा क्षेत्र के अंतर्गत निम्न सेवाएं शामिल हैं-: बैंकिंग सेवा परिवहन सेवा संचार सेवा शिक्षा सेवा स्वास्थ्य सेवा पर्यटन सेवा आदि।
मध्य प्रदेश राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान-:
राज्य की आय में योगदान-: मध्य प्रदेश राज्य की आय में प्राथमिक क्षेत्र के बाद सर्वाधिक योगदान तृतीय क्षेत्र का ही है मध्य प्रदेश के सकल राज्य मूल्यवर्धन (GVA) मैं सेवा क्षेत्र का योगदान 35.95% है, जबकि द्वितीय क्षेत्र का योगदान मात्र 19.80% है। जबकि स्थिर भावों में प्रदेश की सकल राज्य मूल्यवर्धन में सेवा क्षेत्र का योगदान 38.79% है।
रोजगार प्रदाता के रूप में- सेवा क्षेत्र कुशल लोगों को रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र है और मध्य प्रदेश में वर्तमान में शिक्षित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है अतः शिक्षित लोगों को व्यापक मात्रा में सेवा क्षेत्र में रोजगार प्राप्त है।
सेवा क्षेत्र विदेशी मुद्रा की प्राप्ति में सहायक-: सेवा क्षेत्र के विकास से जहां एक और विदेशी निवेश बढ़ता है तथा दूसरी हो हमारे प्रदेश की वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ता है जिससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है। वर्ष 2019 में इंदौर में आयोजित हुई इन्वेस्टर मीटिंग में 7 देशों ने मध्यप्रदेश में 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा निवेश की इच्छा जाहिर की है।
सेवा क्षेत्र अन्य क्षेत्रों के विकास में सहायक है-: जैसे शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी सेवाओं के विकास से कुशल श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है जिससे विनिर्माण क्षेत्र का तेजी से विकास होता है। परिवहन एवं संचार सेवाओं का विकास प्राथमिक क्षेत्र में भी सहायक है।
पर्यटन से लाभ-: मध्य प्रदेश में प्रति वर्ष लगभग 7 करोड घरेलू एवं विदेशी पर्यटक आते हैं जो प्रतिवर्ष लगभग ₹1000 करोड पर्यटन में खर्च करते हैं इससे मध्य प्रदेश को आर्थिक लाभ होता है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख सेवा क्षेत्र
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवा-:
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवा की विस्तार से निम्न लाभ होते हैं-:
विभिन्न आर्थिक की शाखाओं में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक ही ऑफिस के द्वारा निगरानी रखी जा सकती है जैसे विभिन्न में शाखा में कैमरे लगाकर ऑफिस में बैठकर ही निरीक्षण किया जा सकता है
ऑनलाइन मीटिंग कॉलिंग से समय की बचत होती है।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विज्ञापन करने में एवं आवश्यक सूचनाएं नागरिकों तक पहुंचाने में काफी ज्यादा सहायक है।
सरकारी डाटा को शीघ्रता से सुरक्षा के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचा जा सकता है।
मध्यप्रदेश में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के विकास के लिए भारत सरकार के स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN)कार्यक्रम द्वारा पॉइंट ऑफ प्रिजेंस (POP)केंद्रों की स्थापना की जा रही है। जिससे तहसील ब्लॉक से ब्लॉक जिला से जिला संभाग से और सन्भाग राजधानी से नेटवर्क के जरिए जुड़ जाएंगे और उनका डाटा आपस में हाई स्पीड से ट्रांसफर हो सकेगा।
इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन द्वारा भारत सरकार के सहयोग से कॉमन सर्विस सेंटर पर योजना चलाई जा रही है जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी सूचना एवं संचार तकनीकी सेवाओं का उपयोग कर सकें।
मध्य प्रदेश के कुल सकल राज्य मूल्यवर्धन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का योगदान लगभग 2% है।
परिवहन सेवा
प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए परिवहन सेवा का विशेष महत्व है क्योंकि परिवहन सेवा के माध्यम से ही उद्योगों को समय पर कच्चा माल प्राप्त हो जाता है तथा वे अपनी उत्पादित माल को विक्रय केंद्र तक पहुंचा पाते हैं।
वर्तमान में मध्यप्रदेश में 2018 के आंकड़ों की अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 8010 किलोमीटर ,राजकीय राजमार्गों की कुल लंबाई 11389 किलोमीटर ,तथा जिला मार्गों की कुल लंबाई 22129 किलोमीटर, है इसके अतिरिक्त अन्य ग्रामीण मार्ग है इस प्रकार मध्यप्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई लगभग 65000 किलोमीटर है।
मध्य प्रदेश की शक्ल राज्यवर्धन में परिवहन यातायात की भागीदारी लगभग 3% है।
शिक्षा-:
शिक्षा का आर्थिक विकास में अहम रोल होता है क्योंकि शिक्षा मानव संसाधन को कुशल मानव संसाधन बनाती है यह कुशल मानव संसाधन उत्पादन का कार्य करके राष्ट्रीय आय में वृद्धि करता है।
किंतु मध्यप्रदेश में साक्षरता दर वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मात्र 69.3% है जिसमें से पुरुषों की साक्षरता 78% और महिलाओं की साक्षरता 59% है।
हालांकि मध्य प्रदेश सरकार शिक्षक को विकास के लिए लगातार प्रयासरत है , इसलिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों शिक्षा के केंद्र अर्थात विद्यालय खुलवाएं गए
वर्तमान में मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 के आंकड़े के अनुसार
लगभग 80,000 शासकीय प्राथमिक विद्यालय।
लगभग 30,000 शासकीय माध्यमिक विद्यालय।
लगभग 8,000 हाई स्कूल।
लगभग 9000 हायर सेकेंडरी स्कूल
515 महाविद्यालय एवं लगभग 600 तकनीकी शिक्षण संस्थान
संचालित हैं।
स्वास्थ्य-:
जैसा कि कहा जाता है कि स्वास्थ्य तन में ही स्वस्थ मन का निवास होता है, और वास्तव में स्वास्थ्य सेवा अकुशल जनसंख्या को कार्यशील जनसंख्या में बदलने वाली सेवा है अतः इसका आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।
मध्यप्रदेश में वर्तमान में-:
जिला अस्पतालों की संख्या – 51
सिविल अस्पतालों की संख्या – 84
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या – 330
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या – 1203
उप स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या – 10226
बैंकिंग सेवा-:
बैंकिंग सेवा वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में सहायक है। और वित्तीय समावेशन से ना केवल किसानों को ऋणग्रस्थ्ता की समस्या से राहत मिलती है अपितु प्रत्यक्ष हस्तांतरण भुगतान (DBT) जैसी संकल्पना भी साकार होती है। तथा पूंजी निर्माण को भी बढ़ावा मिलता है।
अतः वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने पर जोर दिया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में मध्यप्रदेश में अनेकों बैंक शाखा स्थापित हो चुकी है
मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 के आंकड़े के अनुसार फुल वाणिज्यिक बैंकों की संख्या 5296 है सहकारी बैंकों की संख्या 877 है तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 1320 है।
इसके अलावा लगभग 10000 कॉमन सर्विस सेंटर संचालित हैं।
मध्यप्रदेश में सेवा क्षेत्र से संबंधित चुनौतियां-:
बुनियादी संरचना का अभाव-: विभिन्न बुनियादी संरचना जैसे बिजली एवं जल की पर्याप्त व्यवस्था ना होने के कारण सेवा क्षेत्र का पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है। उदाहरण के लिए किसी भी बैंक को संचालित करने के लिए विद्युत की आवश्यकता होती है स्कूल संचालित करने के लिए स्कूल के क्षेत्र में पर्याप्त पीने योग्य जल की आवश्यकता होती है।
भ्रष्टाचार की समस्या-: सेवा क्षेत्र के सेवादाता अधिकारी सरकारी सेवा दैनिक के बदले उनसे गुप्त ने अनैतिक तरीके से भारी रकम देते हैं इस कारण से भी लोग सेवा नहीं ले पाते।
सेवा प्रदाता द्वारा किया जाने वाला असंतोषजनक व्यवहार-: सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं के साथ आज संतोषजनक अनैतिक व्यवहार करते हैं जिससे उपभोक्ता संतुष्ट नहीं हो पाते और वे अन्य सेवा लेने के प्रति अग्रेषित नहीं होते
ग्रामीण आबादी -: मध्य प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में रहती है जो अनपढ़ होती है अतः ऐसी जनसंख्या को सेवा देने के लिए विशेष सेवा प्रदाताओं की आवश्यकता होती है किंतु मध्यप्रदेश में ऐसे सेवा प्रदाताओं की कमी है जो इनकी व्यवहार को भी आसानी से समझें और अपनी सेवा देने में भी कुशल हों।
मध्यप्रदेश में सेवा क्षेत्र की संभावनाएं
मध्यप्रदेश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है जहां के लोग कम पढ़े लिखे होते हैं अतः इन क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में शिक्षा स्वास्थ्य एवं बैंकिंग संबंधी सेवा की व्यापक मांग होती है अतःमध्यप्रदेश में सेवा के विस्तार की व्यापक संभावना है।
मध्य प्रदेश एक ऐतिहासिक प्रदेश रहा है अतः मध्यप्रदेश में अनेक धार्मिक प्रत्येक शानदार ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन स्थल है पता है यहां पर पर्यटन सेवा के विस्तार की व्यापक संभावना है।
मध्य प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से भारत के मध्य में स्थित है अर्थात विभिन्न राज्यों से घिरा हुआ है अतः मध्यप्रदेश में हवाई एवं रेल परिवहन के विस्तार की व्यापक संभावना है।
मध्यप्रदेश में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है इसलिए मध्य प्रदेश के लोग अन्य राज्यों में जैसे महाराष्ट्र दिल्ली आदि में अपना इलाज करवाने जाते हैं अतः मध्यप्रदेश में चिकित्सा सेवा विकसित करने की व्यापक संभावना है।
मध्य प्रदेश में पर्यटन सेवा क्षेत्र-:
मध्यप्रदेश राज्य पर्याप्त पर्यटन संभावना युक्त राज्य है, क्योंकि मध्यप्रदेश में अनेकों ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थल हैं जैसे-: खजुराहो मांडू ग्वालियर ओरछा भीम वाटिका। अनेकों प्राकृतिक सौंदर्य के स्थान हैं जैसे पचमढ़ी भेड़ाघाट अमरकंटक।
अनेकों धार्मिक महत्व के स्थल है जिसे उज्जैन चित्रकूट मैहर महेश्वर ओमकारेश्वर ओरछा सांची।
अनेकों वन उद्यान स्थल हैं जैसे कान्हा किसली बांधवगढ़ पेंच राष्ट्रीय उद्यान आदि। अतः मध्यप्रदेश में पर्यटन सेवा काफी ज्यादा विकसित है और और भी ज्यादा विकसित हो सकती है।
मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 7 करोड घरेलू एवं विदेशी पर्यटक आते हैं जो प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपए खर्च करते हैं अतः मध्य प्रदेश को काफी ज्यादा आर्थिक लाभ होता है।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का योगदान
पर्यटन से अनेकों रोजगार के अवसरों का सृजन होता है जैसे ऑटो वाले को रोजगार मिलता है होटल वाले को रोजगार मिलता है पर्यटन गाइड को रोजगार मिलता है।
पर्यटन क्षेत्रीय व्यवसाय में वृद्धि होती है क्योंकि पर्यटन स्थल के आसपास बाजार लगती है जिससे वस्तुओं का क्रय विक्रय होता है होता है।
विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
निर्यात में वृद्धि होती है क्योंकि विदेशों से या अन्य क्षेत्रों से आए पर्यटक भारी मात्रा में मध्य प्रदेश की वस्तुओं का क्रय करते हैं जैसे चंदेरी की साड़ी महेश्वर की साड़ी लोक चित्रकला के नमूने आदि।
पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास तेजी से होता है जैसे रेल सड़क बिजली संचार जल व्यवस्था बैंक आदि का विकास।
पर्यटन क्षेत्रीय संतुलित विकास में सहायक है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में जहां पर उद्योगों से विकास हो जाता है वहीं पर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन के माध्यम से वहां का विकास हो जाता है।
मध्य प्रदेश में पर्यटन सेवा से संबंधित चुनौतियां
पर्यटन स्थल तक पर्याप्त परिवहन की व्यवस्था ना होना।
पर्यटन क्षेत्र में पर्याप्त होटल रात्रि मनोरंजन कार्यक्रम आदि की कमी।
पर्यटन स्थलों में बहुभाषी पर्यटक गाइडों का ना होना।
पर्यटन स्थलों के विकास तथा उनकी देखरेख निगरानी में कमी।
पैटर्न क्षेत्र में प्रदूषण होना गंदगी होना।
पर्यटक स्थलों में दलालों लुटेरों बलात्कारियों का खतरा होना।