भारत का सेवा क्षेत्र

सेवा क्षेत्र

अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जो प्राथमिक क्षेत्र और द्वितीय क्षेत्र को सहायक सेवाएं प्रदान करता है उसे सेवा क्षेत्र कहते हैं

सेवा क्षेत्र के अंतर्गत निम्न सेवाएं आते हैं-; बैंकिंग सेवा,परिवहन सेवा,  संचार सेवा, शिक्षा, स्वास्थ, पर्यटन सेवा।

सेवा क्षेत्र का महत्व

  • देश की जीडीपी में सर्वाधिक योगदान

देश की जीडीपी में सर्वाधिक योगदान सेवा क्षेत्र का ही है तथा

भारत की जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान लगातार बढ़ रहा है क्योंकि 1951 में भारत की जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान 28% था जो अब बढ़कर 2020 में 53% हो गया है।

  • रोजगार प्रदाता के रूप में

भारत की कुल रोजगार में 23% रोजगार सेवा क्षेत्र से प्राप्त है,

जबकि विनिर्माण क्षेत्र से लगभग 22% रोजगार प्राप्त हुए हैं।

  • भारतीय सेवाओं कि निर्यात से विदेशी मुद्राओं की प्राप्ति

तथा भारत से भारतीय सेवाओं का विदेशों में भी निर्यात किया जाता है अर्थात भारत विदेशों को भी अपनी सेवाएं प्रदान करता है

जैसे- सॉफ्टवेयर , पर्यटन की सेवा परिवह सेवा 

जिसके बदले भारत को काफी धनराशि प्राप्त होती है

भारत के कुल निर्यात में सेवा क्षेत्र की भागीदारी 38% है

पर्यटन सेवा से लाभ

जबकि भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में  विदेशी व घरेलू पर्यटन का 9.3%  योगदान है।

सेवा क्षेत्र अन्य क्षेत्रों के विकास में सहायक

शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं के विकास से कुशल श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है जिससे विनिर्माण क्षेत्र का भी तेजी से विकास होता है

तथा परिवहन और दूरसंचार की सेवाओं से प्राथमिक और द्वितीयक दोनों क्षेत्र का विकास होता है

सेवा क्षेत्र की समस्याओं या मुद्दे

  • भारत में बैंकों का बढ़ता कर्ज
  • भारत में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव
  • व्यवसायिक व व्यावहारिक शिक्षा का अभाव
  • सूचना प्रौद्योगिकी का उपेक्षाकृत न्यून  विकास
  • ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों का उचित रखरखाव ना होने से पर्यटन सेवा का ह्रास हो रहा है।

राष्ट्रीय आय और राष्ट्रीय श्रम का विभाजन

भारत का कुल निर्यात 343 अरब 

डॉलर का है

 

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