मध्य प्रदेश में सामाजिक समावेशन

मध्य प्रदेश में सामाजिक समावेशन

मध्य प्रदेश में सामाजिक समावेशन

सामाजिक समावेशन-;

विश्व बैंक के अनुसार- “सामाजिक समावेशन वंचित लोगों की पहचान कर, उनकी क्षमता, अवसर और गरिमा में सुधार करना है”

सामाजिक समावेशन की चुनौतियां

  • जातिवाद, संप्रदायवाद के कारण समाज में विभेद की स्थिति

  • परंपरागत रूढ़िवादिताएं जैसे- पर्दा प्रथा, दहेज प्रथा। 

  • अशिक्षा एवं जागरूकता में कमी। 

  • तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या। 

  • गरीबी तथा बेरोजगारी। 

  • प्रशासनिक भ्रष्टाचार

सामाजिक समावेशन हेतु प्रयास-:

सामाजिक समावेशन का सामान्य अर्थ है समाज के सभी वर्ग के लोगों का उत्थान करना,ताकि समावेशी जनकल्याण को बढ़ावा मिले। 

महिलाओं के लिए प्रयास-‘

  • लाड़ली लक्ष्मी योजना 2007

    • इसके तहत बालिका के जन्म लेते ही शासन की ओर से 1.43 लाख का आश्वासन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है

    • कक्षा छठवीं में प्रवेश पर₹2000 नवमी में प्रवेश पर ₹4000 11वीं में प्रवेश पर ₹6000 को 12वीं में प्रवेश पर ₹6000 की राशि दी जाती है

    • तथा 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर विवाह हेतु ₹100,000 की राशि का भुगतान किया जाता है। 

  • उषा किरण अभियान,2007

    • घरेलू हिंसक से पीड़ित महिलाओं को सहायता देने के लिए। 

  • जबालि योजना-: वेश्यावृत्ति में लिफ्ट महिलाओं के पुनर्वास हेतु।

  • वन स्टॉप सेंटर (सखी)

    • भारत में इसकी शुरुआत 2015 में मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत 2016 में की गई। 

    • इसके तहत हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही स्थान पर पुलिस सहायता,विधिक सहायता, आवास सहायता, वित्तीय सहायता तथा चिकित्सा सहायता देने की व्यवस्था की गई। 

  • मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना,2023

    • इसके तहत 18 वर्ष से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को प्रतिमा 1250 रुपए की राशि दी जाती है। 

  • महिला आरक्षण की व्यवस्था

    • पंचायती संस्थाओं में 50% महिला आरक्षण। 

    • सरकारी नौकरी में 35% महिला आरक्षण। 

अनुसूचित जाति वर्ग के लिए प्रयास-

1979 को अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्थापना हुई इसके द्वारा निम्न योजना संचालित

  • मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना

  • मुख्यमंत्री उन्नयन कौशल प्रशिक्षण योजना

  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

  • मुख्यमंत्री युवा उघमी योजना

  • सावित्रीबाई फुले स्व सहायता योजना। 

डॉ भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना

  • शुरुआत 2022

  • पात्रता 18-55 आयु वर्ग के अनुसूचित जाति के सदस्य। 

  • इसके तहत से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योग स्थापित करने के लिए 10000 से 1 लाख तक का ऋण दिया जाता है। 

 

संत रविदास स्वरोजगार योजना, 2022

  • पात्रता 18 से 40 वर्ष

  • इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर 1 लाख से 50 लख रुपए का का सरकारी ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। 

अनुसूचित जनजाति के लिए प्रयास-:

अंत्योदय योजना 1999-91

इस योजना का उद्देश्य जनजातीय लोगों के जीवन को ऊपर उठना है। 

  • वसुंधरा योजना-इसके अंतर्गत कृषि भूमि खरीदने हेतु 10 वर्षों तक के लिए ब्याज मुक्त रन उपलब्ध करवाया जाता है। 

  • नवजीवन योजना-शहरी क्षेत्र में रियायती दलों पर भूखंड उपलब्ध करवाए जाते हैं। 

  • जल जीवन योजना-एसटी वर्ग के लोगों को सिंचाई में 75% अनुदान दिया जाता है

  • मधुबन योजना-एसटी वर्ग के लोगों को डेरी फार्म खोलने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।  

  • पवन पुत्र योजना-इसके अंतर्गत एसटी वर्ग के युवाओं को अजीब का संचालन के लिए ऑटो ,रिक्शा, टेंपो आदि वहां प्रदान किए जाते हैं। 

  • रफ्तार योजना-इसके अंतर्गत एसटी वर्ग के प्रशिक्षित ड्राइवर एवं कंडक्टर को अपना वाहन खरीदने के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

  • वनजा योजना -इसके अंतर्गत घर के समीप की बना आधारित उद्योग स्थापित करने हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है। 

  • स्वावलंबन योजना-सेम का व्यवसाय स्थापित करने के लिए कार्यशील पूंजी प्रधान की जाती है। 

  • सहारा योजना-एसटी वर्ग के निराश्रित व्यक्ति विकलांग व्यक्ति विधवा महिलाओं आदि को सामूहिक लघु उद्योग के स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान दिया जाता है। 

पंचधारा योजना – अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए यह योजना 1990 में शुरू की गई। 

  • कल्पवृक्ष-इसके तहत एसटी वर्ग की महिलाओं को रेशम कीट पालन का प्रशिक्षण दिया जाता है। 

  • सामाजिक पेंशन –इसके अंतर्गत पेंशन प्रदान किया जाता है। 

  • वात्सल्य-इसके अंतर्गत प्रसूति सहायता दी जाती है। 

  • ग्राम्या योजना-महिलाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण दिया जाता। 

  • आयुष्मति योजना-विधवा बेसहारा एवं परित्यक्ता महिलाओं को सहायता। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना-

शुरुआत 1997-98 में। 

  • उद्देश्य आदिवासी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना। 

  • इसके अंतर्गत नवोदय विद्यालय की तर्ज पर जनजाति लोगों के लिए मॉडल स्कूल स्थापित किए जाते हैं। 

कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना

  • शुरुआत 2006 को। 

  • उद्देश्य-अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं में शिक्षा को प्रोत्साहन देना। 

  • इसके तहत एससी एसटी वर्ग की छात्राओं को छठवीं, नवमी और 11वीं में प्रवेश लेने पर क्रमशः 500,1000 और ₹3000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। 

दीनदयाल चलित अस्पताल योजना

  • शुरुआत 2006

  • उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के अंचलों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना। 

  • इसके तहत सभी 89 आदिवासी विकास करो में एसटी वर्ग के लिए चलित एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। 

एकलव्य शिक्षा विकास योजना

शुरुआत 2010

  • उद्देश्य एसटी वर्ग के तेंदूपत्ता संग्राहक के मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता। 

  • इसके अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रह के बच्चों को 9वीं और दसवीं में ₹12000 तथा 11वीं और 12वीं में ₹15000 तथा स्नातक स्तर पर, गैर तकनीकी छात्रों को 20000 रुपए तथा तकनीकी छात्रों को 50000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। 

तान्या भील स्वरोजगार योजना

  • इस योजना की शुरुआत 2013 को की गई। 

  • इसके तहत आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार हेतु 50000 से 25 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। 

सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना

  • शुरुआत 2012-13 में। 

  • इसके तहत एसटी वर्ग के युवाओं को सिविल सेवा में सफल होने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है

  • यूपीएससी में सफल होने पर प्रारंभिक परीक्षा में 40000 मुख्य परीक्षा में 60000 साक्षात्कार में 50000 की राशि। 

  • एमपीएससी परीक्षा में सफल होने पर प्रारंभिक परीक्षा में 20000 मुख्य परीक्षा में 30000 साक्षात करना 25000 की राशि। 

दीनदयाल वनांचल सेवा-

  • शुरूआत 2016 में की गई। 

  • इसका उद्देश्य सरकारी कार्यक्रमों या योजनाओं का लाभ आदिवासियों के कार्य स्थल में जाकर देना। 

वन धन योजना –

  • शुरुआत 2019 को

  • उद्देश्य आदिवासी बुनकरों को प्रशिक्षण प्रदान करना। 

  • इसके तहत आदिवासी युवाओं को उनके परंपरागत व्यवसाय से संबंधित अधिक प्रशिक्षण दिया जाता है उदाहरण के लिए बाग प्रिंट का प्रशिक्षण, महेश्वरी साड़ी  का प्रशिक्षण। 

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना

  • शुरुआत 2023

  • इसके तहत देगा शहर एवं भारतीय जनजाति के लोगों को आजीविका का संचालन हेतु दुधारू पशु प्रदान किए जाते हैं।

दिव्यांगजन के लिए योजनाएं

  • निशक्तजनों के लिए विवाह हेतु विशेष योजना-निशक्तजन से विवाह करने पर ₹200000 की आर्थिक सहायता।

  • दीनदयाल समर्थ योजना, 2004

    • मानसिक एवं शारीरिक रूप से निश्चित लोगों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए। 

वृद्ध जन से संबंधित योजना 

  • मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना, 2012– ऐसी माता-पिता जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो और जिनकी सिर्फ कन्या संताने हैं उन्हें प्रतिमा ₹500 की पेंशन दी जाती है। 

  • मध्य प्रदेश सिंगल क्लिक पेंशन वितरण योजना, 2017

रोजगार संबंधी अन्य योजना-

  • मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना

    • शुरुआत– 2022

    • पात्रता –18 से 40

    • इसके तहत मध्य प्रदेश के युवाओं को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए सरकारी लोन(1 लाख से 50 लाख)दिया जाता है। 

  • सीखो कमाओ योजना-:

    • शुरुआत 2023

    • पात्रता 18-29 वर्ष

    • इसके तहत युवाओं को कौशल सीखने के दौरान 8 से 10000 रुपए प्रतिमा है की राशि दी जाती है। 

 

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