किसान अध्ययन,कृषक समाज

किसान अध्ययन

किसान अध्ययन,कृषक समाज

किसान अध्ययन के अंतर्गत कृषक समाज का अध्ययन किया जाता है। 

कृषक समाज-:

समाजशास्त्री रेडफील्ड में कृषक समाज को परिभाषित करते हुए लिखा है “वे ग्रामीण लोग जो जीवन निर्वाह के लिए भूमि पर नियंत्रण बनाए रखते हैं तथा उसे जोतते हैं वे कृषक हैं। “

उन्होंने कृषक और किसान में अंतर बताया है 

  • कृषक ऐसे लघु कृषि उत्पादक है, जो स्वयं के लिए उत्पादन करते हैं। 

  • किसान –ऐसे बड़े कृषि उत्पादक,जो बाजार लाभ के लिए कृषि उत्पादन करते हैं। 

कृषक समाज की विशेषताएं

राबर्ट रेडफील्ड ने कृषि समाज की निम्न पांच विशेषताएं बताई है -:

  • कृषक समाज,अपनी भूमि का स्वयं नियंत्रित कर्ता होता है। 

  • कृषक समाज स्वयं के लिए कृषि उत्पादन करता है ना कि बेचने के लिए। 

  • कृषक समाज, अपेक्षाकृत एक समरूप समाज होता है; कृषकों की खान-पान, रहन-सहन, दृष्टिकोण तथा विचारों में समरूपता पाई जाती हैं। 

  • कृषक समाज एक अविभेदीकृत तथा अस्तरीकृत समुदाय होता है जिसमें उच्चता और निम्नता का ज्यादा भेद नहीं होता। 

  • कृषक वर्ग, कुलीन वर्ग को अपना मार्गदर्शक मानता है। (परेशानी होने पर कुलीन वर्ग से सलाह लेता)

अन्य विशेषता

  • आर्थिक दृष्टि से निम्न स्थिति। 

  • मजदूर वर्ग का पूरक समाज। 

कृषक समाज के प्रकार-:

  • खुला कृषक समाज-

वह कृषक समाज जो, बाहरी समाज तथा अर्थव्यवस्था से जुड़ा होता है;

 यह कृषक समाज, बाजार से बीच खाद अधिक खरीदना है तथा उपज को बाजार में बेंचता है, और नवीन कृषि बदलाव एवं कृषि तकनीकी को अपनाता है। 

  • बंद कृषक समाज-

वह कृषक समाज जो, बाहरी समाज तथा अर्थव्यवस्था से जुड़ाव नहीं रखता है;

यह कृषक समाज परंपरागत रूप से कृषि करता है अर्थव्यवस्था से इसका जुड़ाव नहीं होता,ना ही नवीन परिवर्तनों को आसानी से अपनाता हैं। 

भारतीय कृषक समाज की समस्या

  • किसी के लिए निवेश हेतु पर्याप्त पूंजी का अभाव। 

  • सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भरता सिंचाई संसाधनों का अभाव। 

  • आधुनिक एवं वैज्ञानिक कृषि के प्रति जागरूकता का अभाव। 

  • कृषि उपज के भंडारण ,परिवहन तथा वितरण संबंधी समस्या। 

  • लघु एवं सीमांत जोतों की अधिकता होने से लाभदायक कृषि करने में समस्या। 

सरकारी प्रयास -:

संस्थागत प्रयास

  • 1929 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना। 

  • 1958 को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) की स्थापना। 

  • 1965 को राष्ट्रीय बीज निगम की स्थापना। 

  • 1965 को ही भारतीय खाद्य निगम की स्थापना। 

  • 1965 को ही कृषि लागत एवं मूल आयोग की स्थापना।

  • 1982 को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना। 

  • 2004 को राष्ट्रीय किसान आयोग की स्थापना। 

वैधानिक तथा नीतिगत प्रयास –

  • 1966 में बीज अधिनियम। 

  • 2007 में राष्ट्रीय किसान नीति। 

  • 2011 में जैविक कृषि नीति मध्य प्रदेश। 

  • 2018 में कृषि निर्यात नीति। 

तकनीकी प्रयास –

  • 2004 में किसान कॉल सेंटर की स्थापना। 

  • 2016इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)। 

  • किसान सुविधा एप।

  • किसान ड्रोन योजना 2022। 

योजनागत प्रयास-

  • 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना। 

  • 2015 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना। 

  • 2015 में कृषि सिंचाई योजना। 

  • 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। 

  • 2017 में किसान संपदा योजना। 

  • 2019 में पीएम किसान सम्मन निधि योजना। 

  • 2021 में कृषि उड़ान योजना।

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