नगरीय समुदाय

नगरीय समुदाय

नगरीय समुदाय

बर्गल के अनुसार -:“नगर एक ऐसा स्थान है जहां के अधिकतर निवासी कृषि कार्य के अतिरिक्त अन्य उद्योगों में व्यस्त हों।”

भारतीय जनगणना आयोग के अनुसार-

नगर वह क्षेत्र है, जहां-:

  • 5000 से अधिक जनसंख्या है। 

  • 75 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गैर कृषि कार्य में संलग्न हो। 

  • जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति पर किलोमीटर से अधिक हो। 

नगरीय समुदाय की विशेषताएं

सकारात्मक विशेषताएं-

  • विभिन्न प्रकार की धार्मिक एवं सामाजिक अंधविश्वास व कृतियों का अभाव। 

  • शिक्षा एवं जागरूकता का उच्च स्तर। 

  • शिक्षा स्वास्थ्य विद्युत पेयजल आदि की सुव्यवस्था ,आरामदायक जीवन। 

  • रहन-सहन का उच्च स्तर,अधिक प्रति व्यक्ति आय। 

  • स्त्रियों की उपेक्षाकृत अधिक अच्छी स्थिति वे आत्मनिर्भर तथा जागरूक होती हैं पर्दा प्रथा, दहेज प्रथा आदि का प्रचलन नहीं होता। 

  • नगरीय समुदाय में विवाह तथा अपने निर्णय लेने की अधिक व्यक्तिगत स्वतंत्रता होती है। 

नकारात्मक विशेषताएं

  • अत्यधिक जन घनत्व के कारण आवास की समस्या। 

  • प्राकृतिक वातावरण यानी पर्यावरण दूषित होता है

  • लोगों के मध्य नामनीय तथा विश्वसनीय संबंध नहीं होते बल्कि औपचारिक एवं अनामिकता के संबंध पाए जाते हैं। 

  • नैतिकता एवं आध्यात्मिकता में कमी देखी जाती है। 

  • नगरी समुदाय में अत्यधिक दिखावे का प्रचलन होता है।

नगरीयता , नगरीकरण तथा नगरवाद 

नगरीयता(urbanity)– नगरीय क्षेत्र की जीवन पद्धति अर्थात रहन-सहन ,खान-पान‌ को नगरीयता कहते हैं। उदाहरण के लिए जमीन के स्थान पर कुर्सी टेबल में बैठकर भोजन करना। 

नगरवाद (urbanisms)- नगरीय जीवन पद्धति को अपनाना नगरवाद कहलाता है। उदाहरण के लिए धोती कुर्ता के स्थान पर सूट पैंट पहनना। 

नगरीकरण(urbanization)- नगरों तथा नगरीय जनसंख्या में वृद्धि होना नगरीकरण कहलाता है। उदाहरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का नगरों के आसपास बसना। 

संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार- “ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का शहरों में जाकर रहना और वहां काम करना नगरीकरण है”।

 नगरीकरण के कारण एवं प्रभाव 

 नगरीकरण के कारण-:

  • औद्योगिकरण-

वर्तमान में समाज प्राथमिक क्षेत्र से द्वितीय और तृतीय क्षेत्र की और गति कर रहा है, समझ में कृषि या प्राथमिक क्षेत्र को निम्न स्तर का व्यवसाय समझा जाता है इसलिए नवीन पीढ़ी औद्योगिक क्षेत्र की ओर बढ़ रही है। 

  • शिक्षा कब बढ़ता स्तर-: 

वर्तमान में साक्षरता भारती जा रही है और शिक्षित लोग ग्रामीण से नगरों में प्रभावित होते जा रहे हैं। 

  • स्वास्थ्य सुविधा-:

 उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में शहरों में अधिक हैं इसलिए लोग शहरों में परिभाषित होते हैं और शहरीकरण बढ़ रहा है। 

  • सुरक्षित जीवन की कामना

नगरीय क्षेत्र का जीवन ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा अधिक सुरक्षित एवं आरामदायक होता है अतः लोग इस कामना से शहरों की ओर प्रभावित होते हैं। 

  • मनोरंजन के साधन 

नगरीय क्षेत्रों में मनोरंजन के अधिक केंद्र होते हैं जैसे मूवी हाउस, बार आदि। अतः लोग मनोरंजन प्राप्त करने के लिए शहरों की ओर बस जाते हैं। 

  • राजनीतिक केदो की उपस्थिति-

विभिन्न राजनीतिक केंद्र जैसे सांसद राजधानी डीएमओ शहरों में स्थित होते हैं, साथी सांसद विधायक मंत्री भी शहरों में रहते हैं अध्यक्ष शहरों के लोगों का काम आसानी से हो जाता है इसलिए भी शहरीकरण बढ़ रहा है।  

  • अन्य सुविधा की उपस्थिति 

शहरी क्षेत्र में विभिन्न आधुनिक सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होती हैं जैसे- ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर पाना, अच्छे स्कूल होना आदि यह भी शहरीकरण का एक प्रमुख कारण है। 

नगरीकरण के प्रभाव 

नकारात्मक प्रभाव

  1. जन घनत्व अधिक बढ़ाना 

  2. तेजल की समस्या 

  3. जोगी झोपड़ियां का विस्तार। 

  4. जलवायु परिवर्तन व वायु प्रदूषण आदि। 

  5. ध्वनि प्रदूषण प्रकाशीय प्रदूषण। 

  6. संबंधों में औपचारिकता की बढ़ोतरी। 

  7. तीव्र जीवन शैली। 

  8. धर्म तथा नैतिकता का महत्व कम होना आदि।

साकारात्मक प्रभाव 

  1. शिक्षा एवं जागरूकता में बढ़ोतरी। 

  2. उपेक्षाकृत सुविधाजनक एवं आरामदायक जीवन। 

  3. अंधविश्वासों में एवं कुप्रथा में कमी। 

  4. लैंगिक समानता की स्थापना। 

  5. विज्ञानवाद को बढ़ावा। 

  6. भौतिक उन्नति में तीव्रता। 

 

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