मानव संसाधन उत्पादकता

मानव संसाधन उत्पादकता

मानव संसाधन उत्पादकता

मानव संसाधन अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख संपत्ति होती है, क्योंकि मानव संसाधन के तात्पर्य उसे मानव से है जो शिक्षित,कौशल और स्वस्थ हो। 

मानव संसाधन उत्पादकता-:

प्रति इकाई समय में, प्रति कर्मचारी द्वारा(मानव संसाधन) द्वारा, उत्पादित वस्तु एवं सेवाओं को मात्रा मानव संसाधन उत्पादकता कहते हैं। 

उदाहरण के लिए- प्राथमिक क्षेत्र की तुलना में तृतीय क्षेत्र की मानव संसाधन उत्पादकता अधिक है। 

मानव संसाधन उत्पादकता की मापक

  • प्रति कर्मचारी राजस्व। 

  • प्रति कर्मचारी लाभ। 

  • कर्मचारी प्रतिधारण दर। 

  • कर्मचारी संतुष्टि। 

  • अनुपस्थित दर। 

मानव संसाधन उत्पादकता को बढ़ाने की रणनीतियां-:

  • युग उम्मीदवार का चयन कर उसे उसकी योग्यता अनुसार कार्य प्रदान किया जाना। 

  • कार्य ओरिएंटेड व्यावहारिक प्रशिक्षण द्वारा उसकी कौशल क्षमता का विकास

  • समय-समय पर कर्मचारी को आवश्यक परामर्श दिया जाना। 

  • समय-समय पर विभिन्न सेमिनारों का आयोजन करके उनको प्रेरित करना

  • अच्छा कार्य करने पर प्रोत्साहन के तौर पर पुरस्कृत करना

  • कार्य प्रणाली में नवीन तकनीकियों का समावेशन द्वारा उत्पादकता बढ़ाना

  • सकारात्मक कार्य दशाएं प्रदान करना (कंफर्टेबल चेयर, स्वच्छ वातावरण)

मानव संसाधन के उत्पादकता को प्रभावित करने वाले कारक

  • कर्मचारियों का कौशल और अनुभव

  • कर्मचारियों को दिया गया प्रशिक्षण

  • कर्मचारियों को दी जाने वाली परामर्शीय सेवाएं

  • अच्छा कार्य करने पर संगठन की प्रोत्साहन नीति

  • नवीन तकनीकी का समावेशन

  • कार्यस्थल का वातावरण

मध्यप्रदेश में रोजगार

बस 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में लगभग 7.26 को लोक निवास करते हैं, जिनमें से 15 से 59 वर्ष के लोगों की जनसंख्या 60% है (युवाओं (15-29)की जनसंख्या 27.5 प्रतिशत) है।

और कुल जनसंख्या में कार्यशील जनसंख्या 43.5 प्रतिशत है, 

  •  मध्यप्रदेश की कुल कार्यशील जनसंख्या में 70% जनसंख्या कृषि क्षेत्र में संलग्न है, जिसका मध्य प्रदेश की जीडीपी में योगदान 47% है। 

  • मध्य प्रदेश की कुल कार्यशील जनसंख्या में 12% जनसंख्या उद्योग क्षेत्र में संलग्न है जिसका मध्य प्रदेश की जीडीपी में 19% योगदान है। 

  • मध्य प्रदेश की कुल कृषि जनसंख्या में 17% जनसंख्या सेवा क्षेत्र में संलग्न है इसका मध्य प्रदेश की जीडीपी में 34% योगदान है। 

अर्थात सेवा क्षेत्र में संलग्न प्रति व्यक्ति मानव संसाधन उत्पादकता अधिक है। 

मध्य प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों के रोजगार

मध्य प्रदेश में कृषि क्षेत्र के रोजगार-:

  • किसान (जो अपनी से की जमीन में फसल उत्पादन का काम करते हैं)

  • कृषि मजदूर (जो फसल बुवाई, कटाई का कार्य करते हैं

  • कृषि उत्पाद विक्रेता (बीज विक्रेता, खाद्य विक्रेता, कृषि उपकरण विक्रेता, ट्रैक्टर चालक। 

  • खनन कर्ता- कोयला, लोहा,चुनाव, डोलोमाइट,बाक्साइड,मैगनीज आदि के खननकर्ता। 

मध्य प्रदेश में द्वितीयक क्षेत्र के रोजगार-:

  • इंजीनियर (मैकेनिकल इंजीनियर,सिविल इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इलेक्ट्रिक इंजीनियर)

  • सुपरवाइजर (प्रबंधक,HR)

  • मशीन ऑपरेटर-

  • मजदूर तथा श्रमिक

मध्य प्रदेश में तृतीय क्षेत्र के रोजगार-:

  • बैंकिंग क्षेत्र (बैंकpo, बैंक मैनेजर, बीमा प्रबंधक)

  • पर्यटन क्षेत्र (टूरिस्ट गाइड, पैटर्न स्थल प्रबंधक)

  • शिक्षा क्षेत्र (शिक्षक, प्रोफेसर)

  • स्वास्थ्य क्षेत्र (डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ)

  • सरकारी सेवा (प्रशासनिक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी)

मध्यप्रदेश में रोजगार हेतु सरकारी प्रयास-:

मध्य प्रदेश रोजगार विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश में लगभग 40 लाख बेरोजगार युवा पंजीकृत हैं। 

मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना

  • 2019 से शुरू। 

  • उद्देश्य

    • राज्य के बेरोजगार युवाओं को 100 दिन का रोजगार प्रदान करना

    • युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित करना। 

  • पात्रता-:

    • मध्य प्रदेश का मूल निवासी 

    • आयु 18 से 35 वर्ष

    • न्यूनतम आठवीं पास। 

  • लाभ-

    • 100 दिन का रोजगार। 

    • न्यूनतम 313 रुपए प्रतिदिन मजदूरी। 

    • स्वरोजगार हेतु मार्गदर्शन एवं सहायता। 

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना

  • 2022 से शुरू

  • उद्देश्य-

    • युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देना। 

  • पात्रता-

    • मध्य प्रदेश का मूल निवासी 

    • आयु 18 से 45वर्ष

    • न्यूनतम आठवीं पास

    • परिवार की वार्षिक आय 12 लाख से अधिक नहीं होना

  • लाभ-

    • युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए 1 से 50 लाख ब्याज अनुज जान के साथ ऋण। 

    • व्यवसायिक प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन। 

सीखो कमाओ योजना-

  • शुरुआत 22 अगस्त 2023

  • उद्देश्य-

    • युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर,रोजगार योग्य बनाना। 

  • पात्रता-

    • मध्य प्रदेश का मूल निवासी 

    • आयु वर्ग 18 से 29 वर्ष

    • न्यूनतम योग्यता दसवीं/आईआईटी अथवा 12वीं पास

  • लाभ-

    • युवायुवाओं को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण,

    • कौशल प्रशिक्षण के दौरान 8 से ₹10000 प्रतिमाह की इंटर्नशिप।

डॉ भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना

  • शुरुआत- 2022

  • पात्रता- 18-55 आयु वर्ग के अनुसूचित जाति के सदस्य। 

  • इसके तहत से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योग स्थापित करने के लिए 10000 से 1 लाख तक का ऋण दिया जाता है।

संत रविदास स्वरोजगार योजना, 2022

  • पात्रता- 18 से 40 वर्ष

  • इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर 1 लाख से 50 लख रुपए का का सरकारी ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। 

इसकी अतिरिक्त मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में रोजगार के प्रोत्साहन देने के लिए प्रत्येक 2 वर्ष में ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट का आयोजन तो किया ही जाता है,साथ ही साथ अनेकों रोजगार मेलों का भी संचालन किया जाता है। 

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