खाद्य पदार्थों में मिलावट
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अधिक आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से समझौता करते हुए उसमें अवांछित पदार्थ मिलाना।
वर्तमान कैसे भौतिकतावादी युग में खाद्य पदार्थों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और अपने लोग अपने नैतिक मूल्यों को बोलते जा रहे हैं जिससे खाद्य पदार्थों के मिलावट में बढ़ोतरी हो रही है।
मिलावट के तरीके
अनाज तथा दलों में रेत,कंकर,संगमरमर के चिप्स आदि मिलाना।
फलों को जल्दी पकने के लिए उनमें रसायन मिलाना। (आम को पकाने के लिए कार्बाइड का उपयोग)
अच्छी फल सब्जियों के साथ दूषित फल, सब्जियों को मिलाना।
उत्पादों को आकर्षित रंग देने के लिए रासायनिक रंगों का प्रयोग
तरल पदार्थ में घटिया किस्म की तरल पदार्थ में मिलाना (उदाहरण के लिए सरसों के तेल में आर्जिमोन का तेल मिलाना।
मिलावट के दुष्प्रभाव-
भोजन हमारे जीवन का आधार है किंतु जब भोजन ही स्वच्छ और स्वस्थ नहीं होता, तो वह हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है;
खाद्य पदार्थों में मिलावटी पदार्थ से आंखों की रोशनी जाना, हृदय संबंधी रोग, लिवर खराब होना, आहार तंत्र संबंधी रोग होना जैसे प्रतिकूल प्रभाव पडते हैं।
खाद्य पदार्थ में मिलावट के कारण-:
कम समय में अधिक व्यावसायिक लाभ कमाने की इच्छा।
आपूर्ति की तुलना में मांग अधिक होना।
उपभोक्ताओं का अज्ञान- मिलावट के लिए प्रोत्साहन है।
बढ़ती प्रौद्योगिकी से मिलावट की नवीन सदृश्य तकनीकों का विकास होना।
उद्योगों की लागत कम करने की एक रणनीति।
खाद्य पदार्थ में मिलावट से बचने के उपाय
पैकेट फूड का प्रयोग– पैकेट फूड में आपूर्ति करता हूं तथा खुदरा व्यापारियों द्वारा मिलावट की संभावना बहुत कम होती है।
सहकारी दुकानों से खरीदना-सहकारी दुकानों के उत्पादन में मिलावट की संभावना कम होती है
परिचय दुकानों से खरीदना-परिचित दुकानदार अपनी प्रतिष्ठा एवं विश्वसनीय बनाए रखने के लिए हमें मिलावटी पदार्थ नहीं देता।
विश्वसनीय ब्रांड चुने-विश्वसनीय ब्रांड अक्सर गुणवत्ता के आश्वासन में निवेश करते हैं
सील की जांच करें-खाद्य सामग्री खरीदने के पहले उसमें लगी सील की जांच कर लेना चाहिए।
इसके अतिरिक्त हो सके तो अधिक से अधिक वस्तुएं घर में ही तैयार करें जैसे सुखी मिर्च लाकर घर में ही पेशवा कर उसे मिर्च पाउडर में परिवर्तित करना।
खाद्य पदार्थ में मिलावट को कम करने के उपाय–
लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए
सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं
प्रभावी जांच एवं प्रतिस्थापन
सरकारी प्रयास
खाद मिलावट अधिनियम 1954
खाद सुरक्षा मानक अधिनियम 2006
खाद्य पदार्थों में fssai का प्रमाण
नाइट कल्चर -:
अर्थ -:
दिन के साथ-साथ रात के समय भी आर्थिक, सांस्कृतिक तथा मनोरंजन कार्य गतिविधियों को जारी रखने का कल्चर।
नाइटलाइफ-पश्चिमी सभ्यता के शहरों में रात के समय विभिन्न बार, पब, क्लव , नाइट पार्टी का प्रचलन रहता है, जिसे नाइट लाइफ कहा जाता है। (जबकि नाइट कलर में रात के समय बार, पब, क्लब के अतिरिक्त महत्वपूर्ण दुकानें,माल भी खुले रहते है)
नाइट कल्चर -:
लंदन तथा न्यूयॉर्क जैसे पश्चिमी शहरों की अतिरिक्त भारत के मेट्रोपोलिन शहरों में भी नाइट कलर का प्रचलन शुरू हो गया है जैसे- मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, गोवा, इंदौर।
नाइट कल्चर के फायदे या उद्देश्य-:
आर्थिक व्यापार में वृद्धि- रात में दुकान खुली रहने से व्यापार में वृद्धि होती है लंदन और न्यूयॉर्क के व्यापार में नाइट कलर से 6-8% तक वृद्धि हुई।
रोजगार में वृद्धि- नाइट शिफ्ट में कार्य करने के लिए नए लोगों की जरूरत।
मानसिक तनाव में कमी- नाइट कलर में मनोरंजनपूर्ण व्यवस्था(म्यूज़िक कॉन्सर्ट) से अवसाद में कमी आती है।
सामाजिक समरसता में वृद्धि –रात में फुर्सत से लोगों के मेलजोल से।
रात्रि पर्यटन को बढ़ावा- अधिकतर लोग दिन के समय व्यस्त होते हैं अतः पर्यटन का समय नहीं मिलता लेकिन नाइट कलर शिवरात्रि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नाइट कल्चर के नुकसान-
पर्यावरण को नुकसान- रात्रि के समय प्रकाशीय प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा।
स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव- लोग अच्छी नींद नहीं ले पाएंगे जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित होगी और स्वास्थ संबंधी समस्या उत्पन्न होगी। चिड़चिड़ापन भी बढ़ेगा।
नशीली दवाओं को बढ़ावा-: नाइट कलर में लोग मनोरंजन के लिए ड्रग्स तथा शराब आदि का सेवन करते हैं।
अपराधों में वृद्धि- नाइट कलर में अधिकतर लोग नशा करते हैं परिणामत: अपराधों में वृद्धि होगी।
संस्कृति का पतन-हमारी संस्कृति ब्रह्म मुहूर्त में उठने की है, तथा नशे का प्रयोग वर्जित है किंतु इससे पश्चात संस्कृति का प्रभाव बढ़ेगा।
नाइट नाइट कल्चर के लिए सरकारी प्रयास-
मेट्रोपोलिन शहरों में सड़कों पर डिजिटल कैमरा लगाया जाना।
रात्रि पुलिस की व्यवस्था।
अवैध नशीली दवाइयां के व्यापार से संबंधित कठोर नियम।
नगर निगम में नाइट कलर भाई दुकानों का पंजीकरण
मोबाइल पेट्रोलिंग को बढ़ावा।
नाइट कल्चर से संबंधित सुझाव-
नाइट कलर के अनेकों आर्थिक एवं मनोरंजनकारी लाभ है, किंतु दूसरी और इसके दुष्परिणाम भी है अतः हमें नाइट के कलर को सुनियोजित तरीके से बढ़ावा दिया जाना चाहिए; जिसके अंतर्गत नाइट कलर के लिए सुरक्षा हेतु विशेष विभाग या विशेष सुरक्षा बल का गठन तथा बार, क्लब और पब की बंद होने की एक निश्चित समय सीमा तय करना उपयोगी होगा।