व्यवसाय योजना

व्यवसाय योजना

व्यवसाय योजना/बिजनेस प्लान

यह उद्यमिता का प्राथमिक कम होता है 

व्यवसाय योजना का अर्थ-:

अपने भविष्य की व्यवसाय के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु, वर्तमान में जो रणनीति या कार्यक्रम तैयार किया जाता है; उसे व्यवसाय योजना कहते हैं। 

व्यावसायिक योजना के लक्षण 

  • निश्चित दूरगामी लक्ष्य 

  • पूर्वानुमान आधारित कार्य योजना। 

  • कम दर कदम नियोजन के अनुरूप कार्यों का क्रियान्वयन। 

  • व्यावसायिक प्रबंधन का प्रारंभिक कदम। 

  • एक चरणबद्ध प्रक्रिया। 

व्यवसाय योजना का महत्व-:

  1. लक्ष की शीघ्रता से प्राप्ति। 

  2. प्रतिफल अधिकतम करने में सहायक। 

  3. जोखिम की संभावना कम हो जाना। 

  4. सीमित संसाधनों का इष्टतम प्रयोग। 

  5. उपयुक्त निर्णय में सहायक। 

  6. कार्य प्रणाली के भटकाव को पहचानने में सहायक। 

 इसके अतिरिक्त व्यावसायिक योजना को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करके वित्तीय संस्थानों से ऋण या निवेश प्राप्त किया जा सकता है। 

एक आदर्श व्यावसायिक योजना के घटक 

  1. कार्य सारांश – इसमें कार्य का संक्षिप्त विवरण होता है। 

  2. व्यवसाय की पृष्ठभूमि- इसमें बताया जाता है कि संबंधित व्यवसाय का बैकग्राउंड क्या है।

  3. प्रस्तावित सेवा एवं उत्पाद का विवरण-की कौन सा उत्पाद बनाया जाएगा उसकी क्या विशेषताएं होगी? 

  4. उत्पादन की रणनीति– कि संबंधित वास्तु या सेवा का किसी प्रकार से उत्पादन किया जाएगा। 

  5. विक्रय या विपणन संबंधी रणनीति– जैसे कि किस चैनल के माध्यम से किस प्रकार से विपरण किया जाएगा। 

  6. बाजार विश्लेषण-: संबंधित वस्तु या सेवा के बाजार का आकार का वर्णन। 

  7. जोखिम के तत्व- संबंधित उत्पादन में क्या-क्या जोखिम शामिल होंगे, इसका विवरण।  

  8. प्रबंधन-: उन जोखिम के प्रबंधन के उपाय। 

  9. आवश्यक कोष की मात्रा- शुरुआत में कितने घन की आवश्यकता होगी कहां से पूर्ति होगी इसका विवरण। 

  10. निवेश की वापसी-: निवेश की वापसी कब किन माध्यम से की जाएगी। 

  11. बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग-: प्राप्त राशि का उपयोग किस प्रकार से किया जाएगा।  

  12. परिशिष्ट-: अन्य विवरण। 

 

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