संगठन/organisation

संगठन

संगठन का अर्थ-: 

निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए, विभिन्न अवयवों तथा इकाइयों की कार्य प्रणाली की सुनिश्चित और क्रमबद्ध व्यवस्था, संगठन कहलाती है। 

हर्बर्ट साइमन के अनुसार-: “संगठन से अभिप्राय सहयोगी प्रयास की उसे नियोजित व्यवस्था से है, जिसमें प्रत्येक सहभागी के कार्य एवं भूमिकाएं सुनिश्चित होते हैं”। 

उदाहरण- स्कूल संगठन, पुलिस संगठन। 

संगठन के तत्व 

  • साझा लक्ष्य। 

  • साझा प्रयास। 

  • आपसी संप्रेषण। 

संगठन केआधार-:

लूथर गुलिक के अनुसार संगठन के चार आधार हैं-

  1. Purpose 

  2. process 

  3. person 

  4. place 

संगठन के प्रकार-:

  • औपचारिक संगठन 

  • अनौपचारिकसंगठन

आधार

औपचारिक संगठन

अनौपचारिक संगठन

उद्देश्य

व्यापक एवं विस्तृत उद्देश्य

उपेक्षाकृत सीमित उद्देश्य

निर्माण

एक व्यवस्थित संरचना एवं नियमों के तहत

आपसी सहयोग द्वारा छोटे स्तर पर

आकार

उपेक्षाकृत बढ़ा 

उपेक्षाकृत छोटा आकार

कार्य प्रणाली

कठोर कार्य प्रणाली

अपेक्षा लचीली कार्य प्रणाली

संरचना

एक नियमित पदसोपान होता है। 

इसमें नियमित पदसोपान नहीं होता है। 

मान्यता

इनकी मान्यता अधिक होती है, लोगों का इन पर अधिक विश्वास होता है। 

इनकी मान्यता उपेक्षाकृत कम होती है लोगों का काम विश्वास होता है। 

स्थायीपन

ये उपेक्षाकृत अधिक स्थाई होते हैं

ये अपेक्षाकृत कम स्थाई होते हैं। 

संगठन के कार्य या घटक-:

 

  1. संरचना का निर्धारण-: संगठन में सबसे पहले यह संरचना निर्धारित की जाती है कि पदसोपान व्यवस्था किस प्रकार की होगा। 

  2. कार्यों का विभाजन-: इसके अंतर्गत यह निर्धारित किया जाता है, कि किस प्रकार के कार्य कौन पदाधिकारी करेगा। 

  3. कार्य विशेषीकरण व वर्गीकरण-: तत्पश्चात सहभागियों को उनकी क्षमता के अनुसार कार्य दिया जाता है। 

  4. अधिकारों का निर्धारण-: प्रत्येक पदाधिकारी के कार्य के अनुसार अधिकार सुनिश्चित किए जाते हैं। 

  5. आपसी संप्रेषण-: सहभागियों के मध्य माधुर्य संबंध हेतु, निरंतर आपसी-संप्रेषण किया जाता है।

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