प्रबंधन के कार्य व नियोजन
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Toggleहेनरी फेयोल के अनुसार-: प्रबंधन की निम्न पांच कार्य होते हैं-
नियोजन
संगठन
निर्देशन
नियंत्रण
समन्वय।
लूथर गुलिक ने अपने POSDCORB मॉडल में प्रबंधन के साथ कार्य बताए
planning (योजनाबनाना
organisation (संगठन निर्माण
staffing (कार्मिक प्रबंधन
direction (दिशा निर्देशन
coordination (समन्वय बैठना
reporting (प्रतिवेदन
budgeting(वित्तीय प्रबंधन
नियोजन-:
नियोजन का अर्थ-: निर्धारित लक्ष्यों या उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु, भविष्य में किए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना नियोजन कहलाता है।
नियोजन में निम्न पांच चीजों का निर्धारण किया जाता है
क्या करना —-कार्य।
कब करना है—-समय।
कहां करना है—-स्थान।
कैसे करना है—–विधि।
किसे करना है—- व्यक्ति।
नियोजन की विशेषताएं-:
एक चयनात्मक प्रक्रिया –नियोजन एक चयनात्मक प्रक्रिया है क्योंकि इसमें कार्य, समय ,स्थान ,विधि, व्यक्ति आदि का चयन किया जाता है।
लक्ष्योन्मुखी प्रक्रिया – नियोजन एक उद्देश्य पूर्ण प्रक्रिया है जिसका कुछ ना कुछ उद्देश्य होता है।
भावेश उन्मुख प्रक्रिया –भविष्य के लिए रूपरेखा का निर्धारण किया जाता है।
बौद्धिक प्रक्रिया – चिंतन मनन पर आधारित होती है।
नियोजन, प्रबंधन का प्राथमिक कार्य है।
न्यूनतम लागत श्रेष्ठ परिणाम पर केंद्रित क्रिया।
नियोजन की प्रक्रिया नियोजन के घटक
1. लक्ष्य का निर्धारण-: नियोजन में सर्वप्रथम लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है; कि क्या करना है?
2.रणनीति तैयार करना-: लक्ष्य की प्राप्ति हेतु रूपरेखा तैयार की जाती है कि कैसे करना है।
3. कार्य विधि की पहचान-: फिर यह तय किया जाता है कि किस पद्धति से कार्य करना है किस सिद्धांत को अपनाना है।
4. कार्यों का अनुक्रम निर्धारण-: सबसे पहले कौन सा कार्य करना है, इसके बाद कौन सा कार्य करना है? इसका निर्धारण किया जाता है।
5. विकल्पों का मूल्यांकन-: प्रत्येक विकल्प के गुण दोष को परखना।
6.सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन-: उपलब्ध विकल्प में से उस विकल्प को चुनना जो न्यूनतम लागत अधिकतम परिणाम देने में योग्य हो।
6. बजट संबंधी विचार-: नियोजन में इस बात का भी विचार किया जाता है, कि संबंधित उद्देश्य की प्राप्ति में कितना बजट आएगा, इसकी पूर्ति कहां से होगी?
नियोजन का महत्व-:
व्यवसाय में मितव्ययिता लाने में सहायक।
संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग।
लक्ष्य को सुव्यवस्थित तरीके से प्राप्त करने का तरीका।
जोखिम की संभावना में कमी।
प्रतिफल या सीमांत लागत की अधिकता।
निर्णयन प्रक्रिया में सहायक