संप्रेषण /communication
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Toggleसंप्रेषण का अर्थ-:
दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य तथ्यों, विचारों व सूचनाओं का आदान-प्रदान होना संप्रेषण कहलाता है।
संप्रेषण के तत्व-:
प्रेषक या वक्ता
संदेश ( तथ्य, सूचना, विचार)
संदेश प्राप्तकर्ता।
चिन्ह (सांकेतिक संप्रेषण में उपयोगी)
संप्रेषण माध्यम (वाणी ,मेल, फोन कॉल ,पोस्टमैन)
प्रतिपुष्टि ( प्रतिपुष्टि पर ही संदेश का संप्रेषण पूर्ण माना जाता है)
संप्रेषण की विशेषताएं-:
संप्रेषण एक उद्देश्य पूर्ण प्रक्रिया है- इसका उद्देश्य तथ्य, सुझाव, सूचना, विचार को दूसरे व्यक्तियों तक पहुंचाना होता है।
संप्रेषण एक मानवीय क्रिया है-यह एक मानव द्वारा दूसरी मानव या मानव की समूह के साथ संपन्न होता है।
संप्रेषण एक बौद्धिक क्रिया है-क्योंकि संप्रेषण में बुद्धि की आवश्यकता होती है।
संप्रेषण एक सर्वव्यापी कार्य है-क्योंकि सभी प्रकार के संगठनों, सभी प्रकार के विभागों में संप्रेषण की आवश्यकता होती है।
संप्रेषण एक द्विध्रुवीय प्रक्रिया है-क्योंकि संप्रेषण के दौरान एक संदेश भेजने वाला होता है और एक संदेश प्राप्त करने वाला।
संप्रेषण लिखित, मौखिक या सांकेतिक तीनों रूपों में हो सकता है।
संप्रेषण का महत्व -:
उच्चस्थ एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के मध्य तालमेल स्थापित करने में सहायक।
प्रभावी नेतृत्व में सहायक।
अधीनस्थ कर्मचारियों को अभिप्रेरित करने में उपयोगी।
औद्योगिक समस्याओं का समाधान कर, औद्योगिक शांति की स्थापना में सहायक।
उपयुक्त दिशा निर्देशन द्वारा कार्य कुशलता बढ़ाने में सहायक।
इसके अतिरिक्त संप्रेषण स्वैच्छिक सहयोग की प्राप्ति में भी सहायक है।
संप्रेषण के प्रकार-:
वैधता के आधार पर
औपचारिक संप्रेषण – जब उच्च अधिकारी एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के मध्य नियमों और प्रतिबंधों के साथ संप्रेषण किया जाता है तो इसे औपचारिक संप्रेषण कहते हैं।
अनौपचारिक संप्रेषण- यह समान स्तर के लोगों द्वारा, आपसी वार्तालाप के रूप में किया जाने वाला संपर्क होता है।
माध्यम के आधार पर
मौखिक संप्रेषण।
लिखित संप्रेषण।
सांकेतिक संप्रेषण।
संप्रेषण की बाधाए -:
संदेश अभिव्यक्ति संबंधी बाधाएं – आपर्याप्त शब्द भंडार, तोतलापन, धीमी आवाज आदि।
संदेश की बाधाए़- अनेकार्थी शब्द,भाषाई भिन्नता आदि।
माध्यम संबंधी बाधाएं –बहुत ज्यादा शोर होना, तीव्र हवा, तकनीकी समस्याएं आदि।
मनोवैज्ञानिक बाधाएं –प्रेषक के प्रति अविश्वास, असावधानी, ध्यान ना देना आदि।