मानव संसाधन प्रबंधन/वित्तीय प्रबंधन

मानव संसाधन प्रबंधन-: 

मानव संसाधन प्रबंधन/वित्तीय प्रबंधन

उपलब्ध मानव संसाधन को उनकी कुशलता के आधार पर उपयुक्त कार्य देकर, संगठन में मानव संसाधन की मांग-पूर्ति के मध्य सामंजस्य बैठाना मानव संसाधन प्रबंधन कहलाता है। 

हेनरी फोर्ड -: “मुझे मेरी इमारतें मेरी मशीन मेरी सारी पूंजी ले लो लेकिन मेरे कर्मचारी छोड़ दो मैं वापस हेनरी फोर्ड बन जाऊंगा”। 

मानव संसाधन प्रबंधन के कार्य या घटक-:

  1. कर्मचारियों की भर्ती करना-: निर्धारित लक्ष्य के अनुरूपित श्रेष्ठ कार्मिकों की नियुक्ति। 

  2. कर्मचारियों का प्रशिक्षण-: नियुक्त कर्मचारियों को व्यवहारिक के प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमताओं में अभिवृद्धि करना। 

  3. कार्य सौंपना-: संगठन के कर्मचारियों को उनकी क्षमता के अनुरूप कर सौंपना। 

  4. निर्देशन-: अधीनस्थ कर्मचारियों का पथ-प्रदर्शन करना तथा उनका आवश्यक सलाह-सुझाव देना। 

  5. शिकायतों का समाधान-: कार्मिकों की शिकायतों का प्रभावी संप्रेषण द्वारा, समाधान करना। 

मानव संसाधन प्रबंधन की चुनौतियां

  1.  सटीक आंकड़ा नहीं-: उपलब्ध मानव संसाधन का सटीक आंकड़ा प्राप्त नहीं होता।

  2. सैद्धांतिक की योग्यता की तुलना में वास्तविक योग्यता कम होना-उम्मीदवारों की सैद्धांतिक योग्यता तो अधिक होती है उनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां होती हैं लेकिन उन्हें व्यावहारिक नॉलेज कम होता है। 

  3. श्रम संघों की बाधाएं-: अनेकों बार श्रम संगठन प्रबंधकों के निर्णय में बाधा उत्पन्न करते हैं। 

  4. संगठन के मूल्य की बाधा-: संगठन की मूल्य में अपेक्षित परिवर्तन का विरोध होता है। 

  5. वैधानिक चुनौतियां-: कानून विधियों के साथ टकराव की चुनौती। 

  6. राजनीतिक चुनौतियां-: अनैतिक या पक्षपात पूर्ण राजनितिक दबाव की चुनौती। 

  7. तकनीकी चुनौतियां-: बदलते परिवेश में नवीन तकनीकियों के साथ सामंजस बैठाने की चुनौती। 

  8. वित्तीय चुनौतियां-: सीमित वित्त की चुनौती। 

वित्तीय प्रबंधन/Finance Management

वित्तीय प्रबंधन/Finance Management

वित्तीय प्रबंधन का अर्थ-: 

संगठन में उपलब्ध वित्त का समुचित उपयोग एवं उसे व्यक्ति से अधिकतम आउटपुट प्राप्त करना। 

वित्तीय प्रबंधन की परिभाषा-:

“वित्तीय प्रबंधन, नियोजन एवं नियंत्रण को वित्त कार्य पर लागू करना है”——- हावर्ट एवं अपटन। 

वित्तीय प्रबंधन के कार्य क्षेत्र-: 

  1. बजट निर्माण एवं प्रबंधन-: सटीक बजट का निर्माण करके उसका समुचित प्रबंध करना। 

  2. राजस्व प्रबंधन-: राजस्व प्राप्त करना तथा प्राप्त राजस्व का समुचित प्रयोग करना। 

  3. निवेश प्रबंधन-: निवेश प्रताप की योजना बनाना तथा प्राप्त निवेश को नियोजित करना। 

  4. वित्तीय निगरानी-: सरकारी लेनदेन पर निगरानी रखना। 

  5. वित्तीय योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन-: प्रभावी वित्तीय योजना का निर्माण करना तथा उनका समुचित क्रियान्वयन करना। 

  6. वित्तीय जोखिम प्रबंधन-: वित्तीय जोखिम से निपटने के लिए बीमा आदि की व्यवस्था करना। 

वित्तीय प्रबंधन का महत्व-:

  • उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग। 

  • संगठन के अपव्यय में कमी।

  • सरकारी उपक्रम की सफलता का आधार। 

  • संगठन के कार्यों में निरंतरता। 

  • निवेश प्रोत्साहन में सहायक।

  • संगठन को ऋणग्रस्तता या घाटे की स्थिति से बचाने में सहायक।

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