प्रमुख फसलें

प्रमुख फसलें 

प्रमुख फसलें 

भारत के 51% भूभाग पर कृषि होती है तथा वर्ष 2022-23 में 

  • कुल खाद्यान्न उत्पादन- 323 मिलियन टन था। 

  • कुल तिलहन उत्पादन 40 मिलियन टन। 

  • कल दलहन उत्पादन 27 मिलियन टन। 

  • कल कपास उत्पादन 33 मिलियन गांठें।

  • श्री अन्न का कुल उत्पादन 52 मिलियन टन।  

प्रमुख फसलें –

चावल-:

  • यह एक खरीफ की फसल है। 

  • भौगोलिक दशाएं-

    • 100 सेमी से अधिक वर्षा। 

    • जलोढ़ मिट्टी। 

  • प्रमुख किस्में – जया, पदमा, जमुना, कृष्णा ,कावेरी, सुगंधा, साबरमती, बासमती। 

  • चावल में लगने वाले रोग 

    • अ़गमारी रोग। 

    • खैरा रोग। 

  • उत्पादन- भारत के कुल कृषि क्षेत्र के 32% भाग पर चावल की कृषि होती है, प्रमुख उत्पादक राज्य-:

    • पश्चिम बंगाल 

    • पंजाब 

    • उत्तर प्रदेश 

    • छत्तीसगढ़ 

    • उड़ीसा। 

गेहूं-:

  • यह एक रवी की फसल है। 

  • भौगोलिक दशाएं-

    • 75 से 100 सेंटीमीटर वर्षा 

    • तथा दोमट मिट्टी। 

  • गेहूं के प्रमुख रोग 

    • कर्नल बट रोग। 

    • रस्ट रोग। 

  • प्रमुख किस्में –

    • कल्याणी-सोना 

    • जनक 

    • गिरिजा 

    • सोनालिका। 

  • गेहूं का उत्पादन-: भारत के लगभग 14 प्रतिशत कृषि विभाग पर गेहूं की खेती होती है प्रमुख उत्पादक राज्य-

    • उत्तर प्रदेश 

    • मध्य प्रदेश 

    • पंजाब 

    • राजस्थान 

    • गुजरात 

    • हरियाणा। 

मक्का-:

  • यह खरीफ की फसल है। 

  • भौगोलिक दशाएं-:

    • 75 सेमी से कम वर्षा। 

    • बलुई दोमट मिट्टी। 

  • प्रमुख मक्का की किस्में-

    • गंगा-1, 

    • गंगा-5, 

    • डेक्कन 101 

    • रंजीत 

    • विक्रम। 

  • उत्पादन-; 34 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन होता है, प्रमुख उत्पादक राज्य-

    • कर्नाटक 

    • मध्य प्रदेश 

    • महाराष्ट्र। 

दलहन -:

  • दलहन के अंतर्गत चना, अरहर, उड़द, मूंग, आदि शामिल है। 

  • भारत दुल्हन का सर्वाधिक उत्पादक ,उपभोक्ता एवं आयातक देश है। 

चना-:

  • भौगोलिक दशाएं- 

    • 35-70 सेंटीमीटर वर्षा। 

    • काली बंधी मिट्टी। 

  • चना की किस्में -:

    • काबुली चना 

    • वैभव चना 

  • चना काउत्पादन- भारत में चने का वार्षिक उत्पादन लगभग 13 मिलियन टन है। चने का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले राज्य-

    • मध्य प्रदेश 

    • महाराष्ट्र 

    • राजस्थान। 

तिलहन -:

  • तिलहन के अंतर्गत सरसों, सोयाबीन, तिल, अलसी ,मूंगफली शामिलहै। 

  • भारत में तिलहन का कुल उत्पादन 40 मिलियन टन है। 

  • भारत के 12% कृषि भूमि में तिलहन की खेती होती है। 

  • तिलहन के प्रमुख उत्पादक राज्य-

    • मध्य प्रदेश 

    • गुजरात 

    • राजस्थान 

    • तेलंगाना 

    • आंध्र प्रदेश। 

सोयाबीन -:

  • भौगोलिक दशाएं

    • 35 से 75 सेंटीमीटर वर्षा।

    • कालीमिट्टी। 

  • सोयाबीन की किस्में –

    • अहिल्या 

    • प्रसिद्ध 

    •  प्रसाद। 

  • सोयाबीन का उत्पादन– सोयाबीन का भारत में औसतन वार्षिक उत्पादन 14 मिलियन टन होता है, प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य-

  • मध्य प्रदेश 

  • महाराष्ट्र 

  • राजस्थान 

प्रमुख व्यापारिक फसलें 

गन्ना -:

यह भी एक नगदी फसल है। 

  • भौगोलिकदशाएं-

    • 75 से 150 सेमी बरसात 

    • दोमट काली मिट्टी। 

  • गन्ना की किस्म- 

    • श्रीमुखी गन्ना

    • यूपी गन्ना। 

    • बाहुबली गन्ना

  • गन्ना में लगने वाला रोग- गन्ना फसल में मुख्यतः लाल सड़न रोग लगता है 

  • उत्पादन- भारत में गाने का लगभग 468 मिलियन टन उत्पादन होता है, प्रमुख उत्पादक राज्य-

    • उत्तर प्रदेश 

    • महाराष्ट्र 

    • कर्नाटक 

कपास -:

  • यह एक खरीफ की फसल है। 

  • भौगोलिक दशाएं-

    • 50 से 100 सेंटीमीटर वर्षा 

    • काली मिट्टी 

  • कपास की किस्में –

    • महालक्ष्मी 

    • जय लक्ष्मी 

  • कपास का रोग- 

    • जुल्सा रोग 

    • लाल पत्ती रोग 

  • उत्पादन- भारत में कपास का वार्षिक उत्पादन लगभग 33 मिलियन गांठे हैं, सर्वाधिक उत्पादक राज्य 

  • गुजरात 

  •  महाराष्ट्र

  • आंध्र प्रदेश है। 

चाय-:

  • यह मूल रूप से चीन की फसल है। 

  • भौगोलिक दशाएं-

    • 150 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा 

    • अम्लीय दोमट मिट्टी 

  • चाय की किस्में –

    • चीनी किस्म 

    • आसामिका किस्म 

  • चाय का रोग- ब्लिस्टर ब्लाइट रोग। 

  • उत्पादन- 1350 मिलियन किलोग्राम/वार्षिक उत्पादन; भारत में सर्वाधिक चाय का उत्पादन करने वाले राज्य-

    • असम 

    • पश्चिम बंगाल 

    • नीलगिरी की पहाड़ियां। 

श्री अन्न-:

हाल ही में पीएम मोदी द्वारा मोटे अनाज को श्री अन्य की उपमा दी गई है। 

श्री अन्न की विशेषताएं -:

  • भारत की परंपरागत फसल है 

  • पोषक तत्वों से भरपूर है 

  • गरीबों का अनाज के रूप में जानी जाती है

श्री अन्न में शामिल फसलें –

  • बाजरा 

  • ज्वार 

  • रागी

  • कोदो 

  • कुटकी 

  • सांबा 

नोट-: श्री अन्न में मक्का शामिल नहीं है। 

श्री अन्न का महत्व-:

  • पोषक तत्वों (जैसे- प्रोटीन, खनिज, विटामिन) से भरपूर।

  • ग्लूटेन मुक्त होती हैं, अतः मधुमेह रोगियों के लिए लाभप्रद। 

  • कम कीमत में प्राप्ति, अतः कुपोषण की समाप्ति में सहायक। 

  • पर्यावरण हितैषी फैसले होती है, पारिस्थितिकी संतुलन में सहायक। 

  • अपशिष्ट का प्रयोग पशु आहार के रूप में किया जा सकता है। 

भारत में श्री अन्न की स्थिति-:

  • वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष लगभग 52 मिलियन टन श्री अन्न का उत्पादन होता है। 

  • भारत विश्व में सबसे ज्यादा श्री अन्न उत्पादक देश है। 

  • भारत में सर्वाधिक श्री अन्न उत्पादक राज्य-

    • राजस्थान 

    • कर्नाटक 

    • महाराष्ट्र 

    • आंध्र प्रदेश 

    • मध्य प्रदेश

  • वर्ष 2022 में भारत ने 500 मिलियन डॉलर का श्री अन्न निर्यात किया था।

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