विज्ञान के अनुप्रयोग एवं ईथनोबायोलॉजी
This page Contents
Toggleविज्ञान-:
विभिन्न प्रयोगिक विश्लेषकों से प्राप्त किया गया शुव्यवस्थित एवं क्रमबद्ध ज्ञान विज्ञान कहलाता है।
विज्ञान केअनुप्रयोग-:
कृषि के क्षेत्र में-: वर्तमान समय में कृषि के क्षेत्र में तकनिकीकरण बढ़ता जा रहा है जो विज्ञान की देन है
जीएम फसलों के रूप में
आधुनिक कृषि उपकरण जैसे– ट्रैक्टर, हार्वेस्टर के रूप में।
उन्नत कीटनाशक आदि के रूप में।
चिकित्सा के क्षेत्र में – उन्नत चिकित्सा व्यवस्था विज्ञान का ही सकारात्मक परिणाम है
आईवीएफ तकनीक।
एक्स-रे,ईजीसी मशीनें।
बायो किट
एंटीबायोटिक दवाई आदि।
संचार के क्षेत्र में -:
टीवी
मोबाइल
कंप्यूटर
सोशल मीडिया
यातायात के क्षेत्र में -:
एयरप्लेन
ऑटोमोबाइल
ड्राइवरलेस ऑटोमेटिक कार।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में -:
कृत्रिम उपग्रह
जीपीएस तकनीक।
औद्योगिक क्षेत्र में
औद्योगिक रोबोट।
औद्योगिक क्षेत्र में श्रम की कमी विज्ञान का ही परिणाम है।
इथनोबायोलॉजी एवं इसके अनुप्रयोग-:
ईथनोबायोलॉजी-:
जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत, मानवीय संस्कृति तथा अन्य जीव जंतुओं के पारंपरिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
उदाहरण के लिए- मानव एवं पालतू जानवरों के संबंध का अध्ययन।
ईथनोबायोलॉजी के अनुप्रयोग-
पर्यावरण संरक्षण में – मानव एवं पर्यावरण के आंतरिक संबंधों को समझकर पर्यावरण संरक्षण में सहायक।
औषधि की पहचान एवं निर्माण में- जड़ी बूटियां के संग्रह तथा उनके प्रयोग के तरीकों का ज्ञान देती है।
जैव विविधता के संरक्षण में – ईथनोबायोलॉजी हमें जैव विविधता का महत्व बताती है, जो जैव-विविधता के संरक्षण में सहायक है।
सतत विकास में – वर्तमान के साथ-साथ भविष्य हितैषी विकास में सहायक।
जनजाति नीतियों के निर्माण में – जनजातियों का जीवन पर्यावरण पर आधारित होता है, अतः जनजातीय जीवन के लिए आधारित उपयुक्त नीति बनाने में सहायक।
अन्य जीवों की व्यवहार को समझने में- विज्ञान की है शाखा, अन्य पशुओं के व्यवहार का सटीक अवलोकन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।