भारत के प्रमुख उद्योग

भारत के प्रमुख उद्योग 

भारत के प्रमुख उद्योग 

उद्योग क्या है -:

वह व्यावसायिक संस्थान, जहां विक्रय हेतु व्यापक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन होता है। 

उद्योगों की स्थापना के लिए कारक 

  • कच्चा माल की उपलब्धता। 

  • श्रम की दर एवं श्रमिकों की उपलब्धता। 

  • परिवहन के साधनों की उपलब्धता एवं परिवहन की तीव्रता। 

  • वित्तीय संस्थाओं की उपलब्धता। 

  • बाजार की निकटता एवं बाजार का आकार। 

  • अन्य अधोसंरचना-: विद्युत, पानी आदि की व्यवस्था। 

भारत में लोह इस्पात उद्योग 

यह एक भारी आधारभूत उद्योग है, जो अन्य उद्योगों के लिए मशीनरी उपलब्ध करवाता है। 

कच्चा माल- लोहा एवं कोयला। 

  • प्रथम सफल लोग उद्योग 1874 को पश्चिम बंगाल के कुल्टी में लगाया गया। 

  • इसी क्रम में, 1960 को झारखंड की जमशेदपुर में बृहद लौह उद्योग “टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी’ की स्थापना की गई। 

  • भारत में विश्व का लगभग 10% लोह अयस्क मौजूद है; और इस आधार पर भारत का विश्व में चौथा स्थान है। 

भारत के प्रमुख लौह उद्योग -:

  1. Tisco-: टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी।  

    1. स्थापना- 1960 को जमशेदजी टाटा द्वारा। 

    2. स्थान – झारखंड के जमशेदपुरमें। 

    3. लौह की प्राप्ति-: नाओमुंडी खान(झारखंड) एवं मयूरभंज खान (उड़ीसा)। 

  2. IISCO-: इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी। 

    1. स्थापना- 1918 में। 

    2. स्थान- पश्चिम बंगाल की बर्नपुर में। 

    3. लोह की प्राप्ति- गुना खान(झारखंड) तथा मयूरभंज खदान ,(उड़ीसा) 

  3. VISL-: विश्वेश्वरैया आईरन एंड स्टील लिमिटेड। 

    1. स्थापना – 1923 को। 

    2. स्थान – कर्नाटक के भद्रावती में। 

    3. लोहा की प्राप्ति- कुदरेमुख एवं बाबा बुदान। 

द्वितीय पंचवर्षीय योजना में लगाए गए लौह उद्योग

  1. दुर्गापुर लोह इस्पात संयंत्र-:

    1. स्थापना – 1956को। 

    2. स्थान – पश्चिम बंगाल के वर्धमान में। 

    3. लोहा की प्राप्ति – छोटा नागपुर की खदान से। 

    4. यह संयंत्र ब्रिटेन के सहयोग से लगाया गया। 

  2. भिलाई लोह इस्पात संयंत्र -: 

    1. स्थापना – 1959 को। 

    2. स्थान – छत्तीसगढ़ की भलाई में। 

    3. लोहा की प्राप्ति – डल्लुराजहरा खदान से। 

    4. यह संयंत्र रूस के सहयोग से लगाया गया। 

  3. राउल केला लौह इस्पात संयंत्र

    1. स्थापना – 1959 को। 

    2. स्थान – उड़ीसा में। 

    3. लोहा की प्राप्ति – क्योंझर खदान उड़ीसा। 

    4. यह संयंत्र जर्मनी की सहयोग से लगाया गया।

भारत में सीमेंट उद्योग 

यह भी भारी आधारभूत उद्योग है, इस उद्योग के लिए कच्चा माल के रूप में चूना-पत्थर,जिप्सम , कोयला एवं पानी की आवश्यकता होती है। 

  • भारत में विश्व का लगभग 8% सीमेंट उत्पादित होता है। 

  • सीमेंट उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। (चीन के बाद) 

  • भारत में प्रथम सीमेंट कारखाना 1904 को चेन्नई में लगाया गया।

  • इसके बाद 191213 में मध्य प्रदेश के कटनी तथा राजस्थान के लाखेरी बूंदी में लगाया गया। 

  • वर्तमान में भारत में लगभग 210 बड़े सीमेंट कारखाने हैं। 

  • सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य-:

    • राजस्थान 

    • मध्य प्रदेश 

    • आंध्र प्रदेश 

    • तमिलनाडु। 

कागज उद्योग -: 

यह शिक्षा जगत से जुड़ा हुआ उद्योग है; जिसके लिए कच्चा माल के रूप में बांस की लकड़ी,गन्ना की लकड़ी तथा पानी का उपयोग किया जाता है। 

  • विश्व का लगभग 5% कागज भारत में बनाया जाता है। 

  • कागज उत्पादन में भारत का विश्व में 15 स्थान है। 

  • भारत में कागज उद्योग का प्रथम सफल कारखाना- 1867 को बालीगंज (कोलकाता) में लगाया गया। 

  • पश्चिम बंगाल का टीटागढ़ भारत में कागज का सबसे बड़ा उत्पादक केंद्र है।  

  • प्रमुख कागज उत्पादक राज्य-: 

    • पश्चिम बंगाल 

    • महाराष्ट्र 

    • आंध्र प्रदेश 

    • मध्य प्रदेश। 

 

भारत में चीनी उद्योग 

भारत में चीनी उद्योग कपड़ा उद्योग के बाद दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। 

  • भारत में विश्व की लगभग 8% चीनी का उत्पादन होता है। 

  • चीनी के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। 

  • भारत में चीनी उत्पादन का प्रथम सफल कारखाना 1903 को प्रतापपुरा (यूपी ) में लगाया गया। 

भारत में चीनी का उत्पादन एवं वितरण-:

  • उत्तर प्रदेश -: भारत में सर्वाधिक गन्ना उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है, इसलिए चीनी उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है; इसके प्रमुख केंद्र –

    • मेरठ 

    • मुजफ्फरनगर 

    • गाजियाबाद 

    • मुरादाबाद 

    • बुलंदशहर

  • महाराष्ट्र –उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र का चीनी उत्पादन में दूसरा स्थान है, प्रमुखकेंद्र- 

    • पुणे 

    • नासिक 

    • सतारा 

    • कोल्हापुर

  • कर्नाटक-: कर्नाटक का देश में चीनी उत्पादन में तीसरा स्थान है , प्रमुखकेंद्र-

    • शिमोगा 

    • बेल्लारी 

    • बेलग्राम 

    • बीजापुर

भारत में सूती वस्त्र उद्योग 

यह भारत का सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योगहै। 

सूती वस्त्र उद्योग के कच्चे माल के रूप में कपास का उपयोग होता है। 

  • विश्व का 7 प्रतिशत सूती वस्त्र का उत्पादन भारत में होता है। 

  • भारतीय निर्यात में सूती वस्त्र का योगदान 12%है। 

  • तथा भारत के रोजगार में, सूती वस्त्र उद्योग का 21% योगदान है। 

  • भारत में सूती वस्त्र उद्योग का प्रथम कारखाना 1818 को फोर्थ-ग्लास्टर में (कोलकाता के पास) लगाया गया तथा प्रथम सूती वस्त्र की सफल मिल मुंबई में 1854 को लगाई गई। 

भारत में सूती वस्त्र उद्योग का उत्पादन एवं वितरण-:

  • महाराष्ट्र -: भारत में सर्वाधिक सूती उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है। इसके प्रमुख केंद्र-

    • मुंबई (कॉटन पॉलिश ऑफ़ इंडिया)

    • पुणे 

    • कोल्हापुर 

    • सतारा। 

  • गुजरात – भारत में दूसरा सर्वाधिक सूती वस्त्र उत्पादक राज्य गुजरात है, प्रमुख केंद्र- 

    • अहमदाबाद (भारत का मैनचेस्टर)

    • बड़ोदरा 

    • सूरत 

    • भरौ़च

  • तमिलनाडु – तमिलनाडु के प्रमुख सूती वस्त्र उद्योग के केंद्र-

    • कोयंबटूर (-दक्षिण भारत का मैनचेस्टर)

    • चेन्नई 

    • मदुरई 

    • सेलम

  • उत्तर प्रदेश- सूती वस्त्र उत्पादन में उत्तर प्रदेश का देश में चौथा स्थान है , इसके प्रमुख केंद्र-

    • कानपुर ( उत्तर भारत का मैनचेस्टर) 

    • मेरठ 

    • मुरादाबाद 

    • लखनऊ। 

भारतमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग

खाद्य संस्करण उद्योग को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2008 को मेगा फूड पार्क योजना लाई गई। 

इस योजना के तहत 30 मेगा फूड पार्क बनाने की योजना थी जिसे बढ़ाकर 42 कर दिया गया है वर्तमान में 23 मेगा फूड पार्क संचालित हैं। 

प्रमुख मेगा फूड पार्क निम्नलिखित-:

  • श्रीनी मेगा फूड पार्क -: चित्तूर (आंध्र प्रदेश)

  • उत्तर पूर्वी मेगा फूड पार्क-: असम 

  • पतंजलि मेगा फूड पार्क-: हरिद्वार 

  • इंडस मेगा फूड पार्क-: खरगोन 

  • अवंती मेगा फूड पार्क-: देवास, ( मध्य प्रदेश का पहला)

एक मेगा फूड पार्क से लगभग 30000 लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। 

 

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