रानी दुर्गावती-
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गोंडवाना वंश की प्रतापी महिला शासिका।
परिचय-:
जन्म– 1524 को
स्थान – कालिंजर में।
पिता – चंदेल राजा कीरत सिंह।
विवाह- सिंगौरगढ़ किले में दलपत शाह से।
1550 में पति दलपत शाह की मृत्यु होने पर अपने पुत्र नारायण शाह की संरक्षण का बनाकर शासन संभाला था।
उपलब्धियां या योगदान
निर्माण कार्य संबंधी -:
रानीताल
चेरीताल
आधार-ताल आदि का निर्माण जबलपुर में करवाया।
साहित्यिक योगदान -: इन्होंने अपने दरबार में निम्नलिखित साहित्यकारों को संरक्षण दिया-
पद्मनाथ भट्टाचार्य (जिन्होंने दुर्गावती प्रकाश की रचना की।
दामोदर ठाकुर।
महेश ठाकुर।
धार्मिक कार्य -: गढ़ा में पुष्टिमार्ग पंथ का केंद्र स्थापित कराया।
राजनीतिक कार्य -: अपनी राजधानी को सिंगोरगढ़ से चौरागढ़ स्थापित किया।
सैनिक उपलब्धियां-:
बाज बहादुर को दो बार पराजित किया।
अफगान सरदारों को हराकर अपनी सेना में शामिल किया।
आसफ खान से वीरता पूर्वक संघर्ष किया।
अंततः नरई के युद्ध में आत्महत्या करके वीरगति को प्राप्त हुई।