उत्तर आधुनिकीकरण
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Toggle‘जार्ज रिजजर’ के अनुसार- “आधुनिकीकरण के बाद का ऐतिहासिक काल, उत्तर आधुनिकीकरण कहलाता है”
अर्थात-आधुनिकीकरण के बाद का सामाजिक आर्थिक तथा सांस्कृतिक परिदृश्य।
उत्तर आधुनिकीकरण की विशेषताएं-:
विविधता एवं बहुलता – यह कोई एक दृष्टिकोण नहीं, बल्कि व्यवस्था पर आधारित दृष्टिकोण है।
भावना एवं मानवता- तर्क स्थान पर भावनाओं एवं मानवता का महत्व।
सूचना संचार पर केंद्रित- उत्तर आधुनिकीकरण सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
सामूहिकता पर बल-व्यक्तिवाद के स्थान पर, सामूहिकता को महत्व।
सहयोग का महत्व- आपसी प्रतिस्पर्धा के स्थान पर, आपसी सहयोग को महत्वपूर्ण माना जाना।
संपूर्ण वाद-: आधुनिकीकरण विशिष्टीकरण पर आधारित था , जबकि उत्तर-आधुनिकीकरण संपूर्णवाद पर आधारित है।
आधुनिकीकरण एवं उत्तर आधुनिकीकरण में अंतर-;
आधार | आधुनिकीकरण | उत्तर-आधुनिकीकरण |
समय अवधि | 18वीं से 20वीं सदी तक। | 20वीं सदी के उत्तरार्ध से अब तक। |
मुख्य विचार- | विकास एवं प्रगति | सापेक्षता एवं अनिश्चितता |
दृष्टिकोण | केंद्रित या विशिष्टवादी दृष्टिकोण। | बहुलतावादी या विविधतापूर्ण दृष्टिकोण |
प्रधानता | तर्क एवं विज्ञान की प्रधानता। | भावना एवं मानवता की प्रधानता। |
स्वरूप | व्यक्तिवादी स्वरूप। | सामूहिकतावादी स्वरूप। |
प्रतिस्पर्धा | प्रतिस्पर्धा को अधिक बल दिया जाना। | प्रतिस्पर्धा के स्थान पर, सहयोग को अधिक बल दिया जाना। |