[मुहावरा एवं कहावतें – 01]
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Toggleहिंदी में मुहावरे का अर्थ-
मुहावरा शब्द अरबी भाषा के मुहावर: शब्द से बना है जिसका अर्थ है-: अभ्यास । जबकि हिंदी में मुहावरे का अर्थ होता है :-बात कहने की विशेष शैली।
अर्थात मुहावरा ऐसे वाक्यांश होते हैं जो सामान्य या शाब्दिक अर्थ ना देकर, विशेष सांकेतिक भावार्थ प्रकट करते हैं।
जैसे:-
तुम रोजाना अपना प्रोजेक्ट पूरा क्यों नहीं कर पाते हो,घर में जाकर मच्छर मारते रहते हो क्या?
‘मच्छर मारना’इस वाक्यांश का सामान्य अर्थ तो मच्छर को पकड़कर मारना है, किंतु मुहावरे के रूप में इसका अर्थ होता है “खाली बैठकर समय काटना।”
वासुदेव नंदन प्रसाद के अनुसार:-
“ऐसे वाक्यांश जो समान्य अर्थ का बोल ना करा कर किसी विलक्षण अर्थ का बोध कराए मुहावरा, कहलाते है”
मुहावरे की विशेषताएं
मुहावरे शब्दार्थ नहीं ,बल्कि भावार्थ प्रकट करते हैं।
मुहावरे वाक्यांश होते हैं ना कि स्वतंत्र वाक्य। इसलिए इनका स्वतंत्र प्रयोग नहीं किया जा सकता। (बल्कि सदैव किसी ना किसी वाक्य के साथ किया जाता है)
मुहावरे सदैव अपने मूल स्वरूप में होते है इनको पर्यायवाची शब्द, लिंग परिवर्तन शब्द में अनुवादित करके प्रयोग नहीं किया जा सकता।
जैसे-: ‘मच्छर मारने’ के स्थान पर ‘मच्छर पीटने’ का उपयोग नहीं किया जा सकता।
वह ‘आग बबूला’ हो गया के स्थान पर यह नहीं कहा जा सकता कि:- वह आग बबूली हो गई।
मुहावरों का महत्व
मुहावरों के माध्यम से कम शब्दों में अधिक बात कही जा सकती है। जैसे:-‘खाली बैठकर समय काटना’ के स्थान पर ‘मच्छर मारना’ कहना।
मुहावरे अपने कथन को तुलनात्मक रूप से प्रस्तुत करने का माध्यम है। जैसे :-व्यस्त ना रहने वाले व्यक्ति की तुलना, खाली बैठकर मच्छर मारने वाले व्यक्ति से करना।
मुहावरे कथन को और भी ज्यादा प्रभावशाली बना देते हैं।
कहावतें:-
कहावतों को लोकोक्ति भी कहा जाता है लोकोक्ति का सामान्य अर्थ है लोक में प्रचलित उक्ति।
अर्थात लोकोक्ति आमजन में प्रचलित ऐसे पद या वाक्य होते हैं,जो किसी विशेष सत्य घटना या लोक अनुभव से जुड़े होते हैं।
जैसे:-अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत।
लोकोक्ति की विशेषताएं
लोकोक्ति एक संपूर्ण वाक्य होता है न कि वाक्यांश।
लोकोक्ति का जन्म किसी कहानी या विशेष घटना से होता है।
लोकोक्ति सदैव अपने मूल रूप में रहती है उसके क्रम अथवा शब्दों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
जैसे:-अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत।यह लोकोक्ति है इसके स्थान पर यह नहीं कहा जा सकता कि:- चिड़िया खेत तो चुग गई अब पछताने से क्या होगा।
मुहावरे एवं लोकोक्तियां में समानताएं
दोनों का प्रयोग किसी विशेष भावार्थ को बताने के लिए या उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है।
दोनों के मूल शब्दों में हेरफेर संभव नहीं है।
दोनों की भाषा शैली को सरस एवं प्रभावशाली बनाते हैं।
मुहावरे एवं लोकोक्तियां में असमानताएं
मुहावरे विशेष अर्थ देने वाले वाक्यांश होते हैं। जबकि लोकोक्तियां विशेष अर्थ देने वाले पूर्ण वाक्य होते हैं।
मुहावरों का स्वतंत्र प्रयोग संभव नहीं होता इनके प्रयोग के लिए कोई ना कोई वाक्य की आवश्यकता होती है, जबकि लोकोक्तियों का तंत्र प्रयोग संभव है जैसे:- जो गरजते हैं वह बरसते नहीं।
मुहावरे के अंत में क्रिया पद होता है, जैसे:- कान भरना, नाक कटना, मच्छर मारना। जबकि कहावतों के अंत में क्रियापद होना आवश्यक नहीं होता। जैसे:- अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत।
कहावतों का महत्व
कहावतें लोगों के अनुभव पर आधारित सीख होतीं है। जिनको हम अपने जीवन में उतार कर बहुत सी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। जैसे एक कहावत है अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें अकेले नहीं बल्कि सामूहिक रूप से कार्य करना चाहिए। इसी प्रकार अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत से हमें यह सीख मिलती है कि :- हमें अवसर रहते अपना कार्य पूरा कर लेना चाहिए अन्यथा पछताने से कुछ नहीं होने वाला।
कहावतों के माध्यम से आमजन को कोई भी बात आसानी से उदाहरण सहित समझाई जा सकती।
[प्रमुख मुहावरे एवं उनके प्रयोग
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
अंगारों पर लोटना | खतरनाक कार्य करना/बहुत कष्ट उठाना | वह इतना कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है कि अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अंगारों पर लोटने जैसा कार्य कर रहा है। |
अपना रंग जमाना | अपनी छाप छोड़ना/प्रभावित करना | यह अधिकारी अपने कार्यों द्वारा पूरे प्रशासन में अपना रंग जमा रहा है। |
अंतरपट खुलना | कोई बात याद आ जाना | अच्छा ,अब खुले तुम्हारे अंतर्पट। |
अंग अंग ढीला होना | बहुत थक जाना | आज की दौड़-धूप से मेरा अंग अंग ढीला हो गया। |
अंगारे उगलना/बरसना | बहुत अधिक गर्मी पढ़ना | आज की धूप तो अंगारे उगल(बरस) रही। |
अंगूठा दिखाना | साफ इनकार करना | उसके पास मैं बड़ी उम्मीद से गया, लेकिन उसने मुझे अंगूठा दिखा दिया। |
अंगूठा नचाना | चिढ़ाना | मोहल्ले के बच्चे उस पागल व्यक्ति के लिए अंगूठा नचाते रहते हैं। |
अंग अंग फूले न समाना | बहुत आनंदित होना | उस गरीब मजदूर की लॉटरी लग जाने से उसे लाखों रुपए मिल गए, जिससे वह अंग अंग फूला नहीं समा रहा है। |
अंगारों पर पैर रखना | अपने को खतरे में डालना | सैनिक अंगारों पर पैर रखकर देश की रक्षा करते हैं। |
अंडा फूट जाना | भेद खुल जाना | एक चोर के पकड़े जाने से सभी चोरों का अंडा फूट गया। |
अंदर होना | जेल में बंद होना | कल रामू डकैत अंदर हो गया। |
अंधेरी नगरी | धांधली वाला क्षेत्र | यहां पर तो भ्रष्टाचार होगा ही, क्योंकि यह अंधेरी नगरी है। |
अंधे की लाठी | एकमात्र सहारा | अब तो उस विधवा के लिए उसका पुत्र ही अंधे की लाठी है। |
अंधे के आगे रोना | व्यर्थ का प्रयत्न करना | अरे भाई! उस साहूकार से कर्ज माफी की याचना करना अंधे के आगे रोने के समान है। |
अंधेरे में तीर चलाना | दिशा विहीन प्रयास करना | सत्ता में आने के बाद भी सरकार ने अभी तक कोई विशेष कदम नहीं उठाए,लगता है वह अंधेरे में तीर चला रही है। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
अंगारों पर लोटना | खतरनाक कार्य करना/बहुत कष्ट उठाना | वह इतना कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है कि अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अंगारों पर लोटने जैसा कार्य कर रहा है। |
अपना रंग जमाना | अपनी छाप छोड़ना/प्रभावित करना | यह अधिकारी अपने कार्यों द्वारा पूरे प्रशासन में अपना रंग जमा रहा है। |
अंतरपट खुलना | कोई बात याद आ जाना | अच्छा ,अब खुले तुम्हारे अंतर्पट। |
अंग अंग ढीला होना | बहुत थक जाना | आज की दौड़-धूप से मेरा अंग अंग ढीला हो गया। |
अंगारे उगलना/बरसना | बहुत अधिक गर्मी पढ़ना | आज की धूप तो अंगारे उगल(बरस) रही। |
अंगूठा दिखाना | साफ इनकार करना | उसके पास मैं बड़ी उम्मीद से गया, लेकिन उसने मुझे अंगूठा दिखा दिया। |
अंगूठा नचाना | चिढ़ाना | मोहल्ले के बच्चे उस पागल व्यक्ति के लिए अंगूठा नचाते रहते हैं। |
अंग अंग फूले न समाना | बहुत आनंदित होना | उस गरीब मजदूर की लॉटरी लग जाने से उसे लाखों रुपए मिल गए, जिससे वह अंग अंग फूला नहीं समा रहा है। |
अंगारों पर पैर रखना | अपने को खतरे में डालना | सैनिक अंगारों पर पैर रखकर देश की रक्षा करते हैं। |
अंडा फूट जाना | भेद खुल जाना | एक चोर के पकड़े जाने से सभी चोरों का अंडा फूट गया। |
अंदर होना | जेल में बंद होना | कल रामू डकैत अंदर हो गया। |
अंधेरी नगरी | धांधली वाला क्षेत्र | यहां पर तो भ्रष्टाचार होगा ही, क्योंकि यह अंधेरी नगरी है। |
अंधे की लाठी | एकमात्र सहारा | अब तो उस विधवा के लिए उसका पुत्र ही अंधे की लाठी है। |
अंधे के आगे रोना | व्यर्थ का प्रयत्न करना | अरे भाई! उस साहूकार से कर्ज माफी की याचना करना अंधे के आगे रोने के समान है। |
अंधेरे में तीर चलाना | दिशा विहीन प्रयास करना | सत्ता में आने के बाद भी सरकार ने अभी तक कोई विशेष कदम नहीं उठाए,लगता है वह अंधेरे में तीर चला रही है। |
अंधे के हाथ बटेर लगना | अयोग व्यक्ति को मूल्यवान वस्तु मिल जाना। | यह व्यक्ति नेता बनने योग्य नहीं था लेकिन इसका कोई प्रतिद्वंद्वी ना होने के कारण वह चुनाव जीत गया इसे कहते हैं अंधे के हाथ बटेर लग जाना। |
अंधेरे घर का उजाला | घर का होनहार पुत्र | गोवर्धन दास के गरीब परिवार में यही रमेश ही उनके अंधेरे घर का उजाला है। |
अंधों में काना राजा | मूर्खों के बीच अल्पज्ञ व्यक्ति को योग्य समझा जाना | इस गांव के सभी लोग अनपढ़ है केवल मनीष ही चिट्ठी को पढ़ सकता है इसलिए वह इस गांव में अंधों में काना राजा के समान है। |
अक्ल का दुश्मन (अंधा) | मूर्ख | इतनी सीधी एवं सरल बात तुम्हें समझ में नहीं आ रही, तुम अक्ल के अंधे हो क्या? |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
अगर मगर करना | बहाने बनाना | वह बहुत ही आलसी आदमी है उसे कुछ भी काम दो तो वह अगर-मगर करने लगता है। |
अक्ल के घोड़े दौड़ाना | तरह-तरह के उपाय सोचना | तुम शांत क्यों बैठे हो ?इस समस्या से निकलने के लिए अपनी अक्ल के घोड़े दौड़ाओ। |
अक्ल पर पत्थर पड़ना | बुद्धि भ्रष्ट होना | जब मुसीबत आती है तो कुछ समझ नहीं आता सब की अक्ल पर पत्थर पड़ जातै हैं। |
अंग टूटना | थकावट के कारण शरीर में दर्द होना | दिन भर की भागदौड़ से आज अंक टूट रहे। |
अंगारे उगलना | बहुत अधिक क्रोधित होना | अरे!जरा सी बात पर शर्मा जी अंगारे उगलने लगे। |
अंगूर खट्टे होना | प्राप्त ना हो सकने वाली वस्तु को रद्दी बताना | रमेश को नौकरी नहीं मिली तो वह कहीं लगा नौकर बन कर क्या करेंगे? यह तो वैसे ही बात हुई कि लोमड़ी को अंगूर प्राप्त न होने पर अंगूर को खट्टे कहना। |
अठखेलियां सूचना | मनोविनोद करना | अरे मैं संकट में फंसा हुआ हूं और तुम्हें अठखेलियां सूझ रही हैैं। |
अपना उल्लू सीधा करना | केवल अपना स्वार्थ देखना | आजकल के राजनेताओं को देश-सेवा से कुछ लेना देना नहीं होता है वे तो केवल अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं। |
अंधेरे में रखना | भेद छिपाना | मुझे इस संदर्भ में कुछ नहीं बताया गया, मुझे सदैव अंधेरे में रखा है |
अपनी खिचड़ी अलग पकाना | सभी लोगों से अलग सोच विचार रखना। | सभी लोग यहां पर स्कूल बनाने के लिए सहमत थे लेकिन रमेश बाबू के मन में अलग ही खिचड़ी पक रही थी। |
अढ़ाई दिन की बादशाहत | थोड़े दिन की सौगात | अरे ,मेहमानों के लिए अढ़ाई दिनों की बातशाहत की जा रही है सब दिन के लिए थोड़ी ना। |
अन्य जल उठ जाना | किसी स्थान को छोड़कर चले जाना | मेरा दूसरे शहर में स्थानांतरण हो रहा है , अब यह समझो कि मेरा यहां से अन्य जल उठ गया है। |
अन्य न लगना | पौष्टिक खाना खाकर भी मोटा ना होना | यह अच्छे से अच्छा खाना खाता है लेकिन फिर भी इसे अन्य नहीं लगता। |
अपनी कब्र स्वयं खोदना | स्वयं के लिए मुसीबत पैदा करना | अरे मित्र! तुम उस डाकू से पंगा लेकर स्वयं की कब्र खोदोगे क्या? |
अपने पैरों पर खड़े होना | आत्मनिर्भर बनना | अपने पैरों पर खड़े होने के लिए कोई ना कोई व्यवसाय या धंधा करना जरूरी होता है। |
अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना | अपनी तारीफ खुद करना | आनंद तो तब आता है जब दूसरे लोग बढ़ई करें अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने से क्या फायदा! |
अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारना | स्वयं अपना अहित करना | तुमने अपने एटीएम का पासवर्ड उसे बता कर अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारी है। |
आंखों का कांटा होना | दुश्मन होना | जब से उसने मेरे भाई को मारा है वह मेरी आंखों का कांटा बन गया है। |
आंखों का तारा | बहुत प्यारा होना | हर मां के लिए उसका पुत्र आंखों का तारा होता है। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
आंख दिखाना | गुस्सा करना या धमकाना | प्रद्युम्न सर सदैव आंख दिखाते रहते हैं। |
आंख खुलना | होश आना/भ्रम दूर होना | जब सब कुछ तबाह हो गया, तब जाकर उसकी आंख खुली। इस घटना के बाद से उसके प्रति मेरी आंखें खुल गईं हैं। जब अंग्रेजों ने बंगाल पर कब्जा कर लिया तब भारतीय शासकों की आंखें खुली। |
आंखें चार होना | प्यार होना | नायक और नायिका ने जब पहली बार एक-दूसरे को देखा तभी उनकी आंखें चार हो गई। |
आंख चुराना/आंखें फेर लेना | साथ छोड़ देना/अनदेखा करना | मित्र को मुसीबत में पढ़ा देखकर सच्चे मित्र आंखें नहीं चुराते। |
आंखें बंद कर लेना | अनदेखा करना | जब विदेशी कंपनी भारत के उद्योगों पर कब्जा जमा रहेगी तब हमारी शासक आंखें बंद किए बैठे थे। |
आंखें फाड़कर देखना | गौर से देखना | सभी लोग सर्कस का खेल आंखें फाड़कर देख रहे थे। |
आंखों पर पर्दा पड़ जाना | भला बुरा ना समझना | उसने तो कुछ नहीं बोला उसकी आंखों में पर्दा पड़ गया है। |
आंखों का काजल | अत्यंत प्रिय | नवविवाहित रमेश अपनी पत्नी को आंखों का काजल बना कर रखता है। |
आंख मारना | इशारा करना | उसने मुझे आंख मार कर बता दिया था कि तुम कुछ मत बोलना। |
आंख लगना | झपकी आना | रात भर जगने की कारण सुबह 7:00 बजे मेरी आंख लग गई। |
आंख का पानी मरना | बेशर्म हो जाना | अपने रिश्तेदारों से वह हमेशा पैसा मागता रहता है लगता है उसकी आंखो का पानी मर गया है। |
नजरों से गिरना | सम्मान नष्ट हो जाना | नकल करने वाला छात्र शिक्षक की नजरों से गिर जाता है । |
आधी के आम | अनायास किसी वस्तु का मिल जाना | रमेश की शादी होने से उसे आंधी के आम की भांति संपत्ति मिल गई l amazon में ऑफर चलने के कारण आंधी के आम की भांति बहुत ही सस्ते दामों पर किताबें प्राप्त हो गई। |
आंच ना आने देना | तनिक भी कष्ट ना होने देना | आप निश्चिंत रहिए आपके बेटे को आज भी नहीं आएगी। |
आंसू पीकर रह जाना | चुपचाप दुख सहना | मैं अनेकों बार आंसू पीकर इसलिए जीवित रही, ताकि घर में शांति बनी रहे। |
आकाश के तारे तोड़ना | असंभव कार्य करना | उसी काबिलियत पर शक ना करना ,यदि वह ठान ले तो आकाश के तारे भी तोड़ कर ला सकता है। |
आकाश पाताल एक करना | बहुत ज्यादा परिश्रम करना | सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता के लिए आकाश पाताल एक करना पड़ता है। |
आग बबूला हो जाना | अत्यधिक क्रोधित हो जाना | बेटी को शराब पीते देख पिता आग बबूला हो गया। |
आंखों में धूल झोंकना | प्रत्यक्ष रूप से धोखा देना | उस दुकानदार ने मेरी आंखों में धूल झोंक कर मुझे लूट लिया। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
आंखें गढ़ जाना | प्राप्त करने की इच्छा होना/बुरा लगना | इस शिल्पी द्वारा बनाई गई मूर्ति मेरी आंखों में गढ़ गई। / उसकी प्रकृति देखकर उसके मित्र की आंखें गढ़ गई। |
आग में घी डालना | क्रोध को और ज्यादा बढ़ाना | पिताजी पहले से ही नाराज थे तुम्हारी शिकायत ने तो आग में घी डाल दिया। |
आगे पीछे फिरना | चापलूसी करना | बहुत से लोग नेताजी के आगे पीछे फिरते रहते हैं। |
आटे में नमक | बहुत कम मात्रा | तुम व्यर्थ में ही श्याम की बुराई करते हो यदि तुम उसकी अच्छाइयों देखोगे तो बुराइयां आटे में नमक जैसी लगेंगी। |
आठ आठ आंसू रोना | पश्चाताप के रूप में बहुत ज्यादा रोना | क्रोध के आवेश में आकर रमेश में अपने बेटे को घर से निकाल तो दिया मगर ,अब आठ आठ आंसू रो रहा। |
आंसू पोछना | धैर्य बंधाना | मुसीबत में बेचारे के आंसू पहुंचने वाला भी कोई नहीं था |
आंख पर तेल छिड़कना | और अधिक भड़काना | रमेश हमेशा ऐसी बातें करते हैं जो आग में तेल छिड़कने का काम करती हैं। |
आंख में पानी डालना | झगड़ा खत्म करवाना | झगड़ा सुलझाने के लिए रमेश के पास चलो ,क्योंकि रमेश आग में पानी डालने वाली बातें करके झगड़ा सुलझा देता है। |
आग में कूदना | जान जोखिम में डालना | रमेश वास्तविक हीरो है क्योंकि वह स्वयं आग में कूदकर दूसरों की सहायता करता है। |
आग लगने पर कुआं खोदना | पहले से कोई उपाय करके न रखना | परीक्षा आने वाली है पहले (अभी) से पढ़ाई शुरू कर दो, वरना आग लगने पर कुआं खोदने से कोई लाभ नहीं होता। |
आस्तीन का सांप | धोखा देने वाला साथी | हमें अनजान लोगों पर पूर्ण विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि वे आस्तीन के सांप की भांति होते हैं। |
हाथ लगाकर तमाशा देखना | झगड़ा करवा करके प्रसन्न होना | वह बहुत बुरा आदमी है,आग लगाकर तमाशा देखता। |
आवाज उठाना | विरोध प्रकट करना | रेल टिकट में बढ़ोतरी होने पर यात्रियों ने आवाज उठाई। |
आसमान पर चढ़ा देना | बहुत तारीफ करना | रमेश ने अपने व्याख्यान द्वारा सुरेश को आसमान पर चढ़ा दिया। |
इशारों पर नाचना | संकेतों के अनुसार आज्ञा का पालन करना | स्वामी भक्त नौकर अपने मालिक इशारों पर नाचते हैं। |
ईट से ईट बजाना | शत्रु का डटकर सामना करके ,उसका समूल नाश कर देना | कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा दी। |
ईट का जवाब पत्थर से देना | किसी के विरोध का कड़ा प्रतिरोध करना | गलत लोगों को सुधारने के लिए ईद का जवाब पत्थर से देना होगा। |
ईद का चांद होना | बहुत दिनों बाद दिखाई देना | अरे !तुम तो ईद के चांद हो गए दिखाई ही नहीं देते। |
उंगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना | थोड़ा सा सहारा पाकर पूरा अधिकार कर लेना | उस गरीब व्यक्ति को रहने के लिए एक कमरा दे दिया था लेकिन अब वह पूरे घर पर अपना अधिकार बता रहा है यह वही बात हुई कि उंगली पकड़ते ही पहुंचा पकड़ना। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
उंगली पर नचाना | इच्छा अनुसार कार्य करवाना | रमेश का बड़ा भाई रमेश को अपनी उंगलियों पर नचाता रहता है। |
उंगली उठाना | निंदा करना या लाल्छन लगाना | रमेश इतना नेक व्यक्ति है कि आज तक उस पर किसी ने उंगली नहीं उठाई। |
उड़ती चिड़िया पहचानना | बहुत अनुभवी होना | सुरेश बहुत ही माहिर आदमी है वह उल्टी चिड़िया को ही पहचान सकता है। |
उगल देना | भेद खुल देना | पुलिस की पिटाई के बाद अपराधी ने सारी बात उगल दी। |
उल्लू बनाना | मूर्ख बनाना | पढ़ने के लिए विदेश जाकर वहां मनोरंजन करना माता-पिता को उल्लू बनाने जैसा है। |
एक और एक ग्यारह होना | संगठन में शक्ति होना | एक और एक ग्यारह होकर असंभव कार्य को भी संभव किया जा सकता है |
एक हाथ तभी न बजना | केवल एक पक्ष दोषी ना होना | इस झगड़े में तुम्हारे भाई का भी कोई ना कोई तस्वीर जरूर होगा क्योंकि एक हाथ ताली नहीं बजती है। |
एड़ी चोटी का जोर लगाना | भरपूर प्रयत्न करना | नौकरी पाने के लिए छात्र छात्राएं एड़ी चोटी का जोर लगा देती हैं। |
एक आंख से देखना | सबको बराबर समझना | माता-पिता सभी बच्चों को एक आंख से देखते हैं। |
एक ही थैली के चट्टे बट्टे | एक जैसे चरित्र एवं विचार वाले लोग | रमेश और सुरेश एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। |
एड़ियां रगड़ना | बहुत दौर धूप करना | रमेश मार्कशीट में अपने नाम सुधरवाने के लिए रोजाना एड़ियां रगड़ता फिरता है। |
एक पंथ दो काज | एक कार्य के साथ दूसरा कार्य भी कर लेना | रमेश दिल्ली जाकर अपने रिश्तेदारों से भी मिल लिया और लाल किला भी देख आया इसे कहते हैं एक पंथ दो काज। |
ओखली में सिर रखना | जानबूझकर मुसीबत मोल लेना | हाथ से बड़ा पटाखा फोड़ना ओखली में सिर रखने के समान है। |
कच्चा चिट्ठा खोलना | गढ़ी बातों का रहस्य खोलना | मुझे अभी के अभी पूरे पैसे चाहिए नहीं तो मैं सभी का कच्चा चिट्ठा खोल दूंगा। |
कटे पर नमक छिड़कना | दुखी को और दुखी करना | पहले से ही दुखी था इसके बावजूद है कटे पर नमक छिड़क कर मुझे और लिख कर रहा था। |
गरीबी में गीला आटा | विपरीत परिस्थिति में और अधिक समस्याएं आ जाना | ओह!मेरे पास लिखने के लिए टाइम भी नहीं था और अब पेन की स्याही खत्म हो गई, गरीबी में गीला आटा होता है। |
कंठ का हर होना | बहुत प्रिय होना | प्रत्येक माता के लिए उसका बेटा कंठ का हार होता है। |
कंचन बरसना | बहुत अधिक लाभ हो जान | फसल अच्छी होने से उनके घर में कंचन बरस रहे हैं। |
कंधे से कंधा मिलाना | एक दूसरे को समर्थन देना | दोनों पार्टी की राजनेताओं ने कंधे से कंधा मिला लिया। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
कलेजा ठंडा होना | मन को शांति मिलना | सैनिक के घर लौटने पर उसकी मां का कलेजा ठंडा हो गया। |
कांटा दूर होना | रास्ते की बाधा समाप्त हो जाना | अधिकारी के तबादले से मेरे रास्ते का कांटा दूर हो गया। |
कांटों पर लोटना | बैचेन होना | जब तक पिताजी नहीं आए तब तक मैं कांटो पर लोटता रहा। |
कफन सिर पर बांधने | युद्ध के लिए मरने को भी तैयार रहना | सैनिक कफन सिर पर बांधकर युद्ध को जाते हैं। |
कमर कसना | किसी विशेष कार्य के लिए तैयार होना | चलो पहलवान आ रहा है कुश्ती के लिए कमर कस लो। |
कलेजा फटना | असहनीय दुख होना | अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनकर मां का कलेजा फट गया। |
काठ का उल्लू | महामूर्ख | उसे कोई नहीं समझा सकता हूं बस काट का उल्लू है। |
कान पर जूं तक न रेंगना | बहुत समझाने के बाद कुछ समझ ना आना | मैंने उसे बहुत समझाया लेकिन उसके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। |
कान में फूंकना/भरना | चुपके से कुछ कह देना | मेरा दोस्त है मेरे को भी सर के कान भरा दिया है इसीलिए उन्होंने मेरा सिलेक्शन नहीं किया। |
कलेजे का टुकड़ा | अत्यधिक प्रिय | मां के लिए बेटा कलेजे का टुकड़ा होता है। |
कलेजे पर पत्थर रखना | मुश्किल घड़ी में धीरज बांधना | इकलौते बेटे की मृत्यु की बात मां-बाप को कलेजे पर पत्थर रखकर जीना पड़ता है। |
कांटे बिछाना | मुसीबत खड़ी करना | दुर्योधन ने पांडवों के लिए पग पग-पर कांटे बिछाए लेकिन पांडव सभी मुझे मुसीबतें सहर्ष से पार कर गए। |
कागजी घोड़ा दौड़ाना | केवल लिखा पढ़ी करना | सरकारी योजनाओं के नाम पर केवल कागजी घोड़ा दौड़ाए जा रहे हैं वास्तविक लाभ नहीं दिया जा रहा है। |
कालिख पोतना | बदनाम करना | चोरी करके बेटे ने अपने पिता की इज्जत पर कालिख पोत दी। |
कायापलट जाना | पहले की तुलना में स्वरूप काफी ज्यादा बदल जाना | इस सरपंच ने 5 वर्ष में ही गांव की कायापलट कर दी। |
कान खाना | बहुत अधिक शोर करना | बच्चों! चुप हो जाओ। अब खाना खाओ |
कान में तेल डालना | ध्यान ना देना/ध्यान से ना सुनना | जब मैं बात कर रहा था तो तब कान में तेल डालकर बैठे थे क्या? |
काम तमाम कर देना | मार डालना | रमेश ने गोली से सुरेश का काम तमाम कर दिया। |
कीचड़ उछालना | निंदा करना /लाल्छन लगाना | कुछ लोग दूसरों के चरित्र पर कीचड़ उछालते रहते हैं। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
कुत्ते की मौत | बुरी तरह से मारना | वह हत्यारा कुत्ते की मौत मरा किसी ने पानी तक का नहीं पूछा। |
कोल्हू का बैल | बिना समझे सोचे लगातार काम में लगे रहना | शर्मा जी की जिंदगी पर तरस आता है ,कोल्हू के बैल की तरह दिन रात काम में ही लगे रहते हैं। |
कूच करना | चले जाना | 1947 में अंग्रेज भारत से कूच कर गए। |
खरी खोटी सुनाना | बुरा भला सुनाना | मोहल्ले में एक आंटी दूसरी आंटी को खूब खरी-खोटी सुनाई। |
राख में मिल जाना | नष्ट हो जाना | यह शरीर नश्वर है मृत्यु के बाद रात में मिल जाएगा। |
खाला का घर | आसान काम, मनमर्जी करना | एमएससी पास करना खाला का घर नहीं है कि पेपर दिए और पास हो गए। स्कूल में कोई अनुशासन ही नहीं है। बच्चों ने इस स्कूल को खाला का घर समझ के रखा है जब आते हैं जब चाहे आते हैं जब चाहे जाते हैं। |
खिचड़ी पकाना | गुप्त रूप से आपसी योजना बनाना | अरे, मुझे यह बताओ तुम्हारे और मनीष के बीच क्या खिचड़ी पक रही? |
खिल्ली उड़ाना | हंसी उड़ाना | वर्तमान के बच्चे पंडित जी की खिल्ली उड़ाते रहते हैं। |
खून का घूंट पीना | गुस्सा को सहन कर जाना | मुझे रमेश के ऊपर गुस्सा तो बहुत आई थी लेकिन मैं सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए खून का घूंट पीकर रह गया। |
खून खौलना | जोश आना | सर का प्रेरणादाई में भाषण सुनकर कुछ अच्छा कर दिखाने के लिए सभी विद्यार्थियों का खून खौलने लगता। |
गड़े मुर्दे उखाड़ना | पुरानी बातों को उठाना | गड़े मुर्दे उखाड़ने से वाद विवाद कम होने की बजाय और बढ़ता है। |
गर्दन झुकाना | लज्जित होना/ समर्पण करना | पुत्र के काले कारनामे को सुनकर पिता की गर्दन झुक गई। |
गागर में सागर भरना | कम शब्दों में अधिक बात कह जाना | महाकवि बिहारी जी ने अपने साहित्य में गागर में सागर भरने का कार्य किया है। |
गिरगिट की तरह रंग बदलना | विचारों में जल्दी-जल्दी परिवर्तन लाना | उस व्यक्ति का कोई अपना एक सिद्धांत नहीं है, वह सदैव गिरगिट की तरह रंग बदलता रहता हैं। |
गुड गोबर होना | काम बिगड़ जाना | जैसे तैसे मैं केश जितने ही वाला था, लेकिन समय पर गवाह ना आने पर सब गुड गोबर हो गया। |
गुड़िया का खेल | आसान काम | आईएएस की परीक्षा पास करना कोई गुड़िया का खेल नहीं है। |
गुदड़ी का लाल | निर्धन परिवार में जन्म लेने वाला गुणी व्यक्ति | लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री पद प्राप्त करके यह सिद्ध कर दिया कि वे गुदड़ी के लाल हैं। |
गेहूं के साथ घुन पिसना | बुरे के साथ बच्चों को सजा मिलना | उसके पापा हत्यारे जिसके कारण पापा के साथ साथ पूरे परिवार को भी सजा मिली, इसे कहते हैं गेहूं के साथ घुन पिसना। |
गुल खिलाना | नया नाटक करना | यह तो पहले से ही लगता था कि वह अपराधी जेल में रहकर भी अपने गुल खिलाएगा। |
गुलछर्रे उड़ाना | फिजूल का खर्च करके मौज करना | रोहन अपने पिता के पैसों पर गुलछडी उड़ा रहा है। |
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
घाट घाट का पानी पीना | तरह तरह का अनुभव होना | रमेश बहुत अनुभवी व्यक्ति है वह घाट घाट का पानी पी चुका है। |
घड़ियां गिनना | बैचेनी से प्रतीक्षा करना | अब तो ,सोहन के पिताजी मौत की घड़ियां गिन रहे। |
घर का ना घाट का | कहीं का नहीं | वरना तो खेती बाड़ी का काम करता रहा है और ना ही उसे नौकरी मिली, वह ना तो घर का रहा ना ही घाट का। |
घर में ही गंगा बहना | अच्छी चीज पास में ही मिल जाना | अरे भाई! तुम्हारे घर में तो 88 वैसे ही दूध की कमी नहीं है तुम्हारे घर में तो गंगा बहती है। |
घुटने टेक देना | पराजय स्वीकार कर लेना | औरंगजेब के सामने दारा शिकोह ने घुटने टेक दिए थे। |
घोड़े बेच कर सो जाना | निश्चिंत होना | परीक्षा समाप्ति के बाद अक्सर विद्यार्थी कुछ दिनों के लिए घोड़े बेच कर सो जाते हैं। |
घाव हरा करना | पुराने दुख को ताजा करना | तुम पुरानी बात याद दिला कर , घाव को हरा मत करो। |
घी के दीपक जलना | सब आनंद मंगल होना | शर्मा जी के पुत्र की नौकरी लग जाने से उनके घर में घी के दिए जलने लगे हैं। |
चकमा देना | धोखा देना | खतरनाक डाकू, पुलिस को चकमा देकर भाग गया। |
चंपत हो जाना | गायब होना | पुलिस की गाड़ी आते देख चोर चंपत हो गए। |
चांद पर थूकना | निर्दोष पर दोष लगाना | महात्मा गांधी के चरित्र पर लांल्छन लगाना ढूंढने के समान है। |
चादर से बाहर पैर पसारना | आमदनी कम होने पर भी अधिक खर्च करना | चादर से बाहर पैर पसार होगी तो कर्ज तो होगा ही। |
चार चांद लगना | शोभा में बढ़ोतरी होना | तुम्हारे आ जाने से हमारे घर में चार चांद लग गए। |
चप्पा चप्पा छान मानना | जगह जगह ढूंढ लेना | मैंने घर का चप्पा चप्पा छान मारा लेकिन घड़ी नहीं मिली। |
चांदी का जूता मारना | धन का लालच देना | वर्तमान कर प्रशासन इतना भ्रष्ट है कि चांदी का जूता मारने से हर काम हो जाता है। |
चींटी की चाल | बहुत धीमी गति से चलना | तुम इतनी देर में क्यों पहुंचे चींटी की चाल चल रही थी क्या? |
चूड़ियां पहनना | कायर होना | उन्होंने तुम्हारे भाई को मारा और तुम चूड़ियां पहनकर बैठे रहे। |
चिराग तले अंधेरा | स्वयं की बुराई दिखाई ना दे | रमेश सभी बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहा है लेकिन उसका बच्चा ही सबसे बड़ा उपद्रवी है यह तो चिराग तले अंधेरे जैसी बात हो गई। |
चुल्लू भर पानी में डूब मरना | अत्यधिक लज्जित होना | तुम्हें इतना पढ़ा लिखाया गया इसके बावजूद फेल हो गई जाओ चुल्लू भर पानी में डूब मरो। |
[मुहावरा एवं कहावतें- 02]