भारत में उद्योग क्षेत्र के मुद्दे
भारत में उद्योग क्षेत्र के मुद्दे उद्योगीकरण भारत में औद्योगीकरण का ऐतिहासिक स्वरूप आर्थिक सुधार औद्योगिक नीति-1948 औद्योगिक नीति 1956 औद्योगिक नीति 1980 औद्योगिक नीति 1991 उदारीकरण को बढ़ावा देने के लिए निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए वैश्वीकरण को बढ़ावा देने के लिए उदारीकरण ,निजीकरण,वैश्वीकरण आर्थिक सुधार के प्रभाव सकारात्मक प्रभाव नकारात्मक प्रभाव भारत में आर्थिक सुधारों की आवश्यकता या उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे या समस्या पर्याप्त कच्चे माल की उपलब्धता की समस्या-: कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ाने के उपाय-: उद्योगों में नवीनतम तकनीकों की अभाव की समस्या भारत मैं उद्योगिक तकनीकी के विकास के उपाय-: कुशल श्रमिकों का अभाव भारत में अकुशल जनसंख्या के कारण कुशल श्रमिकों की उपलब्धता निवेश की कमी भारत में निवेश कम होने के कारण निवेश को बढ़ाने के उपाय अधोसंरचना में कमी-: इसके लिए भारत सरकार द्वारा निर्णय प्रयास किए गए विदेशी उत्पादों की प्रतिस्पर्धा समाधान उद्योगों से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या औद्योगिक रुग्णता-: औद्योगिक रुग्णता के कारण औद्योगिक रुग्णता के परिणाम औद्योगिक रुग्णता से बचने के उपाय MSME(लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग)-: ; सूक्ष्म उद्योग लघु उद्योग मध्यम उद्योग सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों का महत्व एमएसएमई की समस्याएं-: सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल-: भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना स्किल इंडिया योजना स्टार्टअप इंडिया स्टैंड अप इंडिया उद्योगों का स्थानीयकरण उद्योगों की स्थानीयकरण के कारण भारत में सार्वजनिक उपक्रम सार्वजनिक उपक्रम का महत्व या आवश्यकता सार्वजनिक उपक्रमों के प्रकार विभागीय संगठन सांविधिक निगम सरकारी कंपनियां सरकारी कंपनियों के प्रकार मिनीरत्न कंपनी नवरत्न कंपनी महारत्न कंपनी कंपनी अधिनियम 2013 इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान-: शेल कंपनियां
