[मुहावरा एवं कहावतें- 03]

[मुहावरा एवं कहावतें- 03]मुहावराअर्थवाक्य प्रयोगसांप छछूंदर की गति होनाअसमंजस की स्थिति में होनामैं किसकी सहायता करूं किसकी ना करूं समझ ही नहीं आ रहा, मेरी तो सांप छछूंदर की गति हो गई। सिट्टी पिट्टी गुम हो जानाहोश उड़ जानाजब उच्च अधिकारी ने आंख दिखाई तो तहसीलदार की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई।सिर पर खून सवार होनामरने…

[मुहावरा एवं कहावतें- 02]

[मुहावरा एवं कहावतें- 02]मुहावराअर्थवाक्य प्रयोगचूना लगानाधोखा देनादुकानदार ने गंदी गुणवत्ता की दाल देकर, हमें चूना लगाया है। छक्के छूटनाकुछ भी याद ना रहनास्टेज पर जाते ही छक्के छूट गए। छठी का दूध याद दिलानाबहुत कष्ट देनायदि कल तुम खेलने गए तो इतना पीटूंगा कि छठी का दूध याद आ जायेगा। छाती पर पत्थर रखनासंयम रखनामैं छाती पर पत्थर…

मुहावरा एवं कहावतें- 01

[मुहावरा एवं कहावतें]
हिंदी में मुहावरे का अर्थ-
मुहावरे की विशेषताएं
मुहावरों का महत्व
कहावतें:-
लोकोक्ति की विशेषताएं
मुहावरे एवं लोकोक्तियां में समानताएं
मुहावरे एवं लोकोक्तियां में असमानताएं
कहावतों का महत्व
[प्रमुख मुहावरे एवं उनके प्रयोग

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मुहावरा एवं कहावतें/muhavre avm lokokti

[मुहावरा एवं कहावतें] हिंदी में मुहावरे का अर्थ- मुहावरे की विशेषताएं मुहावरों का महत्व कहावतें:- लोकोक्ति की विशेषताएं मुहावरे एवं लोकोक्तियां में समानताएं मुहावरे एवं लोकोक्तियां में असमानताएं कहावतों का महत्व [प्रमुख मुहावरे एवं उनके प्रयोग

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उपसर्ग एवं प्रत्यय- upsarg, pratyay

[उपसर्ग एवं प्रत्यय] उपसर्ग-: उपसर्ग के प्रयोग से मूल शब्द से तीन प्रकार के शब्द बनते हैं उपसर्ग की पहचान प्रमुख उपसर्ग .)संस्कृत उपसर्ग 2)हिंदी उपसर्ग–: प्रत्यय प्रत्यय के प्रकार-: कृत प्रत्यय तद्धित प्रत्यय:-

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अलंकार/alankar

[अलंकार] अलंकार के भेद-: शब्दालंकार-: शब्दालंकार के भेद-: अर्थालंकार-: अर्थालंकार के भेद-: उभयालंकार-: शब्दालंकार के भेद-: अनुप्रास अलंकार-: छेकानुप्रास-: वृत्यानुप्रास-: लाटानुप्रास-: श्रुत्यानुप्रास-: अन्त्यानुप्रास-: यमक अलंकार-: श्लेष अलंकार-: अर्थालंकार-: उपमा अलंकार-: रूपक अलंकार-: उत्प्रेक्षा अलंकार-: उपमा अलंकार और रूपक अलंकार में अंतर

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समास

[ समास] समाज के पद पूर्व पद-: उत्तर पद-: सामासिक पद-: समास विग्रह-: संधि और समास में अंतर समाज की विशेषताएं -: समास के प्रकार-: अव्ययीभाव समास-: विशेषताएं-: प्रधान/अव्यय पद सामासिक पद समास विग्रह समास का नाम तत्पुरुष समास-: विशेषताएं तत्पुरुष समास के भेद कर्म तत्पुरुष समास-: करण तत्पुरुष समास-: संप्रदान तत्पुरुष समास-: अपादान तत्पुरुष समास-: संबंध तत्पुरुष समास-: अधिकरण तत्पुरुष समास-: Note -: नञ् तत्पुरुष समास – : कर्मधारय समास-: विशेषताएं-: कर्मधारय समास-: द्वंद्व समास-: द्वंद्व समास की विशेषताएं-: बहुव्रीहि समास-: विशेषताएं-: कर्मधारय समास और बहुव्रीहि समास में अंतर-: द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर-: द्विगु समास और कर्मधारय समास में अंतर-:

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मध्य प्रदेश के साहित्यकार

मध्यप्रदेश में साहित्य साहित्य-: काव्य-: काव्य के भेद-: मध्यप्रदेश में साहित्य एवं साहित्यकार प्राचीन साहित्यकार-: महाकवि कालिदास-: उनकी प्रमुख रचनाएं-: महाकाव्य-: खंडकाव्य-: नाटक-: कवि भतृहरि-: उनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित-: भवभूति-: बाणभट्ट-: उनकी रचनाएं-: [मध्यकालीन साहित्यकार] केशवदास-: उनकी प्रसिद्ध रचनाएं-: भूषण-: उनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं-: पद्माकर-: उनकी प्रमुख रचनाएं-: राजा भोज-: उनकी रचनाएं निम्नलिखित हैं- [मध्यप्रदेश के आधुनिक साहित्यकार] पंडित माखनलाल चतुर्वेदी-: उनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं- सुभद्रा कुमारी चौहान-: उनकी प्रमुख रचनाएं-: गजानन माधव मुक्तिबोध-: बालकृष्ण शर्मा नवीन-: उनकी रचनाएं-: पंडित हरिशंकर परसाई-: प्रमुख रचनाएं-: शरद जोशी-: उनकी रचनाएं-: मुल्लाह रामोजी-: शिवमंगल सिंह सुमन-: उनकी प्रमुख रचनाएं हैं-: भवानी प्रसाद मिश्र-: कवि प्रदीप-: कवि प्रदीप की प्रमुख रचनाएं -: प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित-: [मध्य प्रदेश के लोक साहित्यकार] महाकवि जगनिक-: ईसुरी-: घाघ दुबे-: [लोक साहित्य] लोक साहित्य की विशेषताएं-: