मेमोरी एवं स्टोरेज डिवाइस
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मेमोरी, कंप्यूटर की याददाश्त क्षमता होती है, जिसके द्वारा वह डाटा, प्रोग्राम एवं सूचना को स्टोर करके रख पाता है।
कंप्यूटर में डाटा, प्रोग्राम एवं सूचना को स्टोर या स्मरण रखने की क्षमता मेमोरी कहलाती है।
मेमोरी में सभी प्रकार का डाटा बायनरी संख्याओं(बिट) के रूप में ही भंडारित होता है।
मेमोरी कंप्यूटर का अभिन्न अंग होती है क्योंकि कंप्यूटर का सीपीयू मेमोरी से ही रॉ डाटा प्राप्त करके, उसे प्रोसेस करता है और प्रोसेस डाटा को पुनः मेमोरी में स्टोर करता है।
मेमोरी के प्रकार-:
कंप्यूटर की मेमोरी मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
प्राइमरी मेमोरी
सेकेंडरी मेमोरी
प्राइमरी मेमोरी-:
प्राइमरी मेमोरी, कंप्यूटर की आंतरिक कार्यशील मेमोरी होती है जिसका उपयोग कार्यशील(running) प्रोग्राम के इनपुट एवं आउटपुट डेटा को स्टोर रखने में किया जाता है। अतःइसे कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी भी कहा जाता है।
प्राइमरी मेमोरी की विशेषताएं-:
यह मेमोरी सीपीयू का ही भाग होती है,
यह मेमोरी केवल किसी प्रोग्राम को चलाते समय ही, उससे संबंधित डाटा को स्टोर करती है।
इस मेमोरी की भंडारण क्षमता सीमित होती है, किंतु इस मेमोरी की गति बहुत तेज होती है।
प्राइमरी मेमोरी को मुख्यत: तीन भागों में बांटा गया है-:
रैंडम एक्सेस मेमोरी(RAM)।
रीड ओनली मेमोरी(ROM)।
कैश मेमोरी (cache memory)
Random access memory-:
रेंडम एक्सेस मेमोरी वह मेमोरी होती है, जिसका उपयोग कंप्यूटर के किसी भी प्रोग्राम को एक्सेस करते समय उपयोग होने वाले (इनपुट एवं आउटपुट) डेटा को कुछ समय के लिए स्टोर करने के लिए किया जाता है।
रैम एक वालेटाइल(अस्थाई) मेमोरी है अर्थात विद्युत सप्लाई बंद होने पर इसकी समस्त सूचनाएं नष्ट हो जाती है।
RAM के प्रकार-:
डायनेमिक रैम-: इस मेमोरी का डाटा गतिशील एवं एडिटेबल होता है जो बार-बार रिफ्रेश होता रहता हैं।
स्टेटिक रैम-: इस मैमोरी का डाटा स्टैटिक रहता है और तब तक उसी रूप में बना रहता है जब तक कि उसमें पुनः परिवर्तन ना किया गया हो।
इसके अतिरिक्त ram के कुछ नए वर्जन भी आए हैं-
DDR2
DDR3
DDR4
Read only memory-:
रीड ओनली मेमोरी कंप्यूटर सिस्टम के पूर्व निर्धारित प्रोग्राम को स्टोर करने वाली मेमोरी है। जिसके डाटा को उपयोगकर्ता द्वारा परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
यह एक प्रकार की नॉन वोलेटाइल(स्थाई) मेमोरी है अर्थात विद्युत की सप्लाई बंद होने पर भी इसकी समस्त सूचनाएं नष्ट नहीं होती हैं।
ROM के प्रकार-:
प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी(PROM)-: ऐसी रोम मैमोरी, जिसके प्रोग्राम में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
एरेजिबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी(EPROM)-: ऐसी रोम मैमोरी, जिसके प्रोग्राम में परिवर्तन किया जा सकता।
Note-: रोम और रैम में प्रमुख अंतर यह होता है कि रैम के डेटा को एडिट किया जा सकता है किंतु रोम कि डाटा को सिर्फ पढ़ा जा सकता है एडिट नहीं किया जा सकता है।
Cache memory-:
यह सीपीयू एवं प्राइमरी मेमोरी के मध्य डाटा का आदान-प्रदान करने वाली तीव्र गति की मैमोरी है। जो उन प्रोग्राम एवं निर्देशों को स्टोर कर लेती है जिनका उपयोगकर्ता द्वारा बार-बार उपयोग किया जाता है, अतः इसके प्रयोग से कंप्यूटर का एक्सेस टाइम कम हो जाता है।
सेकेंडरी मेमोरी
यह कंप्यूटर की सहायक व स्थाई मेमोरी होती है जिसमें लंबे समय के लिए डाटा, सूचना एवं प्रोग्राम को को स्थाई रूप से स्टोर किया जाता है।
सेकेंडरी मेमोरी की विशेषताएं-:
यह मेमोरी सीपीयू का भाग नहीं होती बल्कि कंप्यूटर की बाहरी मेमोरी होती है।
इसका उपयोग ऐसी सूचनाओं को स्टोर करने के लिए किया जाता है जिन की आवश्यकता बार-बार नहीं पड़ती।
सेकेंडरी मेमोरी के डाटा का उपयोग प्राथमिक मेमोरी द्वारा प्रोग्राम चलाते समय किया जाता है।
इस मेमोरी की भंडारण क्षमता अपेक्षाकृत अधिक होती है किंतु गति बहुत धीमी होती है।
प्रमुख सेकेंडरी मेमोरी है-:
हार्ड डिस्क ड्राइव
फ्लॉपी डिस्क
सॉलिड स्टेट ड्राइव
पेनड्राइव, मेमोरी कार्ड।
मेमोरी को मापने की यूनिट-:
मेमोरी में सभी प्रकार का डाटा बायनरी संख्या (बिट) के रूप में ही भंडारित होता है। अर्थात ‘बिट’ मेमोरी की सबसे छोटी इकाई होती है। जिसमें 0,1 डिजिट होते हैं।
और 4 बिट के समूह को निबल (nibble) कहते हैं
और दो निबल अर्थात 8 बिट के समूह को बाइट कहते हैं जो किसी एक कैरेक्टर(अक्षर) को निरूपित करता है।
अतः मेमोरी को मापने की इकाई ‘बाइट’ है
1024 बाइट के समूह को एक किलोबाइट कहते हैं।
1024 किलोबाइट को 1 मेगाबाइट कहते हैं।
1024 मेगा बाइट को 1 गीगाबाइट कहते हैं।
1024 गीगाबाइट को 1 टेराबाइट कहते हैं।
1024 टेराबाइट को 1 पेटाबाइट कहते हैं।
स्टोरेज डिवाइसेज
कंप्यूटर की ऐसी डिवाइस, जिसमें कंप्यूटर के डाटा, प्रोग्राम एवं सूचना को लंबे समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है उन्हें स्टोरेज डिवाइस कहते हैं, जैसे-: हार्ड डिस्क ड्राइव, पेन ड्राइव,CD,DVD,SSD,RAM,ROM आदि।
स्टोरेज डिवाइसेज दो प्रकार की होती है-:
प्रायमरी स्टोरेज डिवाइसेस
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइसेज
प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस-:
ऐसे स्टोरेज डिवाइस जो कार्यशील प्रोग्राम के इनपुट एवं आउटपुट डेटा को स्टोर करती है, उन्हें प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस कहते हैं,जो निम्न हैं-
रेंडम एक्सेस मेमोरी
रीड ओनली मेमोरी।
Random access memory-:
रेंडम एक्सेस मेमोरी वह मेमोरी होती है जिसका उपयोग कंप्यूटर के किसी भी प्रोग्राम को एक्सेस करते समय उपयोग होने वाले (इनपुट एवं आउटपुट) डेटा को कुछ समय के लिए स्टोर करने में किया जाता है।
रैम एक वालेटाइल(अस्थाई) मेमोरी है अर्थात विद्युत सप्लाई बंद होने पर इसकी समस्त सूचनाएं नष्ट हो जाती है।
Read only memory-:
रीड ओनली मेमोरी कंप्यूटर सिस्टम के पूर्व निर्धारित प्रोग्राम को स्टोर करने वाली मेमोरी है। जिसका उपयोग,उपयोगकर्ता द्वारा नहीं किया जाता है।
यह एक प्रकार की नॉन वोलेटाइल(स्थाई) मेमोरी है अर्थात विद्युत की सप्लाई बंद होने पर भी इसकी समस्त सूचनाएं नष्ट नहीं होती हैं।
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइसेज-:
ऐसे स्टोरेज डिवाइस जो लंबे समय के लिए स्थाई रूप से डाटा को स्टोर कर सकते हैं उन्हें सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कहते हैं जैसे-: हार्ड डिक्स, फ्लॉपी डिस्क, पेनड्राइव आदि।
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस को तीन भागों में बांटा जा सकता है-
मैग्नेटिक डिस्क- हार्ड डिक्स, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप
ऑप्टिकल डिस्क- सीडी, डीवीडी, ब्लू रे डिक्स
सॉलि़ड स्टेट डिक्स- पेन ड्राइव, एसएसडी।
प्रमुख सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस निम्नलिखित हैं-:
हार्ड डिक्स-:
यह सबसे अधिक स्टोरेज क्षमता वाली वृत्ताकार स्टोरेज डिवाइस है। इसके डाटा को पढ़ा भी जा सकता है एवं एडिट भी किया जा सकता है।
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CD-:
सीडी का पूरा नाम है कंपैक्ट डिस्क यह ऐसे स्टोरेज डिवाइस है जिसके डाटा को सिर्फ पढ़ा जा सकता है इसके डाटा को एडिट नहीं किया जा सकता है।
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पेन ड्राइव-:
यह यूएसबी पोर्ट में प्लग होने वाला छोटे आकार का स्टोरेज डिवाइस है जिसमें हम अपनी पसंद के अनुसार डाटा को एडिट कर सकते हैं तथा इसके माध्यम से एक कंप्यूटर के डाटा को दूसरी कंप्यूटर में पहुंचा सकते हैं।
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प्रमुख प्रश्न एवं उत्तर(प्रश्न पर क्लिक करें और उत्तर जाने)
- कंप्यूटर मेमोरी क्या होती है?
- प्राइमरी मेमोरी क्या है?
- कंप्यूटर की सेकेंडरी मेमोरी क्या है?
- हार्ड डिस्क के बारे में बताएं?